"कांचनगिरि": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''कांचनगिरि''' विदेह के उत्तर कुरु व देवकुरु में सी...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "पृथक " to "पृथक् ")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''कांचनगिरि''' [[विदेह]] के [[उत्तर कुरु]] व देवकुरु में सीता व सीतोदा नदी के दोनों तटों पर पचास-पचास अथवा नदी के भीतर स्थित दस-दस द्रहों के दोनों ओर पाँच-पाँच करके, कंचन वर्ण वाले कूटाकार सौ-सौ [[पर्वत]] हैं। अर्थात् देवकुरु व उत्तर कुरु में पृथक-पृथक सौ-सौ हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.jainkosh.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%A8_%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BF |title=कांचन गिरि|accessmonthday= 21 नवम्बर|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
'''कांचनगिरि''' [[विदेह]] के [[उत्तर कुरु]] व देवकुरु में सीता व सीतोदा नदी के दोनों तटों पर पचास-पचास अथवा नदी के भीतर स्थित दस-दस द्रहों के दोनों ओर पाँच-पाँच करके, कंचन वर्ण वाले कूटाकार सौ-सौ [[पर्वत]] हैं। अर्थात् देवकुरु व उत्तर कुरु में पृथक-पृथक् सौ-सौ हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.jainkosh.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%9A%E0%A4%A8_%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%B0%E0%A4%BF |title=कांचन गिरि|accessmonthday= 21 नवम्बर|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>


*यह पर्वत वानर यूथपति [[केसरी वानर राज|केसरी]] का निवास स्थान था, जो [[श्रीराम]] के भक्त [[हनुमान]] के [[पिता]] थे।
*यह पर्वत वानर यूथपति [[केसरी वानर राज|केसरी]] का निवास स्थान था, जो [[श्रीराम]] के भक्त [[हनुमान]] के [[पिता]] थे।

13:29, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

कांचनगिरि विदेह के उत्तर कुरु व देवकुरु में सीता व सीतोदा नदी के दोनों तटों पर पचास-पचास अथवा नदी के भीतर स्थित दस-दस द्रहों के दोनों ओर पाँच-पाँच करके, कंचन वर्ण वाले कूटाकार सौ-सौ पर्वत हैं। अर्थात् देवकुरु व उत्तर कुरु में पृथक-पृथक् सौ-सौ हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कांचन गिरि (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 नवम्बर, 2013।
  2. अंजनी पुत्र हनुमान (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 21 नवम्बर, 2013।

संबंधित लेख