"म्हांरे घर होता जाज्यो राज -मीरां": अवतरणों में अंतर
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म्हे तो बुरी छां<ref>हूं</ref> थांके भली छै, घणोरी<ref>बहुत</ref> तुम हो एक रसराज। | म्हे तो बुरी छां<ref>हूं</ref> थांके भली छै, घणोरी<ref>बहुत</ref> तुम हो एक रसराज। | ||
थांने हम सब ही की चिंता, (तुम) सबके हो | थांने हम सब ही की चिंता, (तुम) सबके हो ग़रीबनिवाज॥ | ||
सबके मुगट सिरोमणि सिरपर, मानीं पुन्यकी पाज।<ref>पुल,मर्यादा</ref> | सबके मुगट सिरोमणि सिरपर, मानीं पुन्यकी पाज।<ref>पुल,मर्यादा</ref> |
09:20, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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राग सिंध भैरवी |