उधार खाए बैठना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है ।
अर्थ -किसी काम या बात पर तुले होना।
प्रयोग -
- मटके की भाँति तोंद निकली हुई है। लेकिन आज भी अपना नृत्य-कौशल दिखाने पर उधार खाए हुए है।-(प्रेमचंद)
- कुछ लोग तो उधार खाए बैठे है कि कोई बात हो और विरोध करें।-(भानुशंकर)