गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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!अर्थ | ! style="width:70%"| अर्थ | ||
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| | | 1- धन का धन गया, मीत का मीत गया। | ||
1- धन का धन गया, मीत का मीत गया। | | अर्थ - उधार में पैसा तो जाता ही है, मित्रता भी नहीं रहती। | ||
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अर्थ - उधार में पैसा तो जाता ही है, मित्रता भी नहीं रहती। | |||
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|2- धनवंती को कांटा लगा दौड़े लोग हज़ार। | |2- धनवंती को कांटा लगा दौड़े लोग हज़ार। | ||
| | | अर्थ - धनी आदमी को थोड़ा सा कष्ट हो तो भी बहुत लोग उनकी सहायता को आ जाते हैं। | ||
अर्थ - धनी आदमी को थोड़ा सा कष्ट हो तो भी बहुत लोग उनकी सहायता को आ जाते हैं। | |||
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|3- धन्ना सेठ के नाती बने हैं। | |3- धन्ना सेठ के नाती बने हैं। | ||
| | | अर्थ - स्वयं अपने को अमीर समझते हैं। | ||
अर्थ - स्वयं अपने को अमीर समझते हैं। | |||
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|4- धर्म छोड़ धन कोठी खाए। | |4- धर्म छोड़ धन कोठी खाए। | ||
| | | अर्थ - धर्म के विरुद्ध की गयी कमाई सुख नहीं देती। | ||
अर्थ - धर्म के विरुद्ध की गयी कमाई सुख नहीं देती। | |||
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|5- धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए हैं। | |5- धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए हैं। | ||
| | | अर्थ - सांसारिक अनुभव बहुत है। | ||
अर्थ - सांसारिक अनुभव बहुत है। | |||
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|6- धोबी पर बस न चला तो गधे के कान उमेठे। | |6- धोबी पर बस न चला तो गधे के कान उमेठे। | ||
| | | अर्थ - बलवान से हार खाकर निर्बल पर गुस्सा निकालना। | ||
अर्थ - बलवान से हार खाकर निर्बल पर गुस्सा निकालना। | |||
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|7- धोबी के घर पड़े चोर , वह न लुटा लुटे और। | |7- धोबी के घर पड़े चोर , वह न लुटा लुटे और। | ||
| | | अर्थ - नुक़सान दूसरे का हो जाना। | ||
अर्थ - नुक़सान दूसरे का हो जाना। | |||
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|8- धोबी रोवे धुलाई को, मियाँ रोवे कपड़े को। | |8- धोबी रोवे धुलाई को, मियाँ रोवे कपड़े को। | ||
| | | अर्थ - सब अपने-अपने नुक़सान की चिंता करते हैं। | ||
अर्थ - सब अपने-अपने नुक़सान की चिंता करते हैं। | |||
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|9- धज्जियाँ उड़ाना। | |9- धज्जियाँ उड़ाना। | ||
| | | अर्थ - दुर्गति करना। | ||
अर्थ - दुर्गति करना। | |||
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|10- धूप में बाल सफ़ेद करना। | |10- धूप में बाल सफ़ेद करना। | ||
| | | अर्थ - अनुभवहीन होना। | ||
अर्थ - अनुभवहीन होना। | |||
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12:10, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- धन का धन गया, मीत का मीत गया। | अर्थ - उधार में पैसा तो जाता ही है, मित्रता भी नहीं रहती। |
2- धनवंती को कांटा लगा दौड़े लोग हज़ार। | अर्थ - धनी आदमी को थोड़ा सा कष्ट हो तो भी बहुत लोग उनकी सहायता को आ जाते हैं। |
3- धन्ना सेठ के नाती बने हैं। | अर्थ - स्वयं अपने को अमीर समझते हैं। |
4- धर्म छोड़ धन कोठी खाए। | अर्थ - धर्म के विरुद्ध की गयी कमाई सुख नहीं देती। |
5- धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए हैं। | अर्थ - सांसारिक अनुभव बहुत है। |
6- धोबी पर बस न चला तो गधे के कान उमेठे। | अर्थ - बलवान से हार खाकर निर्बल पर गुस्सा निकालना। |
7- धोबी के घर पड़े चोर , वह न लुटा लुटे और। | अर्थ - नुक़सान दूसरे का हो जाना। |
8- धोबी रोवे धुलाई को, मियाँ रोवे कपड़े को। | अर्थ - सब अपने-अपने नुक़सान की चिंता करते हैं। |
9- धज्जियाँ उड़ाना। | अर्थ - दुर्गति करना। |
10- धूप में बाल सफ़ेद करना। | अर्थ - अनुभवहीन होना। |