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*[[वसिष्ठ]] पत्नी, इसका पर्याय है [[अक्षमाला]] ।  
 
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*[[भागवत]] के अनुसार अरुन्धती [[कर्दम]] मुनि की महासाध्वी कन्या थी ।  
 
*[[भागवत]] के अनुसार अरुन्धती [[कर्दम]] मुनि की महासाध्वी कन्या थी ।  
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*[[वसिष्ठ]] का विवाह प्रजापति कर्दम की पुत्री [[अरुंधती]] [[कपिल मुनि]] की बहिन के साथ हुआ।
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*अरुंधती पति की अवरोधक नहीं थीं, उनका विरोध नहीं करतीं थीं, उसे छोड़ती नहीं थीं।
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*अरुंधती महासाध्वी, तेजस्वी, संस्कारी, पतिव्रता तपस्वी थीं।
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*अरुंधती स्थायी विवाह संबंध  की प्रतीक हैं।
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*वसिष्ठ अरुंधती का दाम्पत्य एक आदर्श माना जाता है।
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*[[सप्तर्षि|सप्तऋषियों]] के मध्य में वसिष्ठ के पास अरुंधती नामक तारा है।
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*[[विवाह]] में [[सप्तपदी]] के बाद नवविवाहिता को अरुंधती तारे का दर्शन कराया जाता है, जिससे अरुंधती की भांति ही उसका गृहस्थाश्रम स्थायी, सभी प्रकार से धन्य हो।
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*वसिष्ठ को अरुंधती  से शक्ति  सहित सौ पुत्र हुए थे।
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*शक्ति के पुत्र [[पराशर]] और पराशर के पुत्र [[व्यास]] थे।
 
*आकाश में [[सप्तर्षि|सप्तर्षियों]] के मध्य वसिष्ठ के पास अरुन्धती का तारा रहता है । जिसकी आयु पूर्ण हो चुकी है, वह इसको नहीं देख पाता: दीपक बुझने की गन्ध, मित्रों के वचन और अरुन्धती तारे को व्यतीत आयु वाले न सूँघते ,न सुनते और न देखते हैं । <ref>दीपनिर्वाणगन्धच्च सुहद्वाक्यमरुन्धतीम् । न जिघ्रन्ति न श्रृण्वन्ति न पश्यन्ति गतायुष:॥</ref>
 
*आकाश में [[सप्तर्षि|सप्तर्षियों]] के मध्य वसिष्ठ के पास अरुन्धती का तारा रहता है । जिसकी आयु पूर्ण हो चुकी है, वह इसको नहीं देख पाता: दीपक बुझने की गन्ध, मित्रों के वचन और अरुन्धती तारे को व्यतीत आयु वाले न सूँघते ,न सुनते और न देखते हैं । <ref>दीपनिर्वाणगन्धच्च सुहद्वाक्यमरुन्धतीम् । न जिघ्रन्ति न श्रृण्वन्ति न पश्यन्ति गतायुष:॥</ref>
 
*विवाह में [[सप्तपदी]] गमन के अनन्तर वर मन्त्र का उच्चारण करता हुआ वधू को अरुन्धती का दर्शन कराता है । अरुन्धती स्थायी विवाह सम्बन्ध का प्रतीक है ।
 
*विवाह में [[सप्तपदी]] गमन के अनन्तर वर मन्त्र का उच्चारण करता हुआ वधू को अरुन्धती का दर्शन कराता है । अरुन्धती स्थायी विवाह सम्बन्ध का प्रतीक है ।
  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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भारतीय संस्कृति के सर्जक, पेज न. (23)
 
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==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==

09:47, 15 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • वसिष्ठ पत्नी, इसका पर्याय है अक्षमाला
  • भागवत के अनुसार अरुन्धती कर्दम मुनि की महासाध्वी कन्या थी ।
  • वसिष्ठ का विवाह प्रजापति कर्दम की पुत्री अरुंधती कपिल मुनि की बहिन के साथ हुआ।
  • अरुंधती पति की अवरोधक नहीं थीं, उनका विरोध नहीं करतीं थीं, उसे छोड़ती नहीं थीं।
  • अरुंधती महासाध्वी, तेजस्वी, संस्कारी, पतिव्रता तपस्वी थीं।
  • अरुंधती स्थायी विवाह संबंध की प्रतीक हैं।
  • वसिष्ठ अरुंधती का दाम्पत्य एक आदर्श माना जाता है।
  • सप्तऋषियों के मध्य में वसिष्ठ के पास अरुंधती नामक तारा है।
  • विवाह में सप्तपदी के बाद नवविवाहिता को अरुंधती तारे का दर्शन कराया जाता है, जिससे अरुंधती की भांति ही उसका गृहस्थाश्रम स्थायी, सभी प्रकार से धन्य हो।
  • वसिष्ठ को अरुंधती से शक्ति सहित सौ पुत्र हुए थे।
  • शक्ति के पुत्र पराशर और पराशर के पुत्र व्यास थे।
  • आकाश में सप्तर्षियों के मध्य वसिष्ठ के पास अरुन्धती का तारा रहता है । जिसकी आयु पूर्ण हो चुकी है, वह इसको नहीं देख पाता: दीपक बुझने की गन्ध, मित्रों के वचन और अरुन्धती तारे को व्यतीत आयु वाले न सूँघते ,न सुनते और न देखते हैं । [1]
  • विवाह में सप्तपदी गमन के अनन्तर वर मन्त्र का उच्चारण करता हुआ वधू को अरुन्धती का दर्शन कराता है । अरुन्धती स्थायी विवाह सम्बन्ध का प्रतीक है ।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय संस्कृति के सर्जक, पेज न. (23)

  1. दीपनिर्वाणगन्धच्च सुहद्वाक्यमरुन्धतीम् । न जिघ्रन्ति न श्रृण्वन्ति न पश्यन्ति गतायुष:॥

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