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! style="width:30%"|कहावत लोकोक्ति मुहावरे
! style="width:70%"| अर्थ
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| 1-आसमान से गिरा खजूर में अटका।
| अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना।
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*  आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात, आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा।
2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत।  
* आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक।
*  आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ।
*  आओ-आओ घर तुम्हारा, खाना माँगे दुश्मन हमारा।
*  आग का जला आग ही से अच्छा होता है।
*  आग खाएगा तो अंगार उगलेगा
*  आग बिना धुआँ नहीं।
*  आग लगने पर कुआं खोदना।
*  आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे।
*  आगे नाथ न पीछे पगहा।
*  आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,<br />
टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह।
* आसमान से गिरा खजूर में अटका।
आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत।<br />
नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।।
नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।।
आद्रा में जौ बोवै साठी। <br />
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अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा।
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|3- आद्रा में जौ बोवै साठी।  
दु:खै मारि निकारै लाठी।।
दु:खै मारि निकारै लाठी।।
आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।।
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आस-पास रबी बीच में खरीफ। <br />
अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है।
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|4- आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।।
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अर्थ - यदि आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो और पुनर्वसु नक्षत्र में पानी न बरसे तो ऐसी फ़सल होगी कि कोई दिया हुआ अन्न नहीं खाएगा।
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|5- आस-पास रबी बीच में खरीफ। <br />
नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।।
नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।।
*  [[आँख के अंधे नाम नैनसुख]]
*  [[आटे के साथ घुन|आटे के साथ घुन भी पिसता है।]]
*  आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर।
*  [[आम के आम|आम के आम गुठलियों के दाम।]]
*  आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस।
*  आँख ओट पहाड़ ओट।
*  आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़।
*  आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक।
*  आँख बची और माल दोस्तों का।
*  आँख सुख कलेजे ठंडक।
*  आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक।
*  आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए, बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए।
*  आठ वार नौ त्योहार।
* आदमी की दवा आदमी है।
* आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।
*  आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे।
*  आदमी पानी का बुलबुला है।
*  आधा तीतर आधी बटेर।
*  आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
*  आप काज़ महा काज़।
* आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख।
*  आप भला तो जग भला।
|
|
* आप मरे जग परलय।
अर्थ - खरीफ की फ़सल के बीच में रबी की फ़सल अच्छी नहीं होती है।
* आप मरे बिन स्वर्ग न जावे।
|-
* आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश।
|6- आँख के अंधे नाम नैनसुख।
आपा तजे तो हरि को भजे।
|
आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी।
अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना।
आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार।
|-
आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम।
|7- [[आटे के साथ घुन|आटे के साथ घुन भी पिसता है।]]
आए की खुशी न गए का गम।
|
* आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है।
आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे।
|-
* आसमान का थूका मुँह पर आता है।
|8- आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर।
आसमान से गिरा खजूर पर अटका।
|
आकाश से बातें करना।
अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न  होता है्।
आकाश पाताल एक करना।
|-
आग पर तेल छिड़कना।
|9- [[आम के आम|आम के आम गुठलियों के दाम]]।
आग पर पानी डालना।
|
* आग पानी या आग और फूल का बैर होना।
अर्थ - दोहरा लाभ होना।
* आग बबूला होना।
|-
* आग में कूदना।
|10- आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस।
* आग लगने पर कुआँ खोदना।
|
* आग लगाकर तमाशा देखना।
अर्थ - व्यर्थ का आडम्बर रचना।
* आगा-पीछा करना।
|-
* आगे का पैर पीछे पड़ना।
|11- आँख ओट पहाड़ ओट।
आटा गीला होना।
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* आटे के साथ घुन पीसना।
अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए।
आटे दाल का भाव मालूम होना।
|-
आठ-आठ आँसू रोना।
|12- आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़।
* आड़े आना।
|
* आड़े हाथों लेना।   
अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं।
आधा तीतर आधा बटेर।
|-
* आपे से बाहर होना।
|13- आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक।
आव न देखा ताव।
|
आवाज़ उठाना।
अर्थ - आँख के आगे परदा पड़ा है तो क्या रास्ता सूझेगा।
* आसन डोलना।
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* आसमान के तारे तोड़ना।
|14- आँख बची और माल दोस्तों का।
आसमान टूट पड़ना।
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आसमान पर चढ़ा देना।
अर्थ - पलक झपकने से माल गायब हो सकता है।
आसमान पर दिमाग होना।
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*  आसमान फट पड़ना।
|15- आँख सुख कलेजे ठंडक।
*  आसमान सिर पर उठाना।
|
*  आस्तीन का साँप।
अर्थ - परम शान्ति का होना।
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|16- आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक।
|
अर्थ - बनावटी दु:ख प्रकट करना।
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|17- आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात,<br />
आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा।
|
अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही।
|-
|18- आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक।
|
अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है ।
|-
|19- आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ।
|
अर्थ - लाइलाज बीमारी।
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|20- आओ-आओ घर तुम्हारा, <br />
खाना माँगे दुश्मन हमारा।
|
अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना ।
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|21- आस्तीन का साँप।
|
अर्थ - विश्वासघाती मित्र।
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|22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है।
|
अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है।
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|23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा
|
अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है।
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|24- आग बिना धुआँ नहीं।
|
अर्थ - हर चीज़ का कारण अवश्य ही होता है।
|-
|25- आग लगने पर कुआं खोदना।
|
अर्थ - आवश्यकता पड़ने पर काम करना, पहले से कुछ न करना।
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|26- आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे।
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अर्थ - जिधर जाएँ उधर ही मुसीबत आना।
|-
|27- आगे नाथ न पीछे पगहा।
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अर्थ - किसी का भी बंधन ना होना, पूर्णत: बंधनरहित होना।
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|28- आज का बनिया कल का सेठ।
|
अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है अर्थात् उन्नति करता है।
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|29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,<br />
टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह।
|
अर्थ - उम्मीदें कभी कभी विफल भी हो जाती हैं।
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|30- आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए,<br />
बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए।
|
अर्थ - ऐसी वस्तु जिसे बचाने में कठिनाई हो, जिसकी रक्षा करना मुश्किल हो जाए ।
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|31- आठ कनौजिया नौ चूल्हे।
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अर्थ - अलगाव की स्थिति होना।
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|32- आठ वार नौ त्योहार।
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अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना।
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|33- आदमी की दवा आदमी है।
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अर्थ - मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है या मनुष्य ही मनुष्य की सहायता करते हैं।
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|34- आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।
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अर्थ - आदमी बेकार की सुख-सुविधा जुटाने में लगा रहता है, जीवन के लिए ज़रूरी ज़रूरतें तो कम ही होती हैं।
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|35- आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे।
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अर्थ - व्यक्ति व्यवहार से और सोना कसौटी पर कसने से पहचाना जाता है।
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|36- आदमी पानी का बुलबुला है।
|
अर्थ - मनुष्य का जीवन नाशवान है, इसीलिए यह जीवन अनमोल है।
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|37- आधा तीतर आधी बटेर।
|
अर्थ - बेमेल चीज़ों का सम्मिश्रण होना।
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|38- आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
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अर्थ - अधिक लालच करने से हानि ही होती है।
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|39- आप काज़ महा काज़।
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अर्थ - अपना काम स्वयं करना ही अच्छा होता है।
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|40- आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख।
|
अर्थ - स्वयं तो काम करते नहीं और दूसरों को सीख देते हैं।
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|41- आप पड़ोसन लड़े।
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अर्थ - बिना बात ही झगड़ा करना।
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|42- आप भला तो जग भला।
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अर्थ - भले आदमी को सब लोग भले ही मिलते हैं।
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|43- आप मरे जग परलय।
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अर्थ - अपने मरने के बाद दुनिया में कुछ भी होता रहे।
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|44- आप मरे बिन स्वर्ग न जावे।
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अर्थ - अपना काम स्वयं किए बिना ठीक नहीं होता।
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|45- आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश।
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अर्थ - अपने पास कुछ भी नहीं है दूसरों की सहायता क्या करेगें।
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|46- आपा तजे तो हरि को भजे।
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अर्थ - स्वार्थ को छोड़ने से ही परमार्थ प्राप्त होता है।
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|47- आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी।
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अर्थ - वस्तु के पास होने पर भी सही भाषा ना जानने से समस्या आती है।
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|48- आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार।
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अर्थ - बिना बात मुसीबत मोल लेना।
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|49- आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम।
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अर्थ - अपने मतलब की बात करना।
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|50- आए की खुशी न गए का गम।
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अर्थ - हर हालात में एक जैसा ही रहना।
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|51- आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
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अर्थ - उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया सा काम करने लगना।
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|52- आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे।
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अर्थ - जिसे आवश्यकता हो उसे न मिलकर किसी और को मिलना।
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|53- आसमान का थूका मुँह पर आता है।
|
अर्थ - बड़े लोगों की निंदा करने से अपनी ही बदनामी होती है।
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|54- आसमान से गिरा खजूर पर अटका।
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अर्थ - कोई काम पूरा होते-होते रह गया, एक मुसीबत से निकले तो दूसरी मुसीबत में फंस जाना।
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|55- आकाश कुसुम।
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अर्थ - अनहोनी बात।
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|56- आकाश चूमना।
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अर्थ - बुलन्द होना।
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|57- आकाश से बातें करना।
|
अर्थ - बहुत ऊँचा होना।
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|58- आकाश पाताल एक करना।
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अर्थ - कोई उपाय न छोड़ना।
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|59- आग पर तेल छिड़कना।
|
अर्थ - और भड़काना।
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|60- आग पर पानी डालना।
|
अर्थ - झगड़ा मिटाना।
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|61- आग पानी या आग और फूल का बैर होना।
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अर्थ - स्वाभाविक शत्रुता होना।
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|62- आग बबूला होना।
|
अर्थ - बहुत गुस्सा होना।
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|63- आग में कूदना।
|
अर्थ - जान जोखिम में डालना।
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|64- आग लगने पर कुआँ खोदना।
|
अर्थ - पहले से कोई उपाय न कर रखना।
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|65- आग लगाकर तमाशा देखना।
|
अर्थ - झगड़ा पैदा करके खुश होना।
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|86- आसमान सिर पर उठाना।
|
अर्थ - बहुत हो-हल्ला  मचाना।
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|67- आगे का पैर पीछे पड़ना।
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अर्थ - क़िस्मत उलटी होना।
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|68- आटा गीला होना।
|
अर्थ - विपत्ति में पड़ना।
|-
|69- आसमान फट पड़ना।
|
अर्थ - अचानक आफ़त आ पड़ना।
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|70- आटे दाल का भाव मालूम होना।
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अर्थ - दुनियादारी ज्ञात होना।
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|71- आठ-आठ आँसू रोना।
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अर्थ - बहुत पछतावा होना।
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|72- आड़े आना।
|
अर्थ - मुसीबत में सहायता करना।  
|-
|73- आड़े हाथों लेना।   
|
अर्थ - बातों से लज्जित कर देना।
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|74- आधा तीतर आधा बटेर।
|
अर्थ - बेमेल काम।
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|75- आपे से बाहर होना।
|
अर्थ - क्रोध से अपने वश में न रहना।
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|76- आ बनना।
|
अर्थ - मुसीबत पड़ना।
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|77- आव न देखा ताव।
|
अर्थ - बिना कारण।
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|78- आवाज़ उठाना।
|
अर्थ - विरोध प्रकट करना।  
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|79- आसन डोलना।
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अर्थ - विचलित होना।
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|80- आसमान के तारे तोड़ना।
|
अर्थ - असंभव कार्य करना।
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|81- आसमान टूट पड़ना।
|
अर्थ - अचानक विपत्ति आ पड़ना।
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|82- आसमान पर चढ़ा देना।
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अर्थ - बहुत तारीफ करना।
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|83- आसमान पर दिमाग होना।
|
अर्थ - बहुत घंमडी होना।
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|84. [[आफ़त मचाना]]
|
अर्थ - होहल्ला करना, जल्दी करने के लिए शोर मचाना।
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|85. [[अंतिम घड़ियाँ गिनना]]
|
अर्थ - अंत या समाप्ति के निकट होना।
|-
|86. [[आबरू पर बट्टा लगना ]]
|
अर्थ - कलंकित होना।
|-
|87. [[आफ़त मोल लेना]]
|
अर्थ - जान-बूझकर ऐसी स्थिति उत्पन्न करना जिससे कष्ट या विपत्ति झेलनी पड़े।
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|88. [[आफ़त में पड़ना]]
|
अर्थ - किसी झंझट या विपत्ति में फँसना।
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|89. [[आफ़त ढाना]]
|
अर्थ - दु:ख पहुँचाना।
|-
|90. [[आफ़त खड़ी करना]]
|
अर्थ - ऐसा काम करना जिससे दूसरों को कष्ट या परेशानी हो।
|-
|91. [[आफ़त का मारा]]
|
अर्थ -दु:खों तथा कष्टों से विकल और संत्रस्त।
|-
|92. [[आफ़त का परकाला]]
|
अर्थ - विकट विशेषत: दुस्साहसपूर्ण काम कर दिखाने वाला; प्रचंड।
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|93. [[आफ़त उठानी पड़ना]]
|
अर्थ - कष्ट झेलना।
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ
1-आसमान से गिरा खजूर में अटका। अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना।

2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत। नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।।

अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा।

3- आद्रा में जौ बोवै साठी।

दु:खै मारि निकारै लाठी।।

अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है।

4- आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।।

अर्थ - यदि आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो और पुनर्वसु नक्षत्र में पानी न बरसे तो ऐसी फ़सल होगी कि कोई दिया हुआ अन्न नहीं खाएगा।

5- आस-पास रबी बीच में खरीफ।

नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।।

अर्थ - खरीफ की फ़सल के बीच में रबी की फ़सल अच्छी नहीं होती है।

6- आँख के अंधे नाम नैनसुख।

अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना।

7- आटे के साथ घुन भी पिसता है।

अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है।

8- आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर।

अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न होता है्।

9- आम के आम गुठलियों के दाम

अर्थ - दोहरा लाभ होना।

10- आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस।

अर्थ - व्यर्थ का आडम्बर रचना।

11- आँख ओट पहाड़ ओट।

अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए।

12- आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़।

अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं।

13- आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक।

अर्थ - आँख के आगे परदा पड़ा है तो क्या रास्ता सूझेगा।

14- आँख बची और माल दोस्तों का।

अर्थ - पलक झपकने से माल गायब हो सकता है।

15- आँख सुख कलेजे ठंडक।

अर्थ - परम शान्ति का होना।

16- आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक।

अर्थ - बनावटी दु:ख प्रकट करना।

17- आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात,

आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा।

अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही।

18- आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक।

अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है ।

19- आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ।

अर्थ - लाइलाज बीमारी।

20- आओ-आओ घर तुम्हारा,

खाना माँगे दुश्मन हमारा।

अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना ।

21- आस्तीन का साँप।

अर्थ - विश्वासघाती मित्र।

22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है।

अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है।

23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा

अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है।

24- आग बिना धुआँ नहीं।

अर्थ - हर चीज़ का कारण अवश्य ही होता है।

25- आग लगने पर कुआं खोदना।

अर्थ - आवश्यकता पड़ने पर काम करना, पहले से कुछ न करना।

26- आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे।

अर्थ - जिधर जाएँ उधर ही मुसीबत आना।

27- आगे नाथ न पीछे पगहा।

अर्थ - किसी का भी बंधन ना होना, पूर्णत: बंधनरहित होना।

28- आज का बनिया कल का सेठ।

अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है अर्थात् उन्नति करता है।

29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,

टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह।

अर्थ - उम्मीदें कभी कभी विफल भी हो जाती हैं।

30- आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए,

बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए।

अर्थ - ऐसी वस्तु जिसे बचाने में कठिनाई हो, जिसकी रक्षा करना मुश्किल हो जाए ।

31- आठ कनौजिया नौ चूल्हे।

अर्थ - अलगाव की स्थिति होना।

32- आठ वार नौ त्योहार।

अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना।

33- आदमी की दवा आदमी है।

अर्थ - मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है या मनुष्य ही मनुष्य की सहायता करते हैं।

34- आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।

अर्थ - आदमी बेकार की सुख-सुविधा जुटाने में लगा रहता है, जीवन के लिए ज़रूरी ज़रूरतें तो कम ही होती हैं।

35- आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे।

अर्थ - व्यक्ति व्यवहार से और सोना कसौटी पर कसने से पहचाना जाता है।

36- आदमी पानी का बुलबुला है।

अर्थ - मनुष्य का जीवन नाशवान है, इसीलिए यह जीवन अनमोल है।

37- आधा तीतर आधी बटेर।

अर्थ - बेमेल चीज़ों का सम्मिश्रण होना।

38- आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।

अर्थ - अधिक लालच करने से हानि ही होती है।

39- आप काज़ महा काज़।

अर्थ - अपना काम स्वयं करना ही अच्छा होता है।

40- आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख।

अर्थ - स्वयं तो काम करते नहीं और दूसरों को सीख देते हैं।

41- आप पड़ोसन लड़े।

अर्थ - बिना बात ही झगड़ा करना।

42- आप भला तो जग भला।

अर्थ - भले आदमी को सब लोग भले ही मिलते हैं।

43- आप मरे जग परलय।

अर्थ - अपने मरने के बाद दुनिया में कुछ भी होता रहे।

44- आप मरे बिन स्वर्ग न जावे।

अर्थ - अपना काम स्वयं किए बिना ठीक नहीं होता।

45- आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश।

अर्थ - अपने पास कुछ भी नहीं है दूसरों की सहायता क्या करेगें।

46- आपा तजे तो हरि को भजे।

अर्थ - स्वार्थ को छोड़ने से ही परमार्थ प्राप्त होता है।

47- आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी।

अर्थ - वस्तु के पास होने पर भी सही भाषा ना जानने से समस्या आती है।

48- आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार।

अर्थ - बिना बात मुसीबत मोल लेना।

49- आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम।

अर्थ - अपने मतलब की बात करना।

50- आए की खुशी न गए का गम।

अर्थ - हर हालात में एक जैसा ही रहना।

51- आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।

अर्थ - उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया सा काम करने लगना।

52- आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे।

अर्थ - जिसे आवश्यकता हो उसे न मिलकर किसी और को मिलना।

53- आसमान का थूका मुँह पर आता है।

अर्थ - बड़े लोगों की निंदा करने से अपनी ही बदनामी होती है।

54- आसमान से गिरा खजूर पर अटका।

अर्थ - कोई काम पूरा होते-होते रह गया, एक मुसीबत से निकले तो दूसरी मुसीबत में फंस जाना।

55- आकाश कुसुम।

अर्थ - अनहोनी बात।

56- आकाश चूमना।

अर्थ - बुलन्द होना।

57- आकाश से बातें करना।

अर्थ - बहुत ऊँचा होना।

58- आकाश पाताल एक करना।

अर्थ - कोई उपाय न छोड़ना।

59- आग पर तेल छिड़कना।

अर्थ - और भड़काना।

60- आग पर पानी डालना।

अर्थ - झगड़ा मिटाना।

61- आग पानी या आग और फूल का बैर होना।

अर्थ - स्वाभाविक शत्रुता होना।

62- आग बबूला होना।

अर्थ - बहुत गुस्सा होना।

63- आग में कूदना।

अर्थ - जान जोखिम में डालना।

64- आग लगने पर कुआँ खोदना।

अर्थ - पहले से कोई उपाय न कर रखना।

65- आग लगाकर तमाशा देखना।

अर्थ - झगड़ा पैदा करके खुश होना।

86- आसमान सिर पर उठाना।

अर्थ - बहुत हो-हल्ला मचाना।

67- आगे का पैर पीछे पड़ना।

अर्थ - क़िस्मत उलटी होना।

68- आटा गीला होना।

अर्थ - विपत्ति में पड़ना।

69- आसमान फट पड़ना।

अर्थ - अचानक आफ़त आ पड़ना।

70- आटे दाल का भाव मालूम होना।

अर्थ - दुनियादारी ज्ञात होना।

71- आठ-आठ आँसू रोना।

अर्थ - बहुत पछतावा होना।

72- आड़े आना।

अर्थ - मुसीबत में सहायता करना।

73- आड़े हाथों लेना।

अर्थ - बातों से लज्जित कर देना।

74- आधा तीतर आधा बटेर।

अर्थ - बेमेल काम।

75- आपे से बाहर होना।

अर्थ - क्रोध से अपने वश में न रहना।

76- आ बनना।

अर्थ - मुसीबत पड़ना।

77- आव न देखा ताव।

अर्थ - बिना कारण।

78- आवाज़ उठाना।

अर्थ - विरोध प्रकट करना।

79- आसन डोलना।

अर्थ - विचलित होना।

80- आसमान के तारे तोड़ना।

अर्थ - असंभव कार्य करना।

81- आसमान टूट पड़ना।

अर्थ - अचानक विपत्ति आ पड़ना।

82- आसमान पर चढ़ा देना।

अर्थ - बहुत तारीफ करना।

83- आसमान पर दिमाग होना।

अर्थ - बहुत घंमडी होना।

84. आफ़त मचाना

अर्थ - होहल्ला करना, जल्दी करने के लिए शोर मचाना।

85. अंतिम घड़ियाँ गिनना

अर्थ - अंत या समाप्ति के निकट होना।

86. आबरू पर बट्टा लगना

अर्थ - कलंकित होना।

87. आफ़त मोल लेना

अर्थ - जान-बूझकर ऐसी स्थिति उत्पन्न करना जिससे कष्ट या विपत्ति झेलनी पड़े।

88. आफ़त में पड़ना

अर्थ - किसी झंझट या विपत्ति में फँसना।

89. आफ़त ढाना

अर्थ - दु:ख पहुँचाना।

90. आफ़त खड़ी करना

अर्थ - ऐसा काम करना जिससे दूसरों को कष्ट या परेशानी हो।

91. आफ़त का मारा

अर्थ -दु:खों तथा कष्टों से विकल और संत्रस्त।

92. आफ़त का परकाला

अर्थ - विकट विशेषत: दुस्साहसपूर्ण काम कर दिखाने वाला; प्रचंड।

93. आफ़त उठानी पड़ना

अर्थ - कष्ट झेलना।