"लक्ष्मण धीरे चलो मैं हारी -मीरां": अवतरणों में अंतर
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लक्ष्मण धीरे चलो मैं हारी॥ध्रु०॥ | लक्ष्मण धीरे चलो मैं हारी॥ध्रु०॥ | ||
रामलक्ष्मण दोनों भीतर। बीचमें सीता | रामलक्ष्मण दोनों भीतर। बीचमें सीता प्यारी॥1॥ | ||
चलत चलत मोहे छाली पड गये। तुम जीते मैं हारी॥२॥ | चलत चलत मोहे छाली पड गये। तुम जीते मैं हारी॥२॥ | ||
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारी॥३॥ | मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल बलिहारी॥३॥ |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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