जारुधि प्रदेश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:42, 10 सितम्बर 2012 का अवतरण (''''जारुधि प्रदेश''' संभवत: सरयू नदी का तटवर्ती प्रदेश ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जारुधि प्रदेश संभवत: सरयू नदी का तटवर्ती प्रदेश था। महाभारत, सभापर्व[1], दक्षिणात्य पाठ में इस प्रदेश का उल्लेख आया है।[2]

'दशाश्वमेघनाजह्ने जारुधिस्थान निरर्गलान्।'

'जलानि या तीरनिखातयूपा वहत्योध्यामनुराजधानीम्, तुरंगमेधावभृयावतीर्णे रिक्ष्वाकुभि: पुण्यतरीकृतानि।'

  • रामचंद्र जी ने भी पूर्व परम्परा के अनुकूल अश्वमेघ यज्ञ अपनी राजधानी अयोध्या के निकट सरयू तट पर ही संपादित किया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 38
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 363 |
  3. रघुवंश 13, 61

संबंधित लेख