"सप्तसारस्वत": अवतरणों में अंतर
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<blockquote>'सप्तसारस्वतं तीर्थं ततोगच्छेन्नराधिप, यत्र मंकणकः सिद्धो महर्षिर्लोकविश्रुतः।'<ref>[[महाभारत]], [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]], 83, 115, 116</ref></blockquote> | <blockquote>'सप्तसारस्वतं तीर्थं ततोगच्छेन्नराधिप, यत्र मंकणकः सिद्धो महर्षिर्लोकविश्रुतः।'<ref>[[महाभारत]], [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]], 83, 115, 116</ref></blockquote> | ||
<blockquote>'सप्त सारस्वते स्नात्वा अर्चयिष्यन्ति येतु माम्, न तेषां दुर्लभं किंचिदिहलोके परत्र च।'<ref>महाभारत, वनपर्व 83, | <blockquote>'सप्त सारस्वते स्नात्वा अर्चयिष्यन्ति येतु माम्, न तेषां दुर्लभं किंचिदिहलोके परत्र च।'<ref>महाभारत, वनपर्व 83, 133</ref></blockquote> | ||
11:18, 21 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण
सप्तसारस्वत पुराणानुसार एक प्राचीन तीर्थ स्थान था, जो सरस्वती नदी के तट पर स्थित था।[1]
'सप्तसारस्वतं तीर्थं ततोगच्छेन्नराधिप, यत्र मंकणकः सिद्धो महर्षिर्लोकविश्रुतः।'[2]
'सप्त सारस्वते स्नात्वा अर्चयिष्यन्ति येतु माम्, न तेषां दुर्लभं किंचिदिहलोके परत्र च।'[3]
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