एरक हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत और मान्यताओं के अनुसार जनमेजय के सर्पयज्ञ में जला एक सर्प था, जो कौरव्य-वंश का उत्पन्न हुए था। वे वायु के समान वेगशाली और अत्यन्त विषैला था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 27 |
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