गाल में चावल भरे होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- मुँह से ठीक तरह बात न निकलना।
प्रयोग- अरे उस व्यक्ति के मुँह में मानों जैसे हमेशा ही 'चावल भरे रहते' हैं। उसके मुँह से निकला हुआ एक भी शब्द समझ ही नहीं आता।
गाल में चावल भरे होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- मुँह से ठीक तरह बात न निकलना।
प्रयोग- अरे उस व्यक्ति के मुँह में मानों जैसे हमेशा ही 'चावल भरे रहते' हैं। उसके मुँह से निकला हुआ एक भी शब्द समझ ही नहीं आता।