"प्रांगण:मुखपृष्ठ/धर्म": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 39: पंक्ति 39:
|-
|-


| class="bgdharm4" style="border:1px solid #b0b0ff;padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''विशेष आलेख'''</div>
| class="bgdharm6" style="border:1px solid #b0b0ff;padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''विशेष आलेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[कृष्ण]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[कृष्ण]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Krishn-title.jpg|right|150px|कृष्ण|link=कृष्ण]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Krishn-title.jpg|right|150px|कृष्ण|link=कृष्ण]] </div>
पंक्ति 48: पंक्ति 48:
*यह मत भी भ्रामक है कि [[ब्रज]] के कृष्ण, [[द्वारका]] के कृष्ण तथा महाभारत के कृष्ण एक न होकर अलग-अलग व्यक्ति थे।<balloon title="(श्रीकृष्ण की ऐतिहासिकता तथा तत्संबंधी अन्य समस्याओं के लिए देखिए- राय चौधरी-अर्ली हिस्ट्री आफ वैष्णव सेक्ट, पृ0 39, 52; आर0जी0 भंडारकार-ग्रंथमाला, जिल्द 2, पृ0 58-291; विंटरनीज-हिस्ट्री आफ इंडियन लिटरेचर, जिल्द 1, पृ0 456; मैकडॉनल तथा कीथ-वैदिक इंडेक्स, जि0 1, पृ0 184; ग्रियर्सन-एनसाइक्लोपीडिया आफ रिलीजंस (`भक्ति' पर निबंध); भगवानदास-कृष्ण; तदपत्रिकर-दि कृष्ण प्रायलम; पार्जीटर-ऎश्यंट इंडियन हिस्टारिकल ट्रेडीशन आदि।)" style=color:blue>*</balloon> '''[[कृष्ण|.... और पढ़ें]]'''
*यह मत भी भ्रामक है कि [[ब्रज]] के कृष्ण, [[द्वारका]] के कृष्ण तथा महाभारत के कृष्ण एक न होकर अलग-अलग व्यक्ति थे।<balloon title="(श्रीकृष्ण की ऐतिहासिकता तथा तत्संबंधी अन्य समस्याओं के लिए देखिए- राय चौधरी-अर्ली हिस्ट्री आफ वैष्णव सेक्ट, पृ0 39, 52; आर0जी0 भंडारकार-ग्रंथमाला, जिल्द 2, पृ0 58-291; विंटरनीज-हिस्ट्री आफ इंडियन लिटरेचर, जिल्द 1, पृ0 456; मैकडॉनल तथा कीथ-वैदिक इंडेक्स, जि0 1, पृ0 184; ग्रियर्सन-एनसाइक्लोपीडिया आफ रिलीजंस (`भक्ति' पर निबंध); भगवानदास-कृष्ण; तदपत्रिकर-दि कृष्ण प्रायलम; पार्जीटर-ऎश्यंट इंडियन हिस्टारिकल ट्रेडीशन आदि।)" style=color:blue>*</balloon> '''[[कृष्ण|.... और पढ़ें]]'''
|-
|-
| class="bgdharm5" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''चयनित लेख'''</div>
| class="bgdharm7" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''चयनित लेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[पुराण]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[पुराण]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Puran-1.png|right|150px|पुराण|link=पुराण]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Puran-1.png|right|150px|पुराण|link=पुराण]] </div>
पंक्ति 59: पंक्ति 59:
{| width="49%" align="right" cellpadding="1" cellspacing="5"
{| width="49%" align="right" cellpadding="1" cellspacing="5"
|-valign="top"
|-valign="top"
| class="bgdharm" style="border:1px solid #B0B0FF;padding:10px;width:50%;" valign="top" |   
| class="bgdharm8" style="border:1px solid #B0B0FF;padding:10px;width:50%;" valign="top" |   
<div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''कुछ चुने हुए लेख'''</div>
<div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''कुछ चुने हुए लेख'''</div>
* [[हिन्दू धर्म]]
* [[हिन्दू धर्म]]
पंक्ति 83: पंक्ति 83:
* [[गुरु नानक|नानक देव, गुरु]]
* [[गुरु नानक|नानक देव, गुरु]]
* [[जैन दर्शन और उसका उद्देश्य|जैन दर्शन]]
* [[जैन दर्शन और उसका उद्देश्य|जैन दर्शन]]
| class="bgdharm" style="border:1px solid #B0B0FF;padding:10px;width:50%;" valign="top" |   
| class="bgdharm8" style="border:1px solid #B0B0FF;padding:10px;width:50%;" valign="top" |   
<div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''धर्म श्रेणी वृक्ष'''</div>
<div style="padding-left:8px; background:#e9d1fc; border:thin solid #d196ff">'''धर्म श्रेणी वृक्ष'''</div>
<categorytree mode=pages>धर्म</categorytree>
<categorytree mode=pages>धर्म</categorytree>
पंक्ति 110: पंक्ति 110:
__NOTOC__
__NOTOC__
__NOEDITSECTION__
__NOEDITSECTION__
[[Category:प्रांगण]]
[[Category:प्रांगण]]

09:55, 15 दिसम्बर 2010 का अवतरण

मुखपृष्ठ भारत गणराज्य इतिहास पर्यटन साहित्य दर्शन धर्म संस्कृति भूगोल कला खेल भाषा विज्ञान
  • यहाँ हम भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
  • यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है।
  • आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
विशेष आलेख
कृष्ण
कृष्ण
  • सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
  • छांदोग्य उपनिषद (3,17,6), जिसमें देवकी पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य कहा है। परवर्ती साहित्य में श्रीकृष्ण को देव या विष्णु रूप में प्रदर्शित करने का भाव मिलता है।<balloon title="(दे0 तैत्तिरीय आरण्यक, 10, 1, 6; पाणिनि-अष्टाध्यायी, 4, 3, 98 आदि)" style=color:blue>*</balloon>
  • महाभारत तथा हरिवंश, विष्णु, ब्रह्म, वायु, भागवत, पद्म, देवी भागवत अग्नि तथा ब्रह्मवर्त पुराणों में उन्हें प्राय: भगवान के रूप में ही दिखाया गया है।
  • कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है। वे लोग जिन्हें हम साधारण रूप में नास्तिक या धर्म निरपेक्ष की श्रेणी में रखते हैं निश्चित रूप से भगवत गीता से प्रभावित हैं।
  • यह मत भी भ्रामक है कि ब्रज के कृष्ण, द्वारका के कृष्ण तथा महाभारत के कृष्ण एक न होकर अलग-अलग व्यक्ति थे।<balloon title="(श्रीकृष्ण की ऐतिहासिकता तथा तत्संबंधी अन्य समस्याओं के लिए देखिए- राय चौधरी-अर्ली हिस्ट्री आफ वैष्णव सेक्ट, पृ0 39, 52; आर0जी0 भंडारकार-ग्रंथमाला, जिल्द 2, पृ0 58-291; विंटरनीज-हिस्ट्री आफ इंडियन लिटरेचर, जिल्द 1, पृ0 456; मैकडॉनल तथा कीथ-वैदिक इंडेक्स, जि0 1, पृ0 184; ग्रियर्सन-एनसाइक्लोपीडिया आफ रिलीजंस (`भक्ति' पर निबंध); भगवानदास-कृष्ण; तदपत्रिकर-दि कृष्ण प्रायलम; पार्जीटर-ऎश्यंट इंडियन हिस्टारिकल ट्रेडीशन आदि।)" style=color:blue>*</balloon> .... और पढ़ें
चयनित लेख
पुराण
पुराण
  • पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है, ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों को मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण भी कहा जा सकता है।
  • पुराणों में हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी भाषा सरल और कथा कहानी की तरह है।
  • पुराण वस्तुतः वेदों का विस्तार हैं। वेद बहुत ही जटिल तथा शुष्क भाषा-शैली में लिखे गए हैं। वेदव्यास जी ने पुराणों की रचना और पुनर्रचना की।
  • पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण’ शब्दों की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ -‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ होता है। ‘पुरा’ शब्द का अर्थ है - अनागत एवं अतीत और ‘अण’ शब्द का अर्थ होता है- कहना या बतलाना।
  • संसार की रचना करते समय ब्रह्मा जी ने एक ही पुराण की रचना की थी। जिसमें एक अरब श्लोक थे। यह पुराण बहुत ही विशाल और कठिन था। .... और पढ़ें
कुछ चुने हुए लेख
धर्म श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

बुद्ध प्रतिमा, बोधगया, बिहार
बुद्ध प्रतिमा, बोधगया, बिहार

बुद्ध प्रतिमा, बोधगया, बिहार

संबंधित लेख