प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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पावणड़ा म्हांके भलां ही पधारया सब ही सुघारण काज।। | पावणड़ा म्हांके भलां ही पधारया सब ही सुघारण काज।। | ||
म्हे तो बुरी छां थांके भली छै घणेरी तुम हो एक रसराज। | म्हे तो बुरी छां थांके भली छै घणेरी तुम हो एक रसराज। | ||
थाने हम सब ही की चिंता (तुम) सबके हो | थाने हम सब ही की चिंता (तुम) सबके हो ग़रीब निवाज।। | ||
सबके मुकुट-सिरोमणि सिर पर मानो पुन्य की पाज। | सबके मुकुट-सिरोमणि सिर पर मानो पुन्य की पाज। | ||
मीराके प्रभु गिरधर नागर बांह गहे की लाज।। | मीराके प्रभु गिरधर नागर बांह गहे की लाज।। |
09:17, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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म्हारे घर होता जाज्यो राज। |