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{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
! style="width:30%"| कहावत लोकोक्ति मुहावरे
!अर्थ
! style="width:70%"| अर्थ
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| 1- गोबर राखी पाती सड़ै, फिर खेती में दाना पड़ै।
1- गोबर राखी पाती सड़ै,<br />
| अर्थ - धैर्य और मेहनत के साथ ही सफलता मिलती है।
फिर खेती में दाना पड़ै।
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अर्थ - धैर्य और मेहनत के साथ ही सफलता मिलती है।
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|2- गोबर, मैला, नीम की खली,<br />
|2- गोबर, मैला, नीम की खली, या से खेती दुनी फली।।
या से खेती दुनी फली।।
| अर्थ - अनुरूप कार्य करने से दुगना लाभ मिलता है।
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अर्थ - अनुरूप कार्य करने से दुगना लाभ मिलता है।
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|3- गहिर न जोतै बोवै धान।<br />
|3- गहिर न जोतै बोवै धान। सो घर कोठिला भरै किसान।।  
सो घर कोठिला भरै किसान।।  
| अर्थ - अगर किसान गहरी जुतायी न करके धान बोयें तो उसकी पैदावार ख़ूब होती है।
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अर्थ - अगर किसान गहरी जुतायी न करके धान बोयें तो उसकी पैदावार ख़ूब होती है।
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|4- गेहूं भवा काहें। असाढ़ के दुइ बाहें।। <br />
|4- गेहूं भवा काहें। असाढ़ के दुइ बाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह बाहें नौ गाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।। गेहूं भवा काहें। कातिक के चौबाहें।।।
गेहूं भवा काहें। सोलह बाहें नौ गाहें।। <br />
|अर्थ - अगर किसान आषाढ़ के महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से गेहूं की फ़सल अच्छी होती है।
गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।। <br />
गेहूं भवा काहें। कातिक के चौबाहें।।।
|
अर्थ - अगर किसान आषाढ़ के महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से गेहूं की फ़सल अच्छी होती है।
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|5- गेहूं बाहें। धान बिदाहें।।
|5- गेहूं बाहें। धान बिदाहें।।
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|अर्थ - गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान होने के चार दिन बाद जुतवा देने) से अच्छी होती है।
अर्थ - गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान होने के चार दिन बाद जुतवा देने) से अच्छी होती है।
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|6- गेहूं मटर सरसी। औ जौ कुरसी।।
|6- गेहूं मटर सरसी। औ जौ कुरसी।।
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|अर्थ - [[गेहूँ]] और मटर की बोआई सरस खेत में तथा जौ की बोआई कुरसौ में करने से पैदावार अच्छी होती है।
अर्थ - गेहूं और मटर की बोआई सरस खेत में तथा जौ की बोआई कुरसौ में करने से पैदावार अच्छी होती है।
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|7- गेहूं बाहा, धान गाहा।<br />
|7- गेहूं बाहा, धान गाहा। ऊख गोड़ाई से है आहा।।
[[ऊख]] गोड़ाई से है आहा।।
| अर्थ - जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और [[ऊख]] कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है।
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अर्थ - जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और ऊख कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है।
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|8- गेहूं बाहें, चना दलाये। <br />
|8- गेहूं बाहें, चना दलाये। धान गाहें, मक्का निराये, ऊख कसाये।
धान गाहें, मक्का निराये, ऊख कसाये।
| अर्थ - ख़ूब बांह करने से गेहूं, दलने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और ईख में पानी में छोड़कर बोने से  उसकी फ़सल अच्छी होती है।
|
अर्थ - ख़ूब बांह करने से गेहूं, दलने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और ईख में पानी में छोड़कर बोने से  उसकी फ़सल अच्छी होती है।
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|9- गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए तो यमुनादास।
|9- गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए तो यमुनादास।
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| अर्थ - परिस्थिति अनुसार अपना सिद्धांत बदलने वाला।
अर्थ - परिस्थिति अनुसार अपना सिद्धांत बदलने वाला।
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|10- गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके।
|10- गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके।
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| अर्थ - स्वार्थी आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।
अर्थ - स्वार्थी आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।
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|11- गँवार गन्ना न दे, भेली दे।
|11- गँवार गन्ना न दे, भेली दे।
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| अर्थ - मूर्ख सरलता से मामूली चीज़ नहीं देता, धमकाने से अधिक मूल्य की वस्तु भी दे देता है।
अर्थ - मूर्ख सरलता से मामूली चीज़ नहीं देता, धमकाने से अधिक मूल्य की वस्तु भी दे देता है।
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|12- गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता।
|12- गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता।
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| अर्थ - किसी उपाय से भी स्वभाव नहीं बदलता।
अर्थ - किसी उपाय से भी स्वभाव नहीं बदलता।
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|13- गई माँगने पूत, खो आई भरतार।
|13- गई माँगने पूत, खो आई भरतार।
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| अर्थ - थोड़े लाभ के चक्कर में भारी नुक़सान का हो जाना।
अर्थ - थोड़े लाभ के चक्कर में भारी नुकसान का हो जाना।
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|14- गर्व का सिर नीचा।
|14- गर्व का सिर नीचा।
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| अर्थ - घमंडी आदमी का घमंड चूर हो जाता है।
अर्थ - घमंडी आदमी का घमंड चूर हो जाता है।
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|15- ग़रीब की जोरू, सबकी भाभी।
|15- ग़रीब की ज़ोरू, सबकी भाभी।
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| अर्थ - ग़रीब आदमी से सब लाभ उठाना चाहते हैं।
अर्थ - अर्थ - ग़रीब आदमी से सब लाभ उठाना चाहते हैं।
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|16- ग़रीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान।
|16- ग़रीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान।
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| अर्थ - ग़रीब का सर्वत्र अपमान होता रहता है।
अर्थ - ग़रीब का सर्वत्र अपमान होता रहता है।
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|17- गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त।
|17- गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त।
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| अर्थ - जिसका काम है वह तो आलस करे और दूसरे फुर्ती दिखाएं।
अर्थ - जिसका काम है वह तो आलस करे और दूसरे फुर्ती दिखाएं।
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|18- ग़रीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए।
|18- ग़रीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए।
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| अर्थ - ग़रीब की क़िस्मत ही बुरी होती है।
अर्थ - ग़रीब की क़िस्मत ही बुरी होती है।
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|19- गाँठ का पूरा, आँख का अंधा।
|19- गाँठ का पूरा, आँख का अंधा।
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| अर्थ - पैसे वाला तो है, पर मूर्ख  है।
अर्थ - पैसे वाला तो है, पर मूर्ख  है।
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|20- गाडर पाली ऊन को लागी, चरन कपास।
|20- गाडर पाली ऊन को लागी, चरन कपास।
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| अर्थ - रखा तो गया है काम करने को, पर करता है नुक़सान।
अर्थ - रखा तो गया है काम करने को, पर करता है नुकसान।
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|21- गिरहकट का भाई गठकट।
|21- गिरहकट का भाई गठकट।
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| अर्थ - सब बदमाश एक से होते हैं।   
अर्थ - सब बदमाश एक से होते हैं।   
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|22- गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे।
|22- गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे।
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| अर्थ - विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती।
अर्थ - विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती।
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|23- गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज।
|23- गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज।
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| अर्थ -  झूठ और ढोंग रचना।
अर्थ -  झूठ और ढोंग रचना।
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|24- गुड़ दिए मरे तो जहर क्यों दें।
|24- गुड़ दिए मरे तो ज़हर क्यों दें।
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| अर्थ - प्रेम से काम निकल सके तो सख्ती क्यों करें।
अर्थ - प्रेम से काम निकल सके तो सख्ती क्यों करें।
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|25- गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें।
|25- गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें।
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| अर्थ - कुछ न दें पर मीठा बोल तो बोलें।
अर्थ - कुछ न दें पर मीठा बोल तो बोलें।
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|26- गुड़-गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया।
|26- [[गुरु गुड़ रहा|गुरु गुड़ रहा, चेला शक्कर हो गया।]]
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| अर्थ - छोटे–बड़ों से आगे बढ़ जाते हैं।
अर्थ - छोटे–बड़ों से आगे बढ़ जाते हैं।
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|27- गुरु जी, चेले बहुत हो गए। <br />
|27- गुरु जी, चेले बहुत हो गए। भूखों मरेंगे तो आप ही चले जाएंगे।
भूखों मरेंगे तो आप ही चले जाएंगे।
| अर्थ - लोग अधिक हो तो, उपेक्षा होती है।
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अर्थ - लोग अधिक हो तो, उपेक्षा होती है।
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|28- गूदड़ में लाल नहीं छिपता।
|28- गूदड़ में लाल नहीं छिपता।
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| अर्थ - बढ़िया चीज़ अपने आप पहचानी जाती है।
अर्थ - बढ़िया चीज़ अपने आप पहचानी जाती है।
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|29- गोद में बैठकर आँख में उँगली।
|29- गोद में बैठकर आँख में उँगली।
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| अर्थ - भला करने पर दुष्टता करना।
अर्थ - भला करने पर दुष्टता करना।
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|30- गोद में लड़का, शहर में ढिंढोरा।
|30- गोद में लड़का, शहर में ढिंढोरा।
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| अर्थ - वस्तु पास में और खोज दूर तक।
अर्थ - वस्तु पास में और खोज दूर तक।
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|31- गंगा नहाना।
|31- गंगा नहाना।
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| अर्थ - कठिन कार्य पूरा होना।
अर्थ - कठिन कार्य पूरा होना।
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|32- गठरी मारना।
|32- गठरी मारना।
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| अर्थ - सामान चुरा लेना।  
अर्थ - सामान चुरा लेना।  
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|33- गड़े मुरदे उखाड़ना।
|33- गड़े मुरदे उखाड़ना।
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|अर्थ - पुरानी बात फिर से उजागर करना।  
अर्थ - पुरानी बात फिर से उजागर करना।  
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|34-  गढ़ जीतना।
|34-  गढ़ जीतना।
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| अर्थ - बहुत कठिन काम करना।
अर्थ - बहुत कठिन काम करना।
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|35- गले का हार होना।
|35- गले का हार होना।
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| अर्थ - बहुत प्यारा होना।
अर्थ - बहुत प्यारा होना।
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|36- गले पड़ा ढोल बजाना।
|36- गले पड़ा ढोल बजाना।
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| अर्थ - सिर पर पड़ी ज़िम्मेदारी को मजबूरी में पूरा करना।
अर्थ - सिर पर पड़ी जिम्मेदारी को मजबूरी में पूरा करना।
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|37- गले मढ़ना।
|37- गले मढ़ना।
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| अर्थ - जबरदस्ती सौंपना।
अर्थ - जबरदस्ती सौंपना।
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|38- गहरा हाथ।
|38- गहरा हाथ।
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| अर्थ - बहुत कुछ हथिया लेना।  
अर्थ - बहुत कुछ हथिया लेना।  
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|39- गाँठ का पूरा।
|39- गाँठ का पूरा।
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| अर्थ - मालदार होना।  
अर्थ - मालदार होना।  
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|40- गाँठ में बाँधना।
|40- गाँठ में बाँधना।
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| अर्थ - याद रखना।
अर्थ - याद रखना।
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|41- गागर में सागर भरना।
|41- गागर में सागर भरना।
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| अर्थ - थोड़े में बहुत कुछ कहना।
अर्थ - थोड़े में बहुत कुछ कहना।
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|42- गाजर मूली समझना।
|42- गाजर मूली समझना।
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| अर्थ - तुच्छ समझना।
अर्थ - तुच्छ समझना।
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|43- गाढ़े का साथी।
|43- गाढ़े का साथी।
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| अर्थ - संकट का साथी।
अर्थ - संकट का साथी।
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|44- गाल फुलाना।
|44- गाल फुलाना।
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| अर्थ - रूठना जाना।
अर्थ - रूठना जाना।
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|45- गाल बजाना।
|45- गाल बजाना।
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| अर्थ - डींग हाँकना।
अर्थ - डींग हाँकना।
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|46- गिन-गिन कर क़दम रखना।
|46- गिन-गिन कर क़दम रखना।
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| अर्थ - बहुत सावधानी से आगे बढ़ना।
अर्थ - बहुत सावधानी से आगे बढ़ना।
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|47- गिरगिट की तरह रंग बदलना।
|47- गिरगिट की तरह रंग बदलना।
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| अर्थ - एक रंग-ढंग न रखना, रोज़ बातें बदलना।
अर्थ - एक रंग-ढंग न रखना, रोज़ बातें बदलना।
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|48- गीदड़ भभकी।
|48- गीदड़ भभकी।
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| अर्थ - दिखावटी धमकी देना।
अर्थ - दिखावटी धमकी देना।
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|49- गुड़ गोबर कर देना।
|49- गुड़ गोबर कर देना।
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| अर्थ - बना-बनाया काम बिगाड़ देना।
अर्थ - बना-बनाया काम बिगाड़ देना।
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|50- गुदड़ी का लाल होना।
|50- गुदड़ी का लाल होना।
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| अर्थ - ग़रीबी में भी गुणवान होना।
अर्थ - ग़रीबी में भी गुणवान होना।
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|51-  ग़ुल खिलाना।
|51-  ग़ुल खिलाना।
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| अर्थ - कोई बखेड़ा खड़ा करना।
अर्थ - कोई बखेड़ा खड़ा करना।
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|52- ग़ुस्सा़ पी जाना।
|52- ग़ुस्सा पी जाना।
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| अर्थ - क्रोध रोकना।
अर्थ - क्रोध रोकना।
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|53- गूँगे का गुड़ होना।
|53- गूँगे का गुड़ होना।
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| अर्थ - अनुभव को प्रकट न कर पाना।
अर्थ - अनुभव को प्रकट न कर पाना।
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|54- गूलर का फूल।
|54- गूलर का फूल।
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| अर्थ - दुर्लभ वस्तु होना।
अर्थ - दुर्लभ वस्तु होना।
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|55- गेहूँ के साथ घुन पिस जाना।
|55- गेहूँ के साथ घुन पिस जाना।
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| अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष का भी अहित हो जाना।
अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष का भी अहित हो जाना।
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|56- गोटी बैठाना।
|56- गोटी बैठाना।
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| अर्थ - युक्ति सफल होना।
अर्थ - युक्ति सफल होना।
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|57- गोबर गणेश।
|57- गोबर गणेश।
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| अर्थ - बिलकुल बुद्धू होना।
अर्थ - बिलकुल बुध्दू होना।
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|58- गोल कर जाना।
|58- गोल कर जाना।
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| अर्थ - गायब कर देना।
अर्थ - गायब कर देना।
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|59. [[गरदन उतारना]]
| अर्थ - सिर काटना।
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|60. [[गरदन छुड़ाना]]
| अर्थ - मुसीबत से बच निकलना।
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|61. [[गरदन झुकना]]
| अर्थ - नतमस्तक होना, अधीन होना। लज्जित होना।
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|62. [[गरदन झुकाना]]
| अर्थ - अधीनता स्वीकार करना, समर्पण करना। लज्जित होकर सर नीचा करना।
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|63. [[गरदन ढलकना]]
| अर्थ - मरने के बहुत समीप होना, मर जाना।
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|64. [[गरदन दबाना]]
| अर्थ - कुछ देने या हानि सहने के लिए विवश या मजबूर करना।
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|65. [[गरदन न उठाना]]
| अर्थ - बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना। (शर्म से) सिर न उठाना।
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|66. [[गरदन नापना]]
| अर्थ - किसी को गरदन पकड़ कर धक्का देते हुए बाहर करना।
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|67. [[गरदन पर छुरी चलाना]]
| अर्थ - अपने स्वार्थ के लिए दूसरे का बहुत बड़ा अहित करना, जीविका छीन लेना।
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|68. [[गरदन पर जुआ रखना]]
| अर्थ - जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना।
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|69. [[गरदन पर सवार होना]]
| अर्थ - सिर पर सवार होना।
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|70. [[गरदन फँसना]]
| अर्थ - संकट में पड़ना।
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|71. [[गरदन मरोड़ना]]
| अर्थ - गला दबाकर किसी को मार डालना।
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|72. [[गरदन मारना]]
|अर्थ - सिर काटना।
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|73. [[गरदन में हाथ देना]]
|अर्थ - कहीं से निकाल बाहर करने के लिए गरदन पकड़ना।
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|74. [[गरदन में हाथ पाना]]
|अर्थ - गरदनिया देकर निकाला जाना।
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|75. [[गरदनिया देना]]
|अर्थ - गरदन से पकड़कर धकेलना।
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|76. [[गरम रहना]]
|अर्थ - चूल्हे आदि में आग बराबर जलती रहना।
|-
|77. [[गरम होना]]
|अर्थ - गुस्से में आना।
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|78. [[गरमागरमी होना]]
|अर्थ - गुस्से में आकर एक दूसरे से बातें करना।
|-
|79. [[गर्मी खाना]]
|अर्थ - गुस्से या तैश में आना।
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|80. [[गरमी निकालना]]
|अर्थ - (किसी का) दर्प चूर्ण करना, प्रतिकार के द्वार शांत करना।
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|81. [[गरमी होना]]
|अर्थ - अभिमान या घमंड होना।
|-
|82. [[ग़र्क होना]]
|अर्थ - डूब जाना, नष्ट हो जाना।
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|83. [[गर्दिश में होना]]
|अर्थ - मुसीबत में होना।
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|84. [[गर्भ गिरना]]
|अर्थ - गर्भपात होना।
|-
|85. [[गर्भ रहना]]
|अर्थ - पेट में बच्चा आना।
|-
|86. [[गला आना]]
|अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना।
|-
|87. [[गला उठाना]]
|अर्थ - गले में घंटी के बढ़ या लटक जाने पर उसे ऊँचा कर देना।
|-
|88. [[गला काटना]]
|अर्थ - चटपटी या तीखी चीज़ खाने पर उसका गले के भीतरी भाग में हलकी खुजली, चुनचुनाहट या जलन पैदा करना। चालाकी या छल से किसी को ठग लेना।
|-
|89. [[गला खुलना]]
|अर्थ - गले से स्वर ठीक से निकलना।
|-
|90. [[गला गरमाना]]
|अर्थ - इस प्रकार धीरे-धीरे कुछ बोलना या गुनगुनाना कि गले से उच्च या पूरा स्वर निकल सके।
|-
|91. [[गला घुटना]]
|अर्थ - धुंए, घुटन आदि के कारण सांस लेना कठिन होना, दम घुटना।
|-
|92. [[गला घोंटना]]
|अर्थ - गला दबाकर मार डालना। बहुत बड़ी हानि करना।
|-
|93. [[गला छुड़ाना]]
|अर्थ - पीछा छुड़ाना।
|-
|94. [[गला छूटना]]
|अर्थ - त्राण या छुटकारा मिलना।
|-
|95. [[गला जकड़ना]]
|अर्थ - गले में पीड़ा, सूजन या और कोई विकार होना जिसके फलस्वरूप कुछ खाया-पिया न जा सके।
|-
|96. [[गला जोड़ना]]
|अर्थ - (किसी से) मेल-जोल या घनिष्ठता स्थापित करना।
|-
|97. [[गला दबाना]]
|अर्थ - गला दबाकर जान से मारना। बलात् किसी से कुछ ऐंठ लेना
|-
|98. [[गला न छूटना]]
|अर्थ - गला न छूटना
|-
|99. [[गला पकड़ना]]
|अर्थ - किसी को किसी बात के लिए उत्तरदायी ठहराना। खट्टी चीज़ खाने से गले में कष्ट होना।
|-
|100. [[गला पड़ना]]
|अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना।
|-
|101. [[गला फँसना]]
|अर्थ - बंधन या संकट में पड़ना।
|-
|102. [[गला फटना]]
|अर्थ - गले में ऐसा विकार होना जिससे मधुर स्वर न निकल पाए।
|-
|103. [[गला फाड़ना]]
|अर्थ - ज़ोर से चिल्ला कर कुछ बोलना या गाना।
|-
|104. [[गला फिरना]]
|अर्थ - गला फिरना
|-
|105. [[गला बैठना]]
|अर्थ - अधिक बोलने, गाने या किसी रोग के कारण गले से आवाज़ न निकलना या बहुत मंद या बेसुरी आवाज़ निकलना।
|-
|106. [[गला भर आना]]
|अर्थ - भावातिरेक के कारण गले आवाज़ न निकलना।
|-
|107. [[गला भर्राना]]
|अर्थ - गला भर आना, किसी कारण आवाज़ न निकलना।
|-
|108. [[गला मरोड़ना]]
|अर्थ - धन ऐंठना या बलात् ले लेना।
|-
|109. [[गले उतारना]]
|अर्थ - अनिच्छापूर्वक ग्रहण या स्वीकार करना।
|-
|110. [[गले का हार]]
|अर्थ - अत्यंत प्रिय या मूल्यवान वस्तु।
|-
|111. [[गले की फाँसी]]
|अर्थ - अत्यंत कष्टदायक बात या काम।
|-
|112. [[गले न उतरना]]
|अर्थ - किसी बात का न जँचना, फलतः स्वीकार्य न होना।
|-
|113. [[गले पड़ना]]
|अर्थ - (व्यक्ति का) पीछे पड़ जाना। भारस्वरूप होना।
|-
|114. [[गले पड़ा ढोल बजाना]]
|अर्थ - विवश होकर कोई काम करना या दायित्व निभाना।
|-
|115. [[गले पर छुरी चलना]]
|अर्थ - बहुत बड़ा अहित करना।
|-
|116. [[गले बाँधना]]
|अर्थ - गले मढ़ना।
|-
|117. [[गले में उतारना]]
|अर्थ - पीना।
अच्छी तरह समझा देना।
|-
|118. [[गले मढ़ना]]
| अर्थ - बलात् साँपना।
|-
|119. [[गले में चक्की का पात बाँधना]]
|अर्थ - इतना बड़ा दायित्व सौंपना, जिसका निर्वाह संभव न हो।
|-
|120. [[गले लगना]]
|अर्थ - प्यार से किसी से लिपट जाना।
|-
|121. [[गले लगाना]]
|अर्थ - आलिंगन करना, अपनाना।
|-
|122. [[गले से उतारना]]
|अर्थ - खाना, पेट में डालना।
|-
|123. [[गवाह गुज़रना]]
|अर्थ - अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना।
|-
|124. [[गवाही देना]]
|अर्थ - किसी साक्षी का किसी पक्ष की ओर से समर्थन करना या उसे ठीक बतलाना।
|-
|125. [[गस्सा मारना]]
|अर्थ - जल्दी-जल्दी और बड़े-बड़े कौर मुँह में डालना।
|-
|126. [[गहरा हाथ मारना]]
|अर्थ - बहुत अधिक धन हाथ में कर लेना।
|-
|127. [[गहरी छनना]]
|अर्थ - घनिष्ठता होना। ऐसी भाँग छानना, जिससे तेज़ नशा हो।
|-
|128. [[गहरे में चलना]]
|अर्थ - इस प्रकार आचरण या व्यवहार करना की लोगों को वास्तविक उद्देश्य का आभास न लगे।
|-
|129. [[गाँठ कतरना]]
|अर्थ - चोरी या चालाकी से किसी के पास का धन ले लेना।
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|130. [[गाँठ का पूरा]]
|अर्थ - धनी, मालदार।
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|131. [[गाँठ खुलना]]
|अर्थ - कठिनाई या उलझाव दूर होना, समस्या का समाधान मिलना या निराकरण होना।
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|132. [[गाँठ खोलना]]
|अर्थ - मन में छिपा हुआ द्वेष-भाव स्पष्ट रूप से व्यक्त करना कि भविष्य में पुनः परस्पर दुर्भावना न उत्पन्न हो।
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|133. [[गाँठ जोड़ना]]
|अर्थ - [[विवाह]] के समय वर वधू या किसी धार्मिक कृत्य के समय पति-पत्नी के दुपट्टे में गाँठ बाँधना। परस्पर बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करना।
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|134. [[गाँठ निकालना]]
|अर्थ - जिसने अपकार किया हो उसका जी भर अपकार करना।
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|135. [[गाँठ पड़ना]]
|अर्थ - (दो व्यक्तियों या पक्षों में) द्वेष या वैमनस्य हो जाना।
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|136. [[गाँठ बाँधना]]
|अर्थ - (कोई बात) सदा स्मरण रखना।
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|137. [[गाँठ में कुछ होना]]
|अर्थ - पल्ले धन होना।
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|138. [[गाँठ में बाँध लेना]]
|अर्थ - सदा स्मरण रखना।
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|139. [[गाँठ में होना]]
|अर्थ - गाँठ में अर्थात् पल्ले धन होना।
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|140. [[गाँठ रखना]]
|अर्थ - (व्यक्ति को) पहले से मिला या पटा लेना।
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|141. [[गाँठ से]]
|अर्थ - पल्ले से, पास से।
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|142. [[गाँठ लगाना]]
| अर्थ - याद रखना, गाँठ में बाँध रखना।
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|143. [[गागर में सागर भरना]]
|अर्थ - गिनती के या थोड़े से शब्दों में बहुत अधिक भाव या विचार सँजोना या व्यक्त करना।
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|144. [[गाज पड़ना]]
|अर्थ - बहुत बड़ी हानि या अनिष्ट होना, फलत: नष्ट या बरबाद होना।
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|145. [[गाजर-मूली समझना]]
|अर्थ - (किसी व्यक्ति को) कमज़ोर, बेदम, अपेक्ष्य या हेय समझना।
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|146. [[गाड़ी अटकना]]
|अर्थ - काम कुछ समय के लिए रुक जाना।
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|147. [[गाड़ी खिंचना]]
|अर्थ - निर्वाह होना।
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|148. [[गाड़ी ठीक से चलना]]
|अर्थ - क्रम, गति या निर्वाह उचित रीति से होना।
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|149. [[गाड़ी बीच में अटकना]]
|अर्थ - काम का बीच में ही विघ्न-बाधा के आ जाने से रुक जाना।
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|150. [[गाढ़ा समय]]
|अर्थ - कष्ट या मुसीबत के दिन।
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|151. [[गाढ़ी कमाई]]
| अर्थ - खून-पसीने की कमाई।
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|152. [[गाढ़ी छनना]]
| अर्थ - अत्यंत घनिष्ठता होना।
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|153. [[गात से होना]]
|अर्थ - गर्भवती होना।
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|154. [[ग़ायब करना]]
|अर्थ - (कोई चीज़) चुरा लेना या हटा-बढ़ा देना।
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|155. [[गारद में रखना]]
| अर्थ - (अपराधियों आदि को) पहरे में रखना।
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|156. [[गाल करना]]
| अर्थ - बढ़-बढ़कर और उदण्डतापूर्वक बातें करना।
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|157. [[गाल फुलाना]]
| अर्थ - चेहरे से रोष और क्रोध झलकना।
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|158. [[गाल बजाना]]
|अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना।
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|159. [[गाल मारना]]
|अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना।
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|160. [[गाल में चावल भरे होना]]
|अर्थ - मुँह से ठीक तरह बात न निकलना।
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|161. [[गाल में जाना]]
|अर्थ - काल के गाल में जाना।
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|162. [[गाल में भरना]]
|अर्थ - (कोई चीज़) मुँह में डालना या रखना।
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|163. [[गाली खाना]]
|अर्थ - चुपचाप अपने संबंध में किसी के द्वारा कहे हुए अपशब्द सुनना।
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|164. [[गाली देना]]
|अर्थ - अपशब्द कहना।
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|165. [[गिटपिट करना]]
|अर्थ - ऐसी [[भाषा]] में बोलना, जिसे सुनने वाला न समझता हो। अस्पष्ट बोलना।
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|166. [[गिनती के ही]]
|अर्थ - बहुत कम।
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|167. [[गिनती में लाना]]
|अर्थ - प्रतिष्ठा या आदर के योग्य समझना।
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|168. [[गिनती ही न होना]]
|अर्थ - संख्या में इतना अधिक होना कि सहसा गिनती न हो सके।
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|169. [[गिरगिट की तरह रंग बदलना]]
|अर्थ - कभी कुछ और कभी कुछ करना, एक बात पर स्थिर न रहना।
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|170. [[गिरते-पड़ते]]
|अर्थ - किसी न किसी तरह, बड़ी-बड़ी मुसीबतें उठाते हुए।
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12:10, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ
1- गोबर राखी पाती सड़ै, फिर खेती में दाना पड़ै। अर्थ - धैर्य और मेहनत के साथ ही सफलता मिलती है।
2- गोबर, मैला, नीम की खली, या से खेती दुनी फली।। अर्थ - अनुरूप कार्य करने से दुगना लाभ मिलता है।
3- गहिर न जोतै बोवै धान। सो घर कोठिला भरै किसान।। अर्थ - अगर किसान गहरी जुतायी न करके धान बोयें तो उसकी पैदावार ख़ूब होती है।
4- गेहूं भवा काहें। असाढ़ के दुइ बाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह बाहें नौ गाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।। गेहूं भवा काहें। कातिक के चौबाहें।।। अर्थ - अगर किसान आषाढ़ के महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से गेहूं की फ़सल अच्छी होती है।
5- गेहूं बाहें। धान बिदाहें।। अर्थ - गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान होने के चार दिन बाद जुतवा देने) से अच्छी होती है।
6- गेहूं मटर सरसी। औ जौ कुरसी।। अर्थ - गेहूँ और मटर की बोआई सरस खेत में तथा जौ की बोआई कुरसौ में करने से पैदावार अच्छी होती है।
7- गेहूं बाहा, धान गाहा। ऊख गोड़ाई से है आहा।। अर्थ - जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और ऊख कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है।
8- गेहूं बाहें, चना दलाये। धान गाहें, मक्का निराये, ऊख कसाये। अर्थ - ख़ूब बांह करने से गेहूं, दलने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और ईख में पानी में छोड़कर बोने से उसकी फ़सल अच्छी होती है।
9- गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए तो यमुनादास। अर्थ - परिस्थिति अनुसार अपना सिद्धांत बदलने वाला।
10- गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके। अर्थ - स्वार्थी आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है।
11- गँवार गन्ना न दे, भेली दे। अर्थ - मूर्ख सरलता से मामूली चीज़ नहीं देता, धमकाने से अधिक मूल्य की वस्तु भी दे देता है।
12- गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता। अर्थ - किसी उपाय से भी स्वभाव नहीं बदलता।
13- गई माँगने पूत, खो आई भरतार। अर्थ - थोड़े लाभ के चक्कर में भारी नुक़सान का हो जाना।
14- गर्व का सिर नीचा। अर्थ - घमंडी आदमी का घमंड चूर हो जाता है।
15- ग़रीब की ज़ोरू, सबकी भाभी। अर्थ - ग़रीब आदमी से सब लाभ उठाना चाहते हैं।
16- ग़रीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान। अर्थ - ग़रीब का सर्वत्र अपमान होता रहता है।
17- गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त। अर्थ - जिसका काम है वह तो आलस करे और दूसरे फुर्ती दिखाएं।
18- ग़रीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए। अर्थ - ग़रीब की क़िस्मत ही बुरी होती है।
19- गाँठ का पूरा, आँख का अंधा। अर्थ - पैसे वाला तो है, पर मूर्ख है।
20- गाडर पाली ऊन को लागी, चरन कपास। अर्थ - रखा तो गया है काम करने को, पर करता है नुक़सान।
21- गिरहकट का भाई गठकट। अर्थ - सब बदमाश एक से होते हैं।
22- गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे। अर्थ - विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती।
23- गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज। अर्थ - झूठ और ढोंग रचना।
24- गुड़ दिए मरे तो ज़हर क्यों दें। अर्थ - प्रेम से काम निकल सके तो सख्ती क्यों करें।
25- गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें। अर्थ - कुछ न दें पर मीठा बोल तो बोलें।
26- गुरु गुड़ रहा, चेला शक्कर हो गया। अर्थ - छोटे–बड़ों से आगे बढ़ जाते हैं।
27- गुरु जी, चेले बहुत हो गए। भूखों मरेंगे तो आप ही चले जाएंगे। अर्थ - लोग अधिक हो तो, उपेक्षा होती है।
28- गूदड़ में लाल नहीं छिपता। अर्थ - बढ़िया चीज़ अपने आप पहचानी जाती है।
29- गोद में बैठकर आँख में उँगली। अर्थ - भला करने पर दुष्टता करना।
30- गोद में लड़का, शहर में ढिंढोरा। अर्थ - वस्तु पास में और खोज दूर तक।
31- गंगा नहाना। अर्थ - कठिन कार्य पूरा होना।
32- गठरी मारना। अर्थ - सामान चुरा लेना।
33- गड़े मुरदे उखाड़ना। अर्थ - पुरानी बात फिर से उजागर करना।
34- गढ़ जीतना। अर्थ - बहुत कठिन काम करना।
35- गले का हार होना। अर्थ - बहुत प्यारा होना।
36- गले पड़ा ढोल बजाना। अर्थ - सिर पर पड़ी ज़िम्मेदारी को मजबूरी में पूरा करना।
37- गले मढ़ना। अर्थ - जबरदस्ती सौंपना।
38- गहरा हाथ। अर्थ - बहुत कुछ हथिया लेना।
39- गाँठ का पूरा। अर्थ - मालदार होना।
40- गाँठ में बाँधना। अर्थ - याद रखना।
41- गागर में सागर भरना। अर्थ - थोड़े में बहुत कुछ कहना।
42- गाजर मूली समझना। अर्थ - तुच्छ समझना।
43- गाढ़े का साथी। अर्थ - संकट का साथी।
44- गाल फुलाना। अर्थ - रूठना जाना।
45- गाल बजाना। अर्थ - डींग हाँकना।
46- गिन-गिन कर क़दम रखना। अर्थ - बहुत सावधानी से आगे बढ़ना।
47- गिरगिट की तरह रंग बदलना। अर्थ - एक रंग-ढंग न रखना, रोज़ बातें बदलना।
48- गीदड़ भभकी। अर्थ - दिखावटी धमकी देना।
49- गुड़ गोबर कर देना। अर्थ - बना-बनाया काम बिगाड़ देना।
50- गुदड़ी का लाल होना। अर्थ - ग़रीबी में भी गुणवान होना।
51- ग़ुल खिलाना। अर्थ - कोई बखेड़ा खड़ा करना।
52- ग़ुस्सा पी जाना। अर्थ - क्रोध रोकना।
53- गूँगे का गुड़ होना। अर्थ - अनुभव को प्रकट न कर पाना।
54- गूलर का फूल। अर्थ - दुर्लभ वस्तु होना।
55- गेहूँ के साथ घुन पिस जाना। अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष का भी अहित हो जाना।
56- गोटी बैठाना। अर्थ - युक्ति सफल होना।
57- गोबर गणेश। अर्थ - बिलकुल बुद्धू होना।
58- गोल कर जाना। अर्थ - गायब कर देना।
59. गरदन उतारना अर्थ - सिर काटना।
60. गरदन छुड़ाना अर्थ - मुसीबत से बच निकलना।
61. गरदन झुकना अर्थ - नतमस्तक होना, अधीन होना। लज्जित होना।
62. गरदन झुकाना अर्थ - अधीनता स्वीकार करना, समर्पण करना। लज्जित होकर सर नीचा करना।
63. गरदन ढलकना अर्थ - मरने के बहुत समीप होना, मर जाना।
64. गरदन दबाना अर्थ - कुछ देने या हानि सहने के लिए विवश या मजबूर करना।
65. गरदन न उठाना अर्थ - बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना। (शर्म से) सिर न उठाना।
66. गरदन नापना अर्थ - किसी को गरदन पकड़ कर धक्का देते हुए बाहर करना।
67. गरदन पर छुरी चलाना अर्थ - अपने स्वार्थ के लिए दूसरे का बहुत बड़ा अहित करना, जीविका छीन लेना।
68. गरदन पर जुआ रखना अर्थ - जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना।
69. गरदन पर सवार होना अर्थ - सिर पर सवार होना।
70. गरदन फँसना अर्थ - संकट में पड़ना।
71. गरदन मरोड़ना अर्थ - गला दबाकर किसी को मार डालना।
72. गरदन मारना अर्थ - सिर काटना।
73. गरदन में हाथ देना अर्थ - कहीं से निकाल बाहर करने के लिए गरदन पकड़ना।
74. गरदन में हाथ पाना अर्थ - गरदनिया देकर निकाला जाना।
75. गरदनिया देना अर्थ - गरदन से पकड़कर धकेलना।
76. गरम रहना अर्थ - चूल्हे आदि में आग बराबर जलती रहना।
77. गरम होना अर्थ - गुस्से में आना।
78. गरमागरमी होना अर्थ - गुस्से में आकर एक दूसरे से बातें करना।
79. गर्मी खाना अर्थ - गुस्से या तैश में आना।
80. गरमी निकालना अर्थ - (किसी का) दर्प चूर्ण करना, प्रतिकार के द्वार शांत करना।
81. गरमी होना अर्थ - अभिमान या घमंड होना।
82. ग़र्क होना अर्थ - डूब जाना, नष्ट हो जाना।
83. गर्दिश में होना अर्थ - मुसीबत में होना।
84. गर्भ गिरना अर्थ - गर्भपात होना।
85. गर्भ रहना अर्थ - पेट में बच्चा आना।
86. गला आना अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना।
87. गला उठाना अर्थ - गले में घंटी के बढ़ या लटक जाने पर उसे ऊँचा कर देना।
88. गला काटना अर्थ - चटपटी या तीखी चीज़ खाने पर उसका गले के भीतरी भाग में हलकी खुजली, चुनचुनाहट या जलन पैदा करना। चालाकी या छल से किसी को ठग लेना।
89. गला खुलना अर्थ - गले से स्वर ठीक से निकलना।
90. गला गरमाना अर्थ - इस प्रकार धीरे-धीरे कुछ बोलना या गुनगुनाना कि गले से उच्च या पूरा स्वर निकल सके।
91. गला घुटना अर्थ - धुंए, घुटन आदि के कारण सांस लेना कठिन होना, दम घुटना।
92. गला घोंटना अर्थ - गला दबाकर मार डालना। बहुत बड़ी हानि करना।
93. गला छुड़ाना अर्थ - पीछा छुड़ाना।
94. गला छूटना अर्थ - त्राण या छुटकारा मिलना।
95. गला जकड़ना अर्थ - गले में पीड़ा, सूजन या और कोई विकार होना जिसके फलस्वरूप कुछ खाया-पिया न जा सके।
96. गला जोड़ना अर्थ - (किसी से) मेल-जोल या घनिष्ठता स्थापित करना।
97. गला दबाना अर्थ - गला दबाकर जान से मारना। बलात् किसी से कुछ ऐंठ लेना
98. गला न छूटना अर्थ - गला न छूटना
99. गला पकड़ना अर्थ - किसी को किसी बात के लिए उत्तरदायी ठहराना। खट्टी चीज़ खाने से गले में कष्ट होना।
100. गला पड़ना अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना।
101. गला फँसना अर्थ - बंधन या संकट में पड़ना।
102. गला फटना अर्थ - गले में ऐसा विकार होना जिससे मधुर स्वर न निकल पाए।
103. गला फाड़ना अर्थ - ज़ोर से चिल्ला कर कुछ बोलना या गाना।
104. गला फिरना अर्थ - गला फिरना
105. गला बैठना अर्थ - अधिक बोलने, गाने या किसी रोग के कारण गले से आवाज़ न निकलना या बहुत मंद या बेसुरी आवाज़ निकलना।
106. गला भर आना अर्थ - भावातिरेक के कारण गले आवाज़ न निकलना।
107. गला भर्राना अर्थ - गला भर आना, किसी कारण आवाज़ न निकलना।
108. गला मरोड़ना अर्थ - धन ऐंठना या बलात् ले लेना।
109. गले उतारना अर्थ - अनिच्छापूर्वक ग्रहण या स्वीकार करना।
110. गले का हार अर्थ - अत्यंत प्रिय या मूल्यवान वस्तु।
111. गले की फाँसी अर्थ - अत्यंत कष्टदायक बात या काम।
112. गले न उतरना अर्थ - किसी बात का न जँचना, फलतः स्वीकार्य न होना।
113. गले पड़ना अर्थ - (व्यक्ति का) पीछे पड़ जाना। भारस्वरूप होना।
114. गले पड़ा ढोल बजाना अर्थ - विवश होकर कोई काम करना या दायित्व निभाना।
115. गले पर छुरी चलना अर्थ - बहुत बड़ा अहित करना।
116. गले बाँधना अर्थ - गले मढ़ना।
117. गले में उतारना अर्थ - पीना।

अच्छी तरह समझा देना।

118. गले मढ़ना अर्थ - बलात् साँपना।
119. गले में चक्की का पात बाँधना अर्थ - इतना बड़ा दायित्व सौंपना, जिसका निर्वाह संभव न हो।
120. गले लगना अर्थ - प्यार से किसी से लिपट जाना।
121. गले लगाना अर्थ - आलिंगन करना, अपनाना।
122. गले से उतारना अर्थ - खाना, पेट में डालना।
123. गवाह गुज़रना अर्थ - अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना।
124. गवाही देना अर्थ - किसी साक्षी का किसी पक्ष की ओर से समर्थन करना या उसे ठीक बतलाना।
125. गस्सा मारना अर्थ - जल्दी-जल्दी और बड़े-बड़े कौर मुँह में डालना।
126. गहरा हाथ मारना अर्थ - बहुत अधिक धन हाथ में कर लेना।
127. गहरी छनना अर्थ - घनिष्ठता होना। ऐसी भाँग छानना, जिससे तेज़ नशा हो।
128. गहरे में चलना अर्थ - इस प्रकार आचरण या व्यवहार करना की लोगों को वास्तविक उद्देश्य का आभास न लगे।
129. गाँठ कतरना अर्थ - चोरी या चालाकी से किसी के पास का धन ले लेना।
130. गाँठ का पूरा अर्थ - धनी, मालदार।
131. गाँठ खुलना अर्थ - कठिनाई या उलझाव दूर होना, समस्या का समाधान मिलना या निराकरण होना।
132. गाँठ खोलना अर्थ - मन में छिपा हुआ द्वेष-भाव स्पष्ट रूप से व्यक्त करना कि भविष्य में पुनः परस्पर दुर्भावना न उत्पन्न हो।
133. गाँठ जोड़ना अर्थ - विवाह के समय वर वधू या किसी धार्मिक कृत्य के समय पति-पत्नी के दुपट्टे में गाँठ बाँधना। परस्पर बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करना।
134. गाँठ निकालना अर्थ - जिसने अपकार किया हो उसका जी भर अपकार करना।
135. गाँठ पड़ना अर्थ - (दो व्यक्तियों या पक्षों में) द्वेष या वैमनस्य हो जाना।
136. गाँठ बाँधना अर्थ - (कोई बात) सदा स्मरण रखना।
137. गाँठ में कुछ होना अर्थ - पल्ले धन होना।
138. गाँठ में बाँध लेना अर्थ - सदा स्मरण रखना।
139. गाँठ में होना अर्थ - गाँठ में अर्थात् पल्ले धन होना।
140. गाँठ रखना अर्थ - (व्यक्ति को) पहले से मिला या पटा लेना।
141. गाँठ से अर्थ - पल्ले से, पास से।
142. गाँठ लगाना अर्थ - याद रखना, गाँठ में बाँध रखना।
143. गागर में सागर भरना अर्थ - गिनती के या थोड़े से शब्दों में बहुत अधिक भाव या विचार सँजोना या व्यक्त करना।
144. गाज पड़ना अर्थ - बहुत बड़ी हानि या अनिष्ट होना, फलत: नष्ट या बरबाद होना।
145. गाजर-मूली समझना अर्थ - (किसी व्यक्ति को) कमज़ोर, बेदम, अपेक्ष्य या हेय समझना।
146. गाड़ी अटकना अर्थ - काम कुछ समय के लिए रुक जाना।
147. गाड़ी खिंचना अर्थ - निर्वाह होना।
148. गाड़ी ठीक से चलना अर्थ - क्रम, गति या निर्वाह उचित रीति से होना।
149. गाड़ी बीच में अटकना अर्थ - काम का बीच में ही विघ्न-बाधा के आ जाने से रुक जाना।
150. गाढ़ा समय अर्थ - कष्ट या मुसीबत के दिन।
151. गाढ़ी कमाई अर्थ - खून-पसीने की कमाई।
152. गाढ़ी छनना अर्थ - अत्यंत घनिष्ठता होना।
153. गात से होना अर्थ - गर्भवती होना।
154. ग़ायब करना अर्थ - (कोई चीज़) चुरा लेना या हटा-बढ़ा देना।
155. गारद में रखना अर्थ - (अपराधियों आदि को) पहरे में रखना।
156. गाल करना अर्थ - बढ़-बढ़कर और उदण्डतापूर्वक बातें करना।
157. गाल फुलाना अर्थ - चेहरे से रोष और क्रोध झलकना।
158. गाल बजाना अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना।
159. गाल मारना अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना।
160. गाल में चावल भरे होना अर्थ - मुँह से ठीक तरह बात न निकलना।
161. गाल में जाना अर्थ - काल के गाल में जाना।
162. गाल में भरना अर्थ - (कोई चीज़) मुँह में डालना या रखना।
163. गाली खाना अर्थ - चुपचाप अपने संबंध में किसी के द्वारा कहे हुए अपशब्द सुनना।
164. गाली देना अर्थ - अपशब्द कहना।
165. गिटपिट करना अर्थ - ऐसी भाषा में बोलना, जिसे सुनने वाला न समझता हो। अस्पष्ट बोलना।
166. गिनती के ही अर्थ - बहुत कम।
167. गिनती में लाना अर्थ - प्रतिष्ठा या आदर के योग्य समझना।
168. गिनती ही न होना अर्थ - संख्या में इतना अधिक होना कि सहसा गिनती न हो सके।
169. गिरगिट की तरह रंग बदलना अर्थ - कभी कुछ और कभी कुछ करना, एक बात पर स्थिर न रहना।
170. गिरते-पड़ते अर्थ - किसी न किसी तरह, बड़ी-बड़ी मुसीबतें उठाते हुए।