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09:01, 26 जून 2011 का अवतरण

  • धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी के भाई अचल तथा वृषक बहुत अच्छे योद्धा थे।
  • उनका अर्जुन से युद्ध हुआ। वे दोनों ही अर्जुन के सामने टिक नहीं पाये। दोनों को अर्जुन ने एक बाण से बींध डाला था, क्योंकि रथ का घोड़ा मारे जाने के कारण वृषक अचल के रथ पर उससे सटकर खड़ा था।
  • वृषक और अचल के वध से क्रुद्ध होकर शकुनि ने अनेक प्रकार से माया का प्रयोग किया।
  • अर्जुन के रथ के चारों और अंधकार घिर गया। सब ओर से तरह-तरह के अस्त्रों ने अर्जुन को बेधना आरम्भ कर दिया तथा अनेक प्रकार के पशुओं ने अर्जुन पर चारों ओर से धावा बोल दिया।
  • अर्जुन ने ज्योतिर्मय अस्त्र से अंधकार का नाश कर डाला तथा आदित्यास्त्र से वर्षा का निवारण किया।
  • भयभीत होकर शकुनि युद्ध क्षेत्र से भाग गया। अर्जुन के बाण रथ, घोड़ों इत्यादि का नाश कर धरती में समाते गये।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

विद्यावाचस्पति, डॉ. उषा पुरी भारतीय मिथक कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नेशनल पब्लिशिग हाउस, नयी दिल्ली, पृष्ठ सं 08।

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