कोर दबना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- किसी के दबाव या वश में होना।
प्रयोग- जिससे चार आँखें हुईं उसने ज़मीन चूमकर सलाम किया, अच्छे अच्छे बाँकों की कोर दबने लगी। (प्रेमचंद)
कोर दबना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- किसी के दबाव या वश में होना।
प्रयोग- जिससे चार आँखें हुईं उसने ज़मीन चूमकर सलाम किया, अच्छे अच्छे बाँकों की कोर दबने लगी। (प्रेमचंद)