कालिख पोतना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- कलंकित करना।
प्रयोग- अब मेरी जान बख्शो मालती, क्यों मेरे मुँह पर कालिख पोत रही है। (प्रेमचंद)
कालिख पोतना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- कलंकित करना।
प्रयोग- अब मेरी जान बख्शो मालती, क्यों मेरे मुँह पर कालिख पोत रही है। (प्रेमचंद)