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|88- घास खाए होना। | |88- घास खाए होना। |
12:05, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने। | अर्थ - झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना। |
2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा। | अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें। |
3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा। | अर्थ - चंचल मन वाला। |
4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते। | अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए। |
5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध। | अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है। |
6- घर का भेदी लंका ढाए। | अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है। |
7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा। | अर्थ - अपनी वस्तु़ ख़राब लगती है और दूसरे की अच्छी। |
8- घर की मुर्गी दाल बराबर। | अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की क़दर नहीं होती। |
9- घर खीर तो, बाहर खीर। | अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है। |
10- घर का घोड़ा, नखास मोल। | अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है। |
11- घायल की गति घायल जाने। | अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।। |
12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में। | अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया। |
13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम। | अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया। |
14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या। | अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए। |
15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा। | अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है। |
16- घोड़े को लात, आदमी को बात। | अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।। |
17- घडियाँ गिनना। | अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना। |
18- घड़ों पानी पड़ जाना। | अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। |
19- घर काट खाने को आना/घर काटने का दौड़ना। | अर्थ - अकेलापन अखरना। |
20- घर का न घाट का। | अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना। |
21- घर फूँक तमाशा देखना। | अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना। |
22- घर में गंगा बहना। | अर्थ - अच्छी चीज़ पास ही में मिल जाना। |
23- घाव पर नमक छिड़कना। | अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना। |
24- घाव हरा करना। | अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना। |
25- घास काटना। | अर्थ - फूहड़ काम करना। । |
26- घास छीलना। | अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।। |
27- घिग्घी बँधना। | अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना। |
28- घी घना मुट्ठी चना। | अर्थ - जो मिल जाए उसी पर संतुष्ट रहना चाहिए। |
29- घी के दिये जलना। | अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना। |
30- घी खिचड़ी होना। | अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।। |
31- घोंघा बसंत। | अर्थ - मूर्ख होना। |
32- घोड़े बेचकर सोना। | अर्थ - निश्चिंत हो जाना। |
33- घँघोल डालना। | अर्थ - गँदला या गंदा कर देना। |
34- घंटा दिखाना। | अर्थ - ऐसा उत्तर देना या मुद्रा बनाना जिससे आवेदक या इच्छुक पूरी तरह से निराश हो जाए। |
35- घंटा हिलाना। | अर्थ - व्यर्थ बैठे रहना, व्यर्थ का काम करना। |
36- घट घट में बसना। | अर्थ - हर एक में व्याप्त होना। |
37- घंटे मोरछल से उठाना। | अर्थ - गाजे-बाजे के साथ किसी भाग्यवान की अर्थी निकालना। |
38- घड़ियाँ गिनना। | अर्थ -अत्यंत उत्सुकतापूर्वक प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना, मृत्यु की इंतजार में होना। |
39- घड़ी टेढ़ी होना। | अर्थ - समय विपरीत होना। |
40- घड़ी दो घड़ी का। | अर्थ - कुछ ही क्षणों का। |
41- घड़ी पहाड़ हो जाना। | अर्थ - थोड़ा समय भी न बीतना |
42- घड़ो पानी पड़ना। | अर्थ - लोगों के सामने हेय या हीन सिद्ध होने पर अत्यन्त लज्जित होना। |
43- घपले में पड़ना/पड़ जाना। | अर्थ - खटाई में पड़ना, भ्रमित होना। |
44- घबरा उठना। | अर्थ - बेचैन होना। |
45- घमंड में चूर। | अर्थ - घमंड से ओतप्रोत। |
46- घर आँगन हो जाना। | अर्थ - घर का टूट-फूट कर खँडहर या मैदान हो जाना |
47- घर उजड़ना/उजाड़ देना। | अर्थ - गृहस्थी चौपट होना। |
48- घर कर लेना। | अर्थ - अपनी स्थायी निवास बना लेना। |
49- घर का आदमी। | अर्थ - परिवार का सदस्य, घनिष्ठ मित्र अथवा संबंधी। |
50- घर का रास्ता समझना। | अर्थ - सुगम और सुपरिचित समझना। |
51- घर के घर | अर्थ - घर की सीमा में ही, आपस में ही। |
52- घर के घर रह जाना। | अर्थ - ऐसी स्थिति में होना कि व्यापार, लेन देन आदि में न लाभ हो न हानि। |
53- घर ख़ाली छोड़ना। | अर्थ - वर करते हुए भी आघात या प्रहार न करना, बल्कि जान बूझकर ख़ाली जाने देना। |
54- घर खोद डालना। | अर्थ - बार बार किसी के घर जाकर उसे परेशान करना। |
55- घर जमाना। | अर्थ - घर गृहस्थी के लिए आवश्यक वस्तुएँ लाना। |
56- घर तक पहुँचना। | अर्थ - किसी को माँ बहन तक की गालियाँ देना। |
57- घर में चूल्हा न जलना। | अर्थ - रसोई न बनना। इन्हीं परेशानियों के कारण हमारे यहाँ दो दिन चूल्हा तक नहीं जला। |
58- घर में झाड फिरना/फिर जाना। | अर्थ - घर में कुछ भी न रह जाना। |
59- घर फूँक तमाशा देखना। | अर्थ - घर गृहस्थी चौपट या नष्ट करना। |
60- घर बचाना। | अर्थ - अपने कौशल या चातुराई से प्रहार या बात विफल करना। |
61- घर बनाना। | अर्थ - घर में सुख सुविधाओं की व्यवस्था करना। |
62- घर फोड़ना। | अर्थ - परिवार के लोगों में परस्पर झगड़ा लगाकर उनमें फूट डालना। |
63-घर बोलने लगना। | अर्थ - घर में चहल पहल होने लगना। |
64-घर बैठे। | अर्थ - बिना दौड धूप या प्रयास किए। |
65- घर लुटाना। | अर्थ - घर की सम्पत्ति गँवाना या व्यर्थ खर्च करना। |
66- घर सिर पर उठाना/उठा लेना। | अर्थ - बहुत अधिक शोर मचाना या हो हल्ला करना। |
67- घर जमाई बनना। | अर्थ - दामाद का ससुराल में जाकर रहना। |
68-घर द्वार देखना। | अर्थ - गृहस्थी सँभालना और उसकी रक्षा करना। |
69- घरवाली। | अर्थ - पत्नी। |
70- घर्राटा मारना/लेना। | अर्थ - खूब गहरी नींद सोना। |
71- घसीटना। | अर्थ - उलझाना। |
72- घाट घाट का पानी पीना। | अर्थ - अनेक स्थलों अथवा उनके निवासियों का रंग-ढंग देखे होना, उनके सम्पर्क या सहवास में आये होना अथवा विविध अनुभव प्राप्त किए होना अनुभवी होना |
73- घाट नहाना। | अर्थ - किसी के मरने पर नदी पर नहाना। |
74- घाट लगना। | अर्थ - नदी आदि के किनारे नाव का खड़ा होना। |
75- घाटा उठाना/आना/ पड़ना। | अर्थ - व्यापार में हानि होना, नुक्सान होना, कमी होना। |
76- घाटा भरना/भर देना। | अर्थ - क्षतिपूर्ति करना। |
77- घात ताकना। | अर्थ - उपयुक्त अवसर की ताक में रहना। |
78- घात में पड़ना। | अर्थ - ऐसी स्थिति में किसी का आना कि उस पर सहज में वार किया जा सके, फँसना, घिरना। |
79- घाम का जाना। | अर्थ - तेज़ धूप के कारण सूखना या काला पड़ना। |
80- घाम खाना। | अर्थ - सरदी से बचने के लिए धूप में बैठना। |
81-घाम बचाना। | अर्थ - विपत्ति या संकट से स्वयं बचना या किसी को बचाना। |
82- घाम लगना। | अर्थ - लू लगना। |
83- घाव खाना। | अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना। |
84- घाव खाना। | अर्थ - आघात या प्रहार सहने के कारण घायल होना। |
85- घाव पर नमक छिड़कना। | अर्थ - दुखी व्यक्ति को और अधिक यंत्रणा देना। |
86- घाव पुजना/भरना। | अर्थ - क्षत या घाव के भरने के समय अंकुर निकलना। |
87- घाव हरा होना/ हो जाना। | अर्थ - कष्ट या दु:ख की घड़ी याद आना और फलतः वही पुराना कष्ट या दु:ख अनुभूत करना। |
88- घास खाए होना। | अर्थ - दिमाग में घास भरी होने के कारण बेवकूफ़ी की बातें करना। |
89- घास छीलना/खोदना। | अर्थ - तुच्छ या बेकार हो जाना। |
90- घिग्घी बँधना/बँध जाना। | अर्थ - भय से आतंकित हो जाने के कारण कंठ का अवरुद्ध हो जाना। |
91- घिरनी खाना। | अर्थ - चारो और चक्कर खाना। |
92- घी का कुप्पा लुढ़कना। | अर्थ - किसी धनी आदमी का मरना, बहुत बड़ी हानि होना। |
93- घी के कुप्पे से लगना। | अर्थ - किसी ऐसे व्यक्ति का आश्रय प्राप्त होना जिसके फलस्वरूप बहुत अधिक लाभ हो। |
94- घी खिचड़ी होना। | अर्थ - परस्पर अत्यधिक घनिष्ठता या मेल जोल होना। |
95- घी बरसाना। | अर्थ - आग में तेल डालना, झगड़े को और बढ़ाना। |
96- घुंघरू बाँधना। | अर्थ - नाचने के लिए तैयार होना। |
97- घुघरू बोलना। | अर्थ - मरने के समय गले से घुर घुर शब्द निकलना। |
98- घुट घुटकर मरना। | अर्थ - बराबर एक पर एक कष्ट भोगते हुए मरना। |
99- घुटते रहना। | अर्थ - छमित इच्छाओं के कारण पीडि़त रहना। |
100- घुटना। | अर्थ - घनिष्ठता होना। |
101- घुटने टेकना/टेक देना। | अर्थ - हार मान लेना, आत्मसमर्पण कर देना। |
102- घुटा निकलना। | अर्थ - छिपा रूस्तम या बहुत होशियार निकलना। |
103- घुटटी में पड़ना। | अर्थ - बचपन से आदत पड़ी होना, स्वभाव होना। |
104- घुन की तरह चाट जाना। | अर्थ - अन्दर ही अन्दर खा जाना या नष्ट कर डालना। |
105- घुन लगना/लग जाना। | अर्थ - किसी ऐसे दोष, रोग या चिंता से ग्रस्त होना जो जानलेवा सिद्ध हो रही हो। |
106- घुल घुलकर बातें करना। | अर्थ - ख़ूब प्रेम से बातें करना। |
107- घुल मिल जाना। | अर्थ - एक हो जाना। |
108- घुला घुलाकर मारना। | अर्थ - ऐसी स्थिति उत्पन्न करना कि कोई बराबर कष्ट भोगता मर जाए। |
109- घुलाना। | अर्थ - ऐसा काम करना कि जिससे कोई घुल घुलकर क्षीण हो जाए। |
110- घुसकर बैठना। | अर्थ - किसी के साथ सटकर बैठना, अथवा किसी की आड़ में छिपकर बैठना। |
111- घूँघट करना। | अर्थ - न करना, स्त्री का अपने चेहरे का पल्ले से ढ़कना। |
112- घूँघट उठाना। | अर्थ - स्त्री का किसी के सम्मुख पर्दा। |
113- घूँट जाना। | अर्थ - पी जाना, चुपचाप सहन कर लेना। |
114- घूम पड़ना। | अर्थ - आवेश या क्रोध में आकर किसी दूसरे से बातें करने लगना। |
115- घेर घार करना। | अर्थ - अनुचित दबाव डालना तथा विवश करना। |
116-घोटाले मे पड़ना। | अर्थ - धन आदि का ऐसी स्थिति में होना कि उसकी वसूली होने की संभावना क्षीण हो। |
117- घोड़ा उठाना। | अर्थ - घोड़े को तेज दौड़ाना। |
118- घोड़ा उलाँगना। | अर्थ - किसी नए घोड़े पर पहले-पहले सवारी करना। |
119- घोड़ा खोलना। | अर्थ - घोड़े का साज खोलना। |
120-घोड़ा निकालना। | अर्थ - घोड़े को सवारी के योग्य बनाना। |
121- घोड़े पर चढ़े चले आना। | अर्थ - कहीं पहुँचते ही वहाँ से चलने की रट लगाने लगना। |
122- घोल कर पी जाना। | अर्थ - अस्तित्व ही न रहने देना। |