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12:48, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
गाल में चावल भरे होना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- मुँह से ठीक तरह बात न निकलना।
प्रयोग- अरे उस व्यक्ति के मुँह में मानों जैसे हमेशा ही 'चावल भरे रहते' हैं। उसके मुँह से निकला हुआ एक भी शब्द समझ ही नहीं आता।