आ धमकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- सहसा विशेषत: अवांछित रुप से कहीं आना या पहुँचना।
प्रयोग-
- अभी अपनी दुकान खोली थी, बोहनी किराया माँगने के लिए आ धमके।
- अभी यह विपत्ति टली नहीं कि उधर फोड़े के ऊपर फुंसी के समान दूसरी विपत्ति आ धमकी हैं। - (सीताराम चतुर्वेदी)