सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - "१" to "1")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है -मीरां
मीरांबाई
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पितांबर शोभे। कुंडलकी झकझोल॥स० 1॥
सासु बुरी मेरी नणंद हटेली। छोटो देवर चोर॥स० २॥
ब्रिंदावनकी कुंजगलिनमें। नाचत नंद किशोर॥स० ३॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर। नागर चरणकमल चितचोर॥स० ४॥

संबंधित लेख