भोलानाथ दिंगबर ये दुःख मेरा हरोरे -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:21, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - "५" to "5")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
भोलानाथ दिंगबर ये दुःख मेरा हरोरे -मीरां
मीरांबाई
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

भोलानाथ दिंगबर ये दुःख मेरा हरोरे॥ध्रु०॥
शीतल चंदन बेल पतरवा मस्तक गंगा धरीरे॥1॥
अर्धांगी गौरी पुत्र गजानन चंद्रकी रेख धरीरे॥2॥
शिव शंकरके तीन नेत्र है अद्‌भूत रूप धरोरे॥3॥
आसन मार सिंहासन बैठे शांत समाधी धरोरे॥4॥
मीरा कहे प्रभुका जस गांवत शिवजीके पैयां परोरे॥5॥

संबंधित लेख