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'''अर्थ'''- अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना।
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'''प्रयोग'''- और चालाकी देखो, ऊपर ही ऊपर काम करनेवाले लोगों को खिला-पिलाकर मुक़दमे का फैसला भी करा लिया गया। न पेशी हुई और न मुक़दमा चला, न बयान लिए, न गवाह गुज़रे। -- भूषण वनमाली।  
'''प्रयोग'''- और चालाकी देखो, ऊपर ही ऊपर काम करने वाले लोगों को खिला-पिलाकर मुक़दमे का फैसला भी करा लिया गया। न पेशी हुई और न मुक़दमा चला, न बयान लिए, न '''गवाह गुज़रे'''। ...(भूषण वनमाली)  




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12:41, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

गवाह गुज़रना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना।

प्रयोग- और चालाकी देखो, ऊपर ही ऊपर काम करने वाले लोगों को खिला-पिलाकर मुक़दमे का फैसला भी करा लिया गया। न पेशी हुई और न मुक़दमा चला, न बयान लिए, न गवाह गुज़रे। ...(भूषण वनमाली)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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