भाड़ में जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- राख होना, नष्ट होना।
प्रयोग- बस इनकी जगह बनी रहे, ये दोनो हाथ से ज़्यादा से ज़्यादा लूटते रहें है। देश जाए भाड़ में। (गिरिधर गोपाल)
भाड़ में जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- राख होना, नष्ट होना।
प्रयोग- बस इनकी जगह बनी रहे, ये दोनो हाथ से ज़्यादा से ज़्यादा लूटते रहें है। देश जाए भाड़ में। (गिरिधर गोपाल)