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| 1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने।
1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने।
| अर्थ - झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना।
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अर्थ -झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना।
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|2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा।
|2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा।
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| अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें।
अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें।
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|3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा।
|3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा।
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| अर्थ - चंचल मन वाला।
अर्थ - चंचल मन वाला।
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|4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते।
|4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते।
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|अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए।
अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए।
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|5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध।
|5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध।
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|अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है।
अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है।
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|6- घर का भेदी लंका ढाए।
|6- घर का भेदी लंका ढाए।
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|अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है।
अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है।
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|7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा।
|7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा।
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| अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी।
अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी।
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|8- घर की मुर्गी दाल बराबर।
|8- घर की मुर्गी दाल बराबर।
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| अर्थ -   अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती।
अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती।
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|9- घर खीर तो, बाहर खीर।
|9- घर खीर तो, बाहर खीर।
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| अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है।  
अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है।  
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|10- घर का घोड़ा, नखास मोल।
|10- घर का घोड़ा, नखास मोल।
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| अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है।
अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है।
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|11- घायल की गति घायल जाने।
|11- घायल की गति घायल जाने।
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| अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।।
अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।।
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|12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में।
|12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में।
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| अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया।
अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया।
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|13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम।
|13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम।
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| अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया।
अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया।
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|14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या।
|14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या।
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| अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए।
अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए।
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|15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा।
|15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा।
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| अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है।
अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है।
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|16- घोड़े को लात, आदमी को बात।
|16- घोड़े को लात, आदमी को बात।
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| अर्थ - उत्तम वस्तु  थोड़ी भी हो तो अच्छी है।।
अर्थ - उत्तम वस्तु  थोड़ी भी हो तो अच्छी है।।
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|17- घडियाँ गिनना।
|17- घडियाँ गिनना।
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|अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना।   
अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना।   
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|18- घड़ों पानी पड़ जाना।
|18- घड़ों पानी पड़ जाना।
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|अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना।  
अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना।  
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|19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना।
|19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना।
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|अर्थ - अकेलापन अखरना।  
अर्थ - अकेलापन अखरना।  
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|20- घर का न घाट का।
|20- घर का न घाट का।
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|अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना।
अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना।
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|21- घर फूँक तमाशा देखना।
|21- घर फूँक तमाशा देखना।
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|अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना।   
अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना।   
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|22- घर में गंगा बहना।
|22- घर में गंगा बहना।
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|अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना।
अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना।
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|23- घाव पर नमक छिड़कना।
|23- घाव पर नमक छिड़कना।
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|अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना।
अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना।
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|24- घाव हरा करना।
|24- घाव हरा करना।
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|अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना।  
अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना।  
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|25- घास काटना।
|25- घास काटना।
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|अर्थ - फूहड़ काम करना। ।
अर्थ - फूहड़ काम करना। ।
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|26- घास छीलना।
|26- घास छीलना।
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|अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।।  
अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।।  
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|27- घिग्घी बँधना।
|27- घिग्घी बँधना।
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|अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना।
अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना।
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|28- घी घना मुट्ठी चना।
|28- घी घना मुट्ठी चना।
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|अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए।
अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए।
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|29- घी के दिये जलना।
|29- घी के दिये जलना।
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|अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना।
अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना।
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|30- घी खिचड़ी होना।
|30- घी खिचड़ी होना।
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|अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।।  
अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।।  
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|31- घोंघा बसंत।
|31- घोंघा बसंत।
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|अर्थ - मूर्ख होना।
अर्थ - मूर्ख होना।
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|32- घोड़े बेचकर सोना।
|32- घोड़े बेचकर सोना।
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|अर्थ - निश्चिंत हो जाना।  
अर्थ - निश्चिंत हो जाना।  
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|33- घँघोल डालना।
|33- घँघोल डालना।
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|अर्थ - गँदला  या गंदा  कर देना।  
अर्थ - गँदला  या गंदा  कर देना।  
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|34- घंटा दिखाना।
|34- घंटा दिखाना।
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|अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए।
अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए।
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|35- घंटा हिलाना।
|35- [[घंटा हिलाना]]।
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|अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना।
अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना।
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|36- घट-घट में बसना।
|36- [[घट घट में बसना]]।
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|अर्थ - हर एक में व्याप्त होना।
अर्थ - हर एक में व्याप्त होना।
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|37- घंटे मोरछल से उठाना।
|37- घंटे मोरछल से उठाना।
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|अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना।
अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना।
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|38- घड़ियाँ गिनना।
|38- [[घड़ियाँ गिनना]]।
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|अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना।
अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना।
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|39- घड़ी टेढ़ी होना।
|39- [[घड़ी टेढ़ी होना]]।
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|अर्थ - समय विपरीत होना।
अर्थ - समय विपरीत होना।
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|40- घड़ी दो घड़ी का।
|40- [[घड़ी दो घड़ी का]]।
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|अर्थ - कुछ ही क्षणों का।
अर्थ - कुछ ही क्षणों का।
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|41- घड़ी पहाड़ हो जाना।
|41- [[घड़ी पहाड़ हो जाना]]।
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|अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना
अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना
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|42- घड़ो पानी पड़ना।
|42- [[घड़ो पानी पड़ना]]।
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|अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना।
अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना।
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|43- घपले में पड़ना/पड़ जाना।
|43- [[घपले में पड़ना|घपले में पड़ना/पड़ जाना]]।
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|अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना।
अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना।
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|44- घबरा उठना।
|44- [[घबरा उठना]]।
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|अर्थ - बेचैन होना।
अर्थ - बेचैन होना।
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|45- घमंड में चूर।
|45- [[घमंड में चूर]]।
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|अर्थ - घमंड से ओतप्रोत।
अर्थ - घमंड से ओतप्रोत।
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|46- घर आँगन हो जाना।
|46- [[घर आँगन हो जाना]]।
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|अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना
अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना
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|47- घर उजड़ना/उजाड़ देना।
|47- [[घर उजड़ना|घर उजड़ना/उजाड़ देना]]।
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|अर्थ - गृहस्थी चौपट होना।
अर्थ - गृहस्थी चौपट होना।
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|48- घर कर लेना।
|48- [[घर कर लेना]]।
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|अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना।
अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना।
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|49- घर का आदमी।
|49- [[घर का आदमी]]।
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|अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी।
अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी।
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|50- घर का रास्ता समझना।
|50- घर का रास्ता समझना।
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|अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना।
अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना।
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|51- घर के घर
|51- घर के घर
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|अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही।
अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही।
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|52- घर के घर रह जाना
|52- [[घर के घर रह जाना]]।
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|अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि।
अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि।
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|53- घर खाली छोड़ना।
|53- घर ख़ाली छोड़ना।
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|अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर ख़ाली जाने देना।
अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर खाली जाने देना।
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| 54- घर खोद डालना।
|54- [[घर खोद डालना]]।
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|अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना।
अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना।
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| 55- घर जमाना।
|55- घर जमाना।
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|अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना।
अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना।
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|56- घर तक पहुँचना।
|56- [[घर तक पहुँचना]]।
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|अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना।
अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना।
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|57- घर में चूल्हा न जलना।
|57- [[घर में चूल्हा न जलना]]।
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|अर्थ - रसोई न बनना। इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला।
अर्थ - रसोई न बनना।
इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला।
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|58- घर में झाड फिरना/फिर जाना।
|58- [[घर में झाड फिरना|घर में झाड फिरना/फिर जाना]]।
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|अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना।
अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना।
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|59- [[घर फूँक तमाशा देखना]]।
|अर्थ - घर गृहस्थी चौपट या नष्ट करना।
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|60- [[घर बचाना]]।
|अर्थ - अपने कौशल या चातुराई से प्रहार या बात विफल करना।
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|61- घर बनाना।
|अर्थ - घर में सुख सुविधाओं की व्यवस्था करना।
|- 
|62- घर फोड़ना।
|अर्थ - परिवार के लोगों में परस्पर झगड़ा लगाकर उनमें फूट डालना।
|- 
|63-[[घर बोलने लगना]]।
|अर्थ - घर में चहल पहल होने लगना।
|-
|64-[[घर बैठे]]।
| अर्थ -  बिना दौड धूप या प्रयास किए।
|-
|65- [[घर लुटाना]]।
|अर्थ - घर की सम्पत्ति गँवाना या व्यर्थ खर्च करना।
|-
|66- [[घर सिर पर उठाना|घर सिर पर उठाना/उठा लेना]]।
|अर्थ - बहुत अधिक शोर मचाना या हो हल्ला करना।
|-
|67- [[घर जमाई बनना]]।
|अर्थ - दामाद का ससुराल में जाकर रहना।
|-
|68-[[घर द्वार देखना]]।
|अर्थ - गृहस्थी सँभालना और उसकी रक्षा करना।
|- 
|69- घरवाली।
| अर्थ -  पत्नी।
|-
|70- घर्राटा मारना/लेना।
|अर्थ - खूब गहरी नींद सोना।
|-
|71- [[घसीटना]]।
|अर्थ - उलझाना।
|-
|72- [[घाट घाट का पानी पीना]]।
|अर्थ - अनेक स्थलों अथवा उनके निवासियों का रंग-ढंग देखे होना, उनके सम्पर्क या सहवास में आये होना अथवा विविध अनुभव प्राप्त किए होना अनुभवी होना
|-
|73- घाट नहाना।
|अर्थ - किसी के मरने पर नदी पर नहाना।
|-
|74- घाट लगना।
|अर्थ - नदी आदि के किनारे नाव का खड़ा होना।
|-
|75- [[घाटा उठाना|घाटा उठाना/आना/ पड़ना]]।
|अर्थ - व्यापार में हानि होना, नुक्सान होना, कमी होना।
|-
|76- [[घाटा भरना|घाटा भरना/भर देना]]।
|अर्थ - क्षतिपूर्ति करना।
|-
|77- घात ताकना।
| अर्थ - उपयुक्त अवसर की ताक में रहना।
|- 
|78- [[घात में पड़ना]]।
|अर्थ - ऐसी स्थिति में किसी का आना कि उस पर सहज में वार किया जा सके, फँसना, घिरना।
|- 
|79- [[घाम का जाना]]।
|अर्थ - तेज़ धूप के कारण सूखना या काला पड़ना।
|-
|80- [[घाम खाना]]।
|अर्थ - सरदी से बचने के लिए धूप में बैठना।
|- 
|81-घाम बचाना।
|अर्थ - विपत्ति या संकट से स्वयं बचना या किसी को बचाना।
|- 
|82- घाम लगना।
|अर्थ - लू लगना।
|- 
|83- घाव खाना।
|अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना।
|-
|84- घाव खाना।
|अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना।
|-
|85- [[घाव पर नमक छिड़कना]]।
|अर्थ - दुखी व्यक्ति को और अधिक यंत्रणा देना।
|-
|86- घाव पुजना/भरना।
|अर्थ - क्षत या घाव के भरने के समय अंकुर निकलना।
|-
|87- [[घाव हरा होना|घाव हरा होना/ हो जाना]]।
|अर्थ - कष्ट या दु:ख की घड़ी याद आना और फलतः वही पुराना कष्ट या दु:ख अनुभूत करना।
|-
|88- घास खाए होना।
|अर्थ - दिमाग में घास भरी होने के कारण बेवकूफ़ी की बातें करना।
|-
|89- घास छीलना/खोदना।
|अर्थ - तुच्छ या बेकार हो जाना।
|-
|90- [[घिग्घी बँधना|घिग्घी बँधना/बँध जाना]]।
|अर्थ - भय से आतंकित हो जाने के कारण कंठ का अवरुद्ध हो जाना।
|-
|91- घिरनी खाना।
|अर्थ - चारो और चक्कर खाना।
|-
|92- घी का कुप्पा लुढ़कना।
|अर्थ - किसी धनी आदमी का मरना, बहुत बड़ी हानि होना।
|-
|93- [[घी के कुप्पे से लगना]]।
|अर्थ - किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय प्राप्त होना जिसके फलस्वरूप बहुत अधिक लाभ हो।
|-
|94- घी खिचड़ी होना।
|अर्थ - परस्पर अत्यधिक घनिष्ठता या मेल जोल होना।
|-
|95- घी बरसाना।
|अर्थ - आग में तेल डालना, झगड़े को और बढ़ाना।
|-
|96- घुंघरू बाँधना।
|अर्थ - नाचने के लिए तैयार होना।
|-
|97- घुघरू बोलना।
|अर्थ - मरने के समय गले से घुर घुर शब्द निकलना।
|-
|98- [[घुट घुटकर मरना]]।
|अर्थ - बराबर एक पर एक कष्ट भोगते हुए मरना।
|-
|99- [[घुटते रहना]]।
| अर्थ - छमित इच्छाओं के कारण पीडि़त रहना।
|-
|100- [[घुटना]]।
|अर्थ - घनिष्ठता होना।
|-
|101- [[घुटने टेकना|घुटने टेकना/टेक देना]]।
|अर्थ - हार मान लेना, आत्मसमर्पण कर देना।
|-
|102- [[घुटा निकलना]]।
|अर्थ - छिपा रूस्तम या बहुत होशियार निकलना।
|-
|103- घुटटी में पड़ना।
|अर्थ - बचपन से आदत पड़ी होना, स्वभाव होना।
|-
|104- [[घुन की तरह चाट जाना]]।
|अर्थ - अन्दर ही अन्दर खा जाना या नष्ट कर डालना।
|-
|105- घुन लगना/लग जाना।
|अर्थ - किसी ऐसे दोष, रोग या चिंता से ग्रस्त होना जो जानलेवा सिद्ध हो रही हो।
|-
|106- [[घुल घुलकर बातें करना]]।
|अर्थ - ख़ूब प्रेम से बातें करना।
|-
|107- [[घुल मिल जाना]]।
|अर्थ - एक हो जाना।
|-
|108- घुला घुलाकर मारना।
|अर्थ - ऐसी स्थिति उत्पन्न करना कि कोई बराबर कष्ट भोगता मर जाए।
|-
|109- [[घुलाना]]।
|अर्थ - ऐसा काम करना कि जिससे कोई घुल घुलकर क्षीण हो जाए।
|-
|110- [[घुसकर बैठना]]।
|अर्थ - किसी के साथ सटकर बैठना, अथवा किसी की आड़ में छिपकर बैठना।
|-
|111- [[घूँघट करना]]।
|अर्थ - न करना, स्त्री का अपने चेहरे का पल्ले से ढ़कना।
|-
|112- घूँघट उठाना।
|अर्थ - स्त्री का किसी के सम्मुख पर्दा।
|-
|113- [[घूँट जाना]]।
|अर्थ - पी जाना, चुपचाप सहन कर लेना।
|-
|114- [[घूम पड़ना]]।
|अर्थ - आवेश या क्रोध में आकर किसी दूसरे से बातें करने लगना।
|-
|115- [[घेर घार करना]]।
|अर्थ - अनुचित दबाव डालना तथा विवश करना।
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|116-घोटाले मे पड़ना।
|अर्थ - धन आदि का ऐसी स्थिति में होना कि उसकी वसूली होने की संभावना क्षीण हो।
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|117- घोड़ा उठाना।
|अर्थ - घोड़े को तेज दौड़ाना।
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|118- घोड़ा उलाँगना।
|अर्थ - किसी नए घोड़े पर पहले-पहले सवारी करना।
|-
|119- घोड़ा खोलना।
|अर्थ - घोड़े का साज खोलना।
|-
|120-घोड़ा निकालना।
|अर्थ - घोड़े को सवारी के योग्य बनाना।
|-
|121- [[घोड़े पर चढ़े चले आना]]।
|अर्थ - कहीं पहुँचते ही वहाँ से चलने की रट लगाने लगना।
|-
|122- [[घोल कर पी जाना]]।
|अर्थ - अस्तित्व ही न रहने देना।
|}
|}


[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ
1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने। अर्थ - झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना।
2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा। अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें।
3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा। अर्थ - चंचल मन वाला।
4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते। अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए।
5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध। अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है।
6- घर का भेदी लंका ढाए। अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है।
7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा। अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी।
8- घर की मुर्गी दाल बराबर। अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती।
9- घर खीर तो, बाहर खीर। अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है।
10- घर का घोड़ा, नखास मोल। अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है।
11- घायल की गति घायल जाने। अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।।
12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में। अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया।
13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम। अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया।
14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या। अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए।
15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा। अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है।
16- घोड़े को लात, आदमी को बात। अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।।
17- घडियाँ गिनना। अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना।
18- घड़ों पानी पड़ जाना। अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना।
19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना। अर्थ - अकेलापन अखरना।
20- घर का न घाट का। अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना।
21- घर फूँक तमाशा देखना। अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना।
22- घर में गंगा बहना। अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना।
23- घाव पर नमक छिड़कना। अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना।
24- घाव हरा करना। अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना।
25- घास काटना। अर्थ - फूहड़ काम करना। ।
26- घास छीलना। अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।।
27- घिग्घी बँधना। अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना।
28- घी घना मुट्ठी चना। अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए।
29- घी के दिये जलना। अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना।
30- घी खिचड़ी होना। अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।।
31- घोंघा बसंत। अर्थ - मूर्ख होना।
32- घोड़े बेचकर सोना। अर्थ - निश्चिंत हो जाना।
33- घँघोल डालना। अर्थ - गँदला या गंदा कर देना।
34- घंटा दिखाना। अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए।
35- घंटा हिलाना अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना।
36- घट घट में बसना अर्थ - हर एक में व्याप्त होना।
37- घंटे मोरछल से उठाना। अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना।
38- घड़ियाँ गिनना अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना।
39- घड़ी टेढ़ी होना अर्थ - समय विपरीत होना।
40- घड़ी दो घड़ी का अर्थ - कुछ ही क्षणों का।
41- घड़ी पहाड़ हो जाना अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना
42- घड़ो पानी पड़ना अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना।
43- घपले में पड़ना/पड़ जाना अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना।
44- घबरा उठना अर्थ - बेचैन होना।
45- घमंड में चूर अर्थ - घमंड से ओतप्रोत।
46- घर आँगन हो जाना अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना
47- घर उजड़ना/उजाड़ देना अर्थ - गृहस्थी चौपट होना।
48- घर कर लेना अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना।
49- घर का आदमी अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी।
50- घर का रास्ता समझना। अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना।
51- घर के घर अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही।
52- घर के घर रह जाना अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि।
53- घर ख़ाली छोड़ना। अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर ख़ाली जाने देना।
54- घर खोद डालना अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना।
55- घर जमाना। अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना।
56- घर तक पहुँचना अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना।
57- घर में चूल्हा न जलना अर्थ - रसोई न बनना। इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला।
58- घर में झाड फिरना/फिर जाना अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना।
59- घर फूँक तमाशा देखना अर्थ - घर गृहस्थी चौपट या नष्ट करना।
60- घर बचाना अर्थ - अपने कौशल या चातुराई से प्रहार या बात विफल करना।
61- घर बनाना। अर्थ - घर में सुख सुविधाओं की व्यवस्था करना।
62- घर फोड़ना। अर्थ - परिवार के लोगों में परस्पर झगड़ा लगाकर उनमें फूट डालना।
63-घर बोलने लगना अर्थ - घर में चहल पहल होने लगना।
64-घर बैठे अर्थ - बिना दौड धूप या प्रयास किए।
65- घर लुटाना अर्थ - घर की सम्पत्ति गँवाना या व्यर्थ खर्च करना।
66- घर सिर पर उठाना/उठा लेना अर्थ - बहुत अधिक शोर मचाना या हो हल्ला करना।
67- घर जमाई बनना अर्थ - दामाद का ससुराल में जाकर रहना।
68-घर द्वार देखना अर्थ - गृहस्थी सँभालना और उसकी रक्षा करना।
69- घरवाली। अर्थ - पत्नी।
70- घर्राटा मारना/लेना। अर्थ - खूब गहरी नींद सोना।
71- घसीटना अर्थ - उलझाना।
72- घाट घाट का पानी पीना अर्थ - अनेक स्थलों अथवा उनके निवासियों का रंग-ढंग देखे होना, उनके सम्पर्क या सहवास में आये होना अथवा विविध अनुभव प्राप्त किए होना अनुभवी होना
73- घाट नहाना। अर्थ - किसी के मरने पर नदी पर नहाना।
74- घाट लगना। अर्थ - नदी आदि के किनारे नाव का खड़ा होना।
75- घाटा उठाना/आना/ पड़ना अर्थ - व्यापार में हानि होना, नुक्सान होना, कमी होना।
76- घाटा भरना/भर देना अर्थ - क्षतिपूर्ति करना।
77- घात ताकना। अर्थ - उपयुक्त अवसर की ताक में रहना।
78- घात में पड़ना अर्थ - ऐसी स्थिति में किसी का आना कि उस पर सहज में वार किया जा सके, फँसना, घिरना।
79- घाम का जाना अर्थ - तेज़ धूप के कारण सूखना या काला पड़ना।
80- घाम खाना अर्थ - सरदी से बचने के लिए धूप में बैठना।
81-घाम बचाना। अर्थ - विपत्ति या संकट से स्वयं बचना या किसी को बचाना।
82- घाम लगना। अर्थ - लू लगना।
83- घाव खाना। अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना।
84- घाव खाना। अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना।
85- घाव पर नमक छिड़कना अर्थ - दुखी व्यक्ति को और अधिक यंत्रणा देना।
86- घाव पुजना/भरना। अर्थ - क्षत या घाव के भरने के समय अंकुर निकलना।
87- घाव हरा होना/ हो जाना अर्थ - कष्ट या दु:ख की घड़ी याद आना और फलतः वही पुराना कष्ट या दु:ख अनुभूत करना।
88- घास खाए होना। अर्थ - दिमाग में घास भरी होने के कारण बेवकूफ़ी की बातें करना।
89- घास छीलना/खोदना। अर्थ - तुच्छ या बेकार हो जाना।
90- घिग्घी बँधना/बँध जाना अर्थ - भय से आतंकित हो जाने के कारण कंठ का अवरुद्ध हो जाना।
91- घिरनी खाना। अर्थ - चारो और चक्कर खाना।
92- घी का कुप्पा लुढ़कना। अर्थ - किसी धनी आदमी का मरना, बहुत बड़ी हानि होना।
93- घी के कुप्पे से लगना अर्थ - किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय प्राप्त होना जिसके फलस्वरूप बहुत अधिक लाभ हो।
94- घी खिचड़ी होना। अर्थ - परस्पर अत्यधिक घनिष्ठता या मेल जोल होना।
95- घी बरसाना। अर्थ - आग में तेल डालना, झगड़े को और बढ़ाना।
96- घुंघरू बाँधना। अर्थ - नाचने के लिए तैयार होना।
97- घुघरू बोलना। अर्थ - मरने के समय गले से घुर घुर शब्द निकलना।
98- घुट घुटकर मरना अर्थ - बराबर एक पर एक कष्ट भोगते हुए मरना।
99- घुटते रहना अर्थ - छमित इच्छाओं के कारण पीडि़त रहना।
100- घुटना अर्थ - घनिष्ठता होना।
101- घुटने टेकना/टेक देना अर्थ - हार मान लेना, आत्मसमर्पण कर देना।
102- घुटा निकलना अर्थ - छिपा रूस्तम या बहुत होशियार निकलना।
103- घुटटी में पड़ना। अर्थ - बचपन से आदत पड़ी होना, स्वभाव होना।
104- घुन की तरह चाट जाना अर्थ - अन्दर ही अन्दर खा जाना या नष्ट कर डालना।
105- घुन लगना/लग जाना। अर्थ - किसी ऐसे दोष, रोग या चिंता से ग्रस्त होना जो जानलेवा सिद्ध हो रही हो।
106- घुल घुलकर बातें करना अर्थ - ख़ूब प्रेम से बातें करना।
107- घुल मिल जाना अर्थ - एक हो जाना।
108- घुला घुलाकर मारना। अर्थ - ऐसी स्थिति उत्पन्न करना कि कोई बराबर कष्ट भोगता मर जाए।
109- घुलाना अर्थ - ऐसा काम करना कि जिससे कोई घुल घुलकर क्षीण हो जाए।
110- घुसकर बैठना अर्थ - किसी के साथ सटकर बैठना, अथवा किसी की आड़ में छिपकर बैठना।
111- घूँघट करना अर्थ - न करना, स्त्री का अपने चेहरे का पल्ले से ढ़कना।
112- घूँघट उठाना। अर्थ - स्त्री का किसी के सम्मुख पर्दा।
113- घूँट जाना अर्थ - पी जाना, चुपचाप सहन कर लेना।
114- घूम पड़ना अर्थ - आवेश या क्रोध में आकर किसी दूसरे से बातें करने लगना।
115- घेर घार करना अर्थ - अनुचित दबाव डालना तथा विवश करना।
116-घोटाले मे पड़ना। अर्थ - धन आदि का ऐसी स्थिति में होना कि उसकी वसूली होने की संभावना क्षीण हो।
117- घोड़ा उठाना। अर्थ - घोड़े को तेज दौड़ाना।
118- घोड़ा उलाँगना। अर्थ - किसी नए घोड़े पर पहले-पहले सवारी करना।
119- घोड़ा खोलना। अर्थ - घोड़े का साज खोलना।
120-घोड़ा निकालना। अर्थ - घोड़े को सवारी के योग्य बनाना।
121- घोड़े पर चढ़े चले आना अर्थ - कहीं पहुँचते ही वहाँ से चलने की रट लगाने लगना।
122- घोल कर पी जाना अर्थ - अस्तित्व ही न रहने देना।