सनातन तीर्थ
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सनातन तीर्थ का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य 'महाभारत' के अनुशासनपर्व में हुआ है-
'मतंगवाप्यां यः स्नायादेकरावेणसिद्धयति विगाहतिह्यनालंबमंधकं वै सनातनम्।[1]
- इस तीर्थ का उल्लेख नैमिषारण्य के ठीक पूर्व है, जिससे इसकी स्थिति नैमिषारण्य (उत्तर प्रदेश) के निकट मानी जा सकती है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 'महाभारत, अनुशासनपर्व 25, 32
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 932 |