आँख पथराना

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आँख पथराना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ-

  1. मरणासत्र होने के समय पुतलियों का निश्चल होना।
  2. टक लगाकर राह देखते रहने के कारण आँखों का कठोर तथा निश्चल हो जाना।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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