"आई ती ते भिस्ती जनी जगत देखके रोई -मीरां": अवतरणों में अंतर
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आई ती ते भिस्ती जनी | आई ती ते भिस्ती जनी जगत् देखके रोई। | ||
मातापिता भाईबंद सात | मातापिता भाईबंद सात नहीं कोई। | ||
मेरो मन रामनाम दुजा | मेरो मन रामनाम दुजा नहीं कोई॥ध्रु.॥ | ||
साधु संग बैठे लोक लाज खोई। अब तो बात फैल गई। | साधु संग बैठे लोक लाज खोई। अब तो बात फैल गई। | ||
जानत है सब कोई॥1॥ | जानत है सब कोई॥1॥ |
13:48, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
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आई ती ते भिस्ती जनी जगत् देखके रोई। |