आओ सहेल्हां रली करां है पर घर गवण निवारि -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:29, 1 अक्टूबर 2012 का अवतरण (Text replace - " जमीन" to " ज़मीन")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
आओ सहेल्हां रली करां है पर घर गवण निवारि -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

राग हमीर

आओ सहेल्हां रली करां[1] है पर घर गवण[2] निवारि॥

झूठा माणिक मोतिया री झूठी जगमग जोति।
झूठा आभूषण री, सांची पियाजी री प्रीति॥

झूठा पाट पटंबरा रे, झूठा दिखडणी[3] चीर[4]
सांची पियाजी री गूदड़ी, जामें निरमल रहे सरीर॥

छपन भोग बुहाय देहे[5] इण भोगन में दाग[6]
लूण अलूणो[7] ही भलो है अपणे पियाजीरो साग॥

देखि बिराणे[8] निवांणकूं[9] है क्यूं उपजावे खीज[10]
कालर अपणो ही भलो है, जामें निपजै चीज॥

छैल बिराणो लाखको[11] है अपणे काज न होय।
ताके संग सीधारतां है भला न कहसी कोय॥

बर हीणो अपणो भलो है कोढी कुष्टी कोय।
जाके संग सीधारतां है भला कहै सब लोय॥

अबिनासीसूं बालबा[12] हे जिनसूं सांची प्रीत।
मीरा कूं प्रभुजी मिल्या है ए ही भगतिकी रीत॥

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आनन्द मनायें
  2. जाना-आना
  3. दक्षिणी, दक्षिण में बननेवाला एक कीमती वस्त्र
  4. साड़ी
  5. बहा दो
  6. दोष
  7. बिना नमक का
  8. पराये
  9. उपजाऊ ज़मीन
  10. द्वेष
  11. लाखों का, अनमोल
  12. बालम, प्रियतम

संबंधित लेख