महाभारत शल्य पर्व अध्याय 2 श्लोक 64-70
द्वितीय (2) अध्याय: शल्य पर्व (ह्रदप्रवेश पर्व)
कर्ण के मारे जाने पर सेना के मुखस्थान पर खड़ा होने वाला कौन था ? कौर रथी अर्जुन और श्रीकृष्ण का सामना करने के लिये आगे बढ़ा ? युद्धस्थल में जूझने की इच्छावाले मद्रराज शल्य के दाहिने या बायें पहिये की रक्षा किन लोगों की ? अथवा उस वीर सेनापति के पृष्ठ-रक्षक कौन थे ? संजय ! तुम सब लोगों के एक साथ रहते हुए भी महारथी मद्रराज शल्य अथवा मेरा पुत्र दुर्योधन दोनों ही तुम्हारे सामने पाण्डवों के हाथ से कैसे मारे गये ? तुम भरतवंशियों के इस महान् विनाश का सारा वृत्तान्त यथार्थ रूप से बताओ। साथ ही यह भी कहो कि युद्धस्थल में मेरा पुत्र दुर्योधन किस प्रकार मारा गया ? समस्त पांचाल-सैनिक अपने सेवकों सहित कैसे मारे गये ? धृष्टघुम्न, शिखण्डी तथा द्रौपदी के पाँचों पुत्रों का वध किस प्रकार हुआ ? पाँचों पाण्डव, दोनों मधुवंशी वीर श्रीकृष्ण और सात्यकि, कृपाचार्य, कृतवर्मा और अश्वत्थामा-ये युद्धस्थल से किस प्रकार जीवित बच गये ? संजय ! जो युद्ध का वृत्तान्त जिस प्रकार और जैसे संघटित हुआ हो, वह सब इस समय मैं सुनना चाहता हूँ। तुम वह सब बताने में कुशल हो।
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