"सहेलियां साजन घर आया हो -मीरां": अवतरणों में अंतर
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पिया मोहि दरसण दीजै हो। | पिया मोहि दरसण दीजै हो। | ||
बेर बेर मैं टेरहूं <ref>पुकारती हूँ </ref>, या किरपा कीजै हो॥ | बेर बेर मैं टेरहूं <ref>पुकारती हूँ </ref>, या किरपा कीजै हो॥ | ||
जेठ महीने जल बिना पंछी <ref>पक्षियों को</ref> | जेठ महीने जल बिना पंछी <ref>पक्षियों को</ref> दु:ख होई हो। | ||
मोर असाढ़ा <ref>आषाढ़ में</ref> कुरलहे <ref>करुण शब्द बोलते हैं</ref> घन <ref>बादल</ref> चात्रा <ref>चातक</ref> सोई हो॥ | मोर असाढ़ा <ref>आषाढ़ में</ref> कुरलहे <ref>करुण शब्द बोलते हैं</ref> घन <ref>बादल</ref> चात्रा <ref>चातक</ref> सोई हो॥ | ||
सावण में झड़ लागियो, सखि तीजां <ref>सावन सुदी तीज का त्यौहार</ref> खेलै हो। | सावण में झड़ लागियो, सखि तीजां <ref>सावन सुदी तीज का त्यौहार</ref> खेलै हो। | ||
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बैसाख बणराइ फूलवै <ref>फूलती जाती है</ref> कोमल कुरलीजै <ref>करुण बोल बोलती है</ref> हो॥ | बैसाख बणराइ फूलवै <ref>फूलती जाती है</ref> कोमल कुरलीजै <ref>करुण बोल बोलती है</ref> हो॥ | ||
काग उड़ावत <ref>कौआ उड़ा-उड़ाकर</ref> दिन गया बूझूं पंडित जोसी<ref>ज्योतिषी</ref> हो। | काग उड़ावत <ref>कौआ उड़ा-उड़ाकर</ref> दिन गया बूझूं पंडित जोसी<ref>ज्योतिषी</ref> हो। | ||
मीरा बिरहण व्याकुली दरसण | मीरा बिरहण व्याकुली दरसण क़द होसी <ref>होगा</ref> हो॥ | ||
14:00, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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राग देस |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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