प्रभा तिवारी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
'''प्रयोग'''- | '''प्रयोग'''- | ||
#उसने करवट बदलने की कोशिश की ज़रा हिली कि रग रग में दर्द दौड़ गया। ([[शिवानी]]) | #उसने करवट बदलने की कोशिश की ज़रा हिली कि रग रग में दर्द दौड़ गया। ([[शिवानी]]) | ||
#ज़माना | #ज़माना रुकता नही वह तो करवटें बदलता रहता है। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | [[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:06, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
करवट बदलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ-
- लेटे हुए व्यक्ति का एक बल से दूसरे बल घूमना।
- एक दल या पक्ष छोड़कर दूसरे में जाना।
- स्थिति में परिवर्तन आना।
प्रयोग-
- उसने करवट बदलने की कोशिश की ज़रा हिली कि रग रग में दर्द दौड़ गया। (शिवानी)
- ज़माना रुकता नही वह तो करवटें बदलता रहता है।