राग त्रिवेनी (मेरे) नैना निपट[1] बंकट[2] छबि अटके॥ देखत रूप मदनमोहनको पियत पियूख[3] न मटके। बारिज भवां[4] अलक टेढ़ी मनौ अति सुगंधरस अटके[5]॥ टेढ़ी कटि टेढ़ी कर मुरली टेढ़ी पाग लर[6] लटके[7]। मीरा प्रभु के रूप लुभानी गिरधर नागर नटके[8]॥