हमरे चीर दे बनवारी॥ध्रु०॥ लेकर चीर कदंब पर बैठे। हम जलमां नंगी उघारी॥1॥ तुमारो चीर तो तब नही। देउंगा हो जा जलजे न्यारी॥2॥ ऐसी प्रभुजी क्यौं करनी। तुम पुरुख हम नारी॥3॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुम जीते हम हारी॥4॥