"हरि गुन गावत नाचूंगी -मीरां": अवतरणों में अंतर

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आपने मंदिरमों बैठ बैठकर। गीता भागवत बाचूंगी॥1॥
आपने मंदिरमों बैठ बैठकर। गीता भागवत बाचूंगी॥1॥
ग्यान ध्यानकी गठरी बांधकर। हरीहर संग मैं लागूंगी॥2॥
ग्यान ध्यानकी गठरी बांधकर। हरीहर संग मैं लागूंगी॥2॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सदा प्रेमरस चाखुंगी॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सदा प्रेमरस चाखुंगी॥3॥


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10:11, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

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हरि गुन गावत नाचूंगी -मीरां
मीरांबाई
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

हरि गुन गावत नाचूंगी॥ध्रु०॥
आपने मंदिरमों बैठ बैठकर। गीता भागवत बाचूंगी॥1॥
ग्यान ध्यानकी गठरी बांधकर। हरीहर संग मैं लागूंगी॥2॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सदा प्रेमरस चाखुंगी॥3॥

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