हारे मारे शाम काले मळजो -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
ऋचा (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:14, 7 सितम्बर 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
हारे मारे शाम काले मळजो -मीरां
मीरांबाई
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

हारे मारे शाम काले मळजो। पेलां कह्या बचन पाळजो॥ध्रु.॥
जळ जमुना जळ पाणी जातां। मार्ग बच्चे वेहेला वळजो॥1॥
बाळपननी वाहिली दासी। प्रीत करी परवर जो॥2॥
वाटे आळ न करिये वाहला। वचन कह्युं तें सुनजो॥3॥
घणोज स्नेह थयाथी गिरिधर। लोललज्जाथी बळजो॥4॥
मीरा कहे गिरिधर नागर। प्रीत करी ते पाळजो॥5॥

संबंधित लेख