कौन भरे जल जमुना। सखीको.॥ध्रु.॥ बन्सी बजावे मोहे लीनी। हरीसंग चली मन मोहना॥1॥ शाम हटेले बडे कवटाले। हर लाई सब ग्वालना॥2॥ कहे मीरा तुम रूप निहारो। तीन लोक प्रतिपालना॥3॥