(''''जवाब दे जाना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे|...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लो�) |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''जवाब दे जाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है। | '''जवाब दे जाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है। | ||
'''अर्थ'''- यह कहना कि (अब या आगे से) काम नहीं करेंगे। | '''अर्थ''' - यह कहना कि (अब या आगे से) काम नहीं करेंगे। | ||
'''प्रयोग''' - हमारा नौकर तो आज 'जवाब दे' गया है। | |||
'''अर्थ''' - काम करने लायक न रह जाना, शक्ति या सामर्थ्य से रहित होना। | |||
'''प्रयोग''' - | |||
#मन ही मन सोचा कि अब परदेश झेलने लायक काया नहीं है। बुढ़ापे का शरीर जाने कब 'जवाब दे' जाए। ...(अजित पुष्कल) | |||
#सामने दीवार पर कड़वे तेल का दीया जल रहा था, जिसकी बत्ती बार-बार एक नौजवान लड़ई दियासलाई के तिनके से उभार रही थी ताकि वह टिमटिमाती रोशनी भी कहीं 'जवाब न दे' जाए। ...(भूषण वनमाली) | |||
'''अर्थ''' - रहित हो जाना। | |||
'''प्रयोग''' - उनकी हिम्मत जवाब दे गई। ...(सुशीला गुप्ता) | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | [[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:44, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
जवाब दे जाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ - यह कहना कि (अब या आगे से) काम नहीं करेंगे।
प्रयोग - हमारा नौकर तो आज 'जवाब दे' गया है।
अर्थ - काम करने लायक न रह जाना, शक्ति या सामर्थ्य से रहित होना।
प्रयोग -
- मन ही मन सोचा कि अब परदेश झेलने लायक काया नहीं है। बुढ़ापे का शरीर जाने कब 'जवाब दे' जाए। ...(अजित पुष्कल)
- सामने दीवार पर कड़वे तेल का दीया जल रहा था, जिसकी बत्ती बार-बार एक नौजवान लड़ई दियासलाई के तिनके से उभार रही थी ताकि वह टिमटिमाती रोशनी भी कहीं 'जवाब न दे' जाए। ...(भूषण वनमाली)
अर्थ - रहित हो जाना।
प्रयोग - उनकी हिम्मत जवाब दे गई। ...(सुशीला गुप्ता)