कालवीर्य सिंहिका और विप्रचित्ति के 13 पुत्रों में से एक था।[1]
- सिंहिका और विप्रचित्ति के 100 पुत्र कहे गये हैं।
- कालवीर्य हिरण्यकशिपु का भानजा था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 106 |
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