सुमन आयो बदरा। श्यामबिना सुमन आयो बदरा॥ध्रु०॥ सोबत सपनमों देखत शामकू। भरायो नयन निकल गयो कचरा॥1॥ मथुरा नगरकी चतुरा मालन। शामकू हार हमकू गजरा॥2॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। समय गयो पिछे मीट गया झगरा॥3॥