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शाल्वपुर, [[ | '''शाल्वपुर''' [[अलवर]], [[राजस्थान]] के परवर्ती प्रदेश का प्राचीन नाम, जिसका उल्लेख [[महाभारत]] में भी है। माना जाता है कि महाभारत कालीन राजा [[शाल्व]] ने इसे बसाया था। अलवर शायद 'शाल्वपुर' का [[अपभ्रंश]] है। | ||
*शाल्व नरेश ने [[काशी]] के राजा की सबसे बड़ी कन्या [[अंबा]] का, जो उससे [[विवाह]] करने की इच्छुक थी, [[भीष्म]] द्वारा हरण किये जाने पर उनके साथ युद्ध किया था, जिसका वर्णन [[महाभारत]], [[आदिपर्व महाभारत|आदिपर्व]]<ref>आदिपर्व 102</ref> में है।<ref name="aa">{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=896|url=}}</ref> | |||
*राजा शाल्व के पास 'सौभ' नामक एक अद्भुत नगराकार विमान था।<ref>[[महाभारत]], [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]] 14 से 22 तक</ref> इस विमान की सहायता से उसने [[श्रीकृष्ण]] की [[द्वारिका]] पर आक्रमण किया था। | |||
*'[[बुद्धचरित]]'<ref>बुद्धचरित 9,70</ref> में शाल्वाधिपति 'द्रुम' का उल्लेख है- | |||
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'तथैव शाल्वाधिपतिर्द्रु माख्यो वनात् ससूनुर्तगरं विवेश।'</blockquote> | |||
*महाभारत, वनपर्व<ref>महाभारत, वनपर्व 294,7</ref> के अनुसार, [[सावित्री]] के श्वसुर द्युमत्सेन शाल्व देश के राजा थे- | |||
<blockquote>'आसीच्छाल्वेषु धर्मातमा क्षत्रियः पृथिवीपतिः द्युमत्सेन इतिख्यातः पश्चादन्धो बभूव ह।'</blockquote> | |||
*[[अलवर]] का प्रचीन नाम शाल्वपुर कहा जाता है। संभव है, अलबर 'शाल्यपुर' का [[अपभ्रंश]] हो। | |||
*शाल्व निवासियों का [[विष्णुपुराण]]<ref>[[विष्णुपुराण]] 2,3,17</ref> में भी उल्लेख है- | |||
<blockquote>'सौवीरा सैंधबाहूणाः शाल्वाः कोशलवासिनः।'</blockquote> | |||
*[[महाभारत]] में [[शाल्व]] को 'मार्तिकावतक' का राजा कहा गया है। इस देश की स्थिति अलवर के परिवर्ती प्रदेश में मानी जाती है। किंवदंती में प्राचीन [[शाकल]] या वर्तमान [[स्यालकोट]] से भी राजा शाल्व का संबंध बताया जाता है।<ref name="aa"/> | |||
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09:14, 19 अगस्त 2014 का अवतरण
शाल्वपुर अलवर, राजस्थान के परवर्ती प्रदेश का प्राचीन नाम, जिसका उल्लेख महाभारत में भी है। माना जाता है कि महाभारत कालीन राजा शाल्व ने इसे बसाया था। अलवर शायद 'शाल्वपुर' का अपभ्रंश है।
- शाल्व नरेश ने काशी के राजा की सबसे बड़ी कन्या अंबा का, जो उससे विवाह करने की इच्छुक थी, भीष्म द्वारा हरण किये जाने पर उनके साथ युद्ध किया था, जिसका वर्णन महाभारत, आदिपर्व[1] में है।[2]
- राजा शाल्व के पास 'सौभ' नामक एक अद्भुत नगराकार विमान था।[3] इस विमान की सहायता से उसने श्रीकृष्ण की द्वारिका पर आक्रमण किया था।
- 'बुद्धचरित'[4] में शाल्वाधिपति 'द्रुम' का उल्लेख है-
'तथैव शाल्वाधिपतिर्द्रु माख्यो वनात् ससूनुर्तगरं विवेश।'
'आसीच्छाल्वेषु धर्मातमा क्षत्रियः पृथिवीपतिः द्युमत्सेन इतिख्यातः पश्चादन्धो बभूव ह।'
- अलवर का प्रचीन नाम शाल्वपुर कहा जाता है। संभव है, अलबर 'शाल्यपुर' का अपभ्रंश हो।
- शाल्व निवासियों का विष्णुपुराण[6] में भी उल्लेख है-
'सौवीरा सैंधबाहूणाः शाल्वाः कोशलवासिनः।'
- महाभारत में शाल्व को 'मार्तिकावतक' का राजा कहा गया है। इस देश की स्थिति अलवर के परिवर्ती प्रदेश में मानी जाती है। किंवदंती में प्राचीन शाकल या वर्तमान स्यालकोट से भी राजा शाल्व का संबंध बताया जाता है।[2]
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