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#उठती जवानी तो बराबर किसी लौ से खेलती है, आँच आने की परवा नहीं करती। - [[राधिका|राजा राधिका प्रसाद सिंह]]
#उठती जवानी तो बराबर किसी लौ से खेलती है, आँच आने की परवा नहीं करती। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)
#तुम निर्भीक होकर कहो बंसती। तुम्हें किसी प्रकार की आँच नहीं आ सकती। - यज्ञदत्त  
#तुम निर्भीक होकर कहो बंसती। तुम्हें किसी प्रकार की आँच नहीं आ सकती। - (यज्ञदत्त)




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12:10, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

आँखों से चिनगारियाँ निकलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- कष्ट या हानि होना।

प्रयोग-

  1. बेटा हमारे होते तुम पर कभी आँच नहीं आएगी।
  2. ईश्वर न करे कि तुम पर कोई आँच आवे। - रामकुमार वर्मा
  3. उठती जवानी तो बराबर किसी लौ से खेलती है, आँच आने की परवा नहीं करती। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)
  4. तुम निर्भीक होकर कहो बंसती। तुम्हें किसी प्रकार की आँच नहीं आ सकती। - (यज्ञदत्त)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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