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भज मन शंकर भोलानाथ भज मन॥ध्रु०॥
 
भज मन शंकर भोलानाथ भज मन॥ध्रु०॥
 
अंग विभूत सबही शोभा। ऊपर फुलनकी बास॥1॥
 
अंग विभूत सबही शोभा। ऊपर फुलनकी बास॥1॥
एकहि लोटाभर जल चावल। चाहत ऊपर बेलकी पात॥२॥
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एकहि लोटाभर जल चावल। चाहत ऊपर बेलकी पात॥2॥
 
मीरा कहे प्रभू गिरिधर नागर। पूजा करले समजे आपहि आप॥३॥
 
मीरा कहे प्रभू गिरिधर नागर। पूजा करले समजे आपहि आप॥३॥
  

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भज मन शंकर भोलानाथ भज मन -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

भज मन शंकर भोलानाथ भज मन॥ध्रु०॥
अंग विभूत सबही शोभा। ऊपर फुलनकी बास॥1॥
एकहि लोटाभर जल चावल। चाहत ऊपर बेलकी पात॥2॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर नागर। पूजा करले समजे आपहि आप॥३॥

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