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*प्राचीन [[गांधार महाजनपद|गंधार]] का एक भाग जो आजकल [[स्वात]] या [[चितराल]], [[पाकिस्तान|पश्चिम पाकिस्तान]] के [[उत्तर (दिशा)|उत्तर]]-[[पूर्व दिशा|पूर्व]] में स्थित, के नाम से प्रसिद्ध है।  
प्राचीन [[गांधार महाजनपद|गंधार]] का एक भाग जो आजकल स्वात या [[चितराल]] (पश्चिम [[पाकिस्तान]] के उत्तर-पूर्व में स्थित) के नाम से प्रसिद्ध है। [[बौद्ध]] काल में यहा अनेक विहार स्थित थे। चीनी पर्यटक [[ह्वेन त्सांग]] (520 ई.) के वर्णन के अनुसार [[बौद्ध साहित्य]] तथा कला में प्रसिद्ध बेस्संतर जातक की कथा की घटना स्थली यह नगर था।<ref>(देखें सुंगयुग का यात्रा विवरण; [[नागरीप्रचारिणी सभा]], [[काशी]], उपक्रम पृ. 23)</ref> उद्यान का वर्णन युवानच्वांग ने भी किया है। उद्यान देश में बसने वाले लोगों को अश्वक (ग्रीक अस्सकनीज) कहते थे। [[मार्कण्डेय पुराण]] तथा बृहत्संहिता में उन्हें उत्तर-पश्चिम की ओर स्थित बताया गया है। मंगलपुर में उद्यान की राजधानी थी। कुछ विद्वानों का मत है कि [[अफ़ग़ानिस्तान]] का वह भाग जो आजकल चमन कहलाता है प्राचीन 'उद्यान' है। दोनों नाम समानार्थक हैं। चमन का इलाका सदा से [[फल|फलों]] के बागों के लिए प्रसिद्ध रहा है।  
*[[बौद्ध|बौद्ध काल]] में यहाँ अनेक [[विहार]] स्थित थे।  
*चीनी पर्यटक [[ह्वेन त्सांग]] (520 ई.) के वर्णन के अनुसार [[बौद्ध साहित्य]] तथा कला में प्रसिद्ध '''बेस्संतर जातक''' की कथा की घटना स्थली यह नगर था।<ref>देखें सुंगयुग का यात्रा विवरण; [[नागरीप्रचारिणी सभा]], [[काशी]], उपक्रम पृ. 23</ref>  
*'''उद्यान''' का वर्णन [[युवानच्वांग]] ने भी किया है।  
*'''उद्यान देश''' में बसने वाले लोगों को [[अश्वक]] <ref>ग्रीक अस्सकनीज़</ref> कहते थे।  
*[[मार्कण्डेय पुराण]] तथा [[बृहत्संहिता]] में उन्हें [[उत्तर (दिशा)|उत्तर]]-[[पश्चिम]] की ओर स्थित बताया गया है।  
*'''मंगलपुर''' में उद्यान की राजधानी थी।  
*कुछ विद्वानों का मत है कि [[अफ़ग़ानिस्तान]] का वह भाग जो आजकल '''चमन''' कहलाता है प्राचीन 'उद्यान' है। दोनों नाम समानार्थक हैं।  
*चमन का इलाका सदा से [[फल|फलों]] के बागों के लिए प्रसिद्ध रहा है।  
 


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 97| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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==संबंधित लेख==
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. देखें सुंगयुग का यात्रा विवरण; नागरीप्रचारिणी सभा, काशी, उपक्रम पृ. 23
  2. ग्रीक अस्सकनीज़
  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 97| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


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