एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

चालो मान गंगा जमुना तीर गंगा जमुना तीर -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रीति चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:51, 8 सितम्बर 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
चालो मान गंगा जमुना तीर गंगा जमुना तीर -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

राग सूहा

चालो मन गंगा जमुना तीर।

गंगा जमुना निरमल पाणी सीतल होत सरीर।
बंसी बजावत गावत कान्हो[1], संग लियो बलबीर[2]

मोर मुगट पीताम्बर सोहे कुण्डल झलकत[3] हीर।
मीराके प्रभु गिरधर नागर चरण कंवल पर सीर[4]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कन्हैया
  2. कृष्ण के बड़े भाई बलराम
  3. जगमगाते हैं
  4. सिर

संबंधित लेख