छुई-मुई एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
- अत्यंत कोमल।
- अत्यंत लज्जाशील।
प्रयोग- मैं वीर पत्नी हूँ, समझकर बढ़ना। छुई-मुई नहीं हूँ कि तुम्हारे उँगली उठाने से मुरझा जाऊँ।
छुई-मुई एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
प्रयोग- मैं वीर पत्नी हूँ, समझकर बढ़ना। छुई-मुई नहीं हूँ कि तुम्हारे उँगली उठाने से मुरझा जाऊँ।