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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ! style="width:30%"| कहावत लोकोक्ति मुहावरे | ||
!अर्थ | ! style="width:70%"| अर्थ | ||
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| | | 1- गोबर राखी पाती सड़ै, फिर खेती में दाना पड़ै। | ||
1- गोबर राखी पाती सड़ै, | | अर्थ - धैर्य और मेहनत के साथ ही सफलता मिलती है। | ||
फिर खेती में दाना पड़ै। | |||
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अर्थ - धैर्य और मेहनत के साथ ही सफलता मिलती है। | |||
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|2- गोबर, मैला, नीम की खली, | |2- गोबर, मैला, नीम की खली, या से खेती दुनी फली।। | ||
या से खेती दुनी फली।। | | अर्थ - अनुरूप कार्य करने से दुगना लाभ मिलता है। | ||
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अर्थ - अनुरूप कार्य करने से दुगना लाभ मिलता है। | |||
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|3- गहिर न जोतै बोवै धान। | |3- गहिर न जोतै बोवै धान। सो घर कोठिला भरै किसान।। | ||
सो घर कोठिला भरै किसान।। | | अर्थ - अगर किसान गहरी जुतायी न करके धान बोयें तो उसकी पैदावार ख़ूब होती है। | ||
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अर्थ - अगर किसान गहरी जुतायी न करके धान बोयें तो उसकी पैदावार ख़ूब होती है। | |||
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|4- गेहूं भवा काहें। असाढ़ के दुइ बाहें।। | |4- गेहूं भवा काहें। असाढ़ के दुइ बाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह बाहें नौ गाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।। गेहूं भवा काहें। कातिक के चौबाहें।।। | ||
गेहूं भवा काहें। सोलह बाहें नौ गाहें।। | |अर्थ - अगर किसान आषाढ़ के महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से गेहूं की फ़सल अच्छी होती है। | ||
गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।। | |||
गेहूं भवा काहें। कातिक के चौबाहें।।। | |||
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अर्थ - अगर किसान आषाढ़ के महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से गेहूं की फ़सल अच्छी होती है। | |||
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|5- गेहूं बाहें। धान बिदाहें।। | |5- गेहूं बाहें। धान बिदाहें।। | ||
| | |अर्थ - गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान होने के चार दिन बाद जुतवा देने) से अच्छी होती है। | ||
अर्थ - गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान होने के चार दिन बाद जुतवा देने) से अच्छी होती है। | |||
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|6- गेहूं मटर सरसी। औ जौ कुरसी।। | |6- गेहूं मटर सरसी। औ जौ कुरसी।। | ||
| | |अर्थ - [[गेहूँ]] और मटर की बोआई सरस खेत में तथा जौ की बोआई कुरसौ में करने से पैदावार अच्छी होती है। | ||
अर्थ - | |||
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|7- गेहूं बाहा, धान गाहा। | |7- गेहूं बाहा, धान गाहा। ऊख गोड़ाई से है आहा।। | ||
ऊख गोड़ाई से है आहा।। | | अर्थ - जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और [[ऊख]] कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है। | ||
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अर्थ - जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और ऊख कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है। | |||
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|8- गेहूं बाहें, चना दलाये। | |8- गेहूं बाहें, चना दलाये। धान गाहें, मक्का निराये, ऊख कसाये। | ||
धान गाहें, मक्का निराये, ऊख कसाये। | | अर्थ - ख़ूब बांह करने से गेहूं, दलने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और ईख में पानी में छोड़कर बोने से उसकी फ़सल अच्छी होती है। | ||
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अर्थ - ख़ूब बांह करने से गेहूं, दलने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और ईख में पानी में छोड़कर बोने से उसकी फ़सल अच्छी होती है। | |||
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|9- गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए तो यमुनादास। | |9- गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए तो यमुनादास। | ||
| | | अर्थ - परिस्थिति अनुसार अपना सिद्धांत बदलने वाला। | ||
अर्थ - परिस्थिति अनुसार अपना सिद्धांत बदलने वाला। | |||
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|10- गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके। | |10- गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके। | ||
| | | अर्थ - स्वार्थी आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है। | ||
अर्थ - स्वार्थी आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है। | |||
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|11- गँवार गन्ना न दे, भेली दे। | |11- गँवार गन्ना न दे, भेली दे। | ||
| | | अर्थ - मूर्ख सरलता से मामूली चीज़ नहीं देता, धमकाने से अधिक मूल्य की वस्तु भी दे देता है। | ||
अर्थ - मूर्ख सरलता से मामूली चीज़ नहीं देता, धमकाने से अधिक मूल्य की वस्तु भी दे देता है। | |||
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|12- गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता। | |12- गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता। | ||
| | | अर्थ - किसी उपाय से भी स्वभाव नहीं बदलता। | ||
अर्थ - किसी उपाय से भी स्वभाव नहीं बदलता। | |||
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|13- गई माँगने पूत, खो आई भरतार। | |13- गई माँगने पूत, खो आई भरतार। | ||
| | | अर्थ - थोड़े लाभ के चक्कर में भारी नुक़सान का हो जाना। | ||
अर्थ - थोड़े लाभ के चक्कर में भारी | |||
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|14- गर्व का सिर नीचा। | |14- गर्व का सिर नीचा। | ||
| | | अर्थ - घमंडी आदमी का घमंड चूर हो जाता है। | ||
अर्थ - घमंडी आदमी का घमंड चूर हो जाता है। | |||
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|15- ग़रीब की | |15- ग़रीब की ज़ोरू, सबकी भाभी। | ||
| | | अर्थ - ग़रीब आदमी से सब लाभ उठाना चाहते हैं। | ||
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|16- ग़रीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान। | |16- ग़रीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान। | ||
| | | अर्थ - ग़रीब का सर्वत्र अपमान होता रहता है। | ||
अर्थ - ग़रीब का सर्वत्र अपमान होता रहता है। | |||
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|17- गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त। | |17- गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त। | ||
| | | अर्थ - जिसका काम है वह तो आलस करे और दूसरे फुर्ती दिखाएं। | ||
अर्थ - जिसका काम है वह तो आलस करे और दूसरे फुर्ती दिखाएं। | |||
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|18- ग़रीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए। | |18- ग़रीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए। | ||
| | | अर्थ - ग़रीब की क़िस्मत ही बुरी होती है। | ||
अर्थ - ग़रीब की क़िस्मत ही बुरी होती है। | |||
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|19- गाँठ का पूरा, आँख का अंधा। | |19- गाँठ का पूरा, आँख का अंधा। | ||
| | | अर्थ - पैसे वाला तो है, पर मूर्ख है। | ||
अर्थ - पैसे वाला तो है, पर मूर्ख है। | |||
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|20- गाडर पाली ऊन को लागी, चरन कपास। | |20- गाडर पाली ऊन को लागी, चरन कपास। | ||
| | | अर्थ - रखा तो गया है काम करने को, पर करता है नुक़सान। | ||
अर्थ - रखा तो गया है काम करने को, पर करता है | |||
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|21- गिरहकट का भाई गठकट। | |21- गिरहकट का भाई गठकट। | ||
| | | अर्थ - सब बदमाश एक से होते हैं। | ||
अर्थ - सब बदमाश एक से होते हैं। | |||
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|22- गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे। | |22- गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे। | ||
| | | अर्थ - विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती। | ||
अर्थ - विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती। | |||
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|23- गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज। | |23- गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज। | ||
| | | अर्थ - झूठ और ढोंग रचना। | ||
अर्थ - झूठ और ढोंग रचना। | |||
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|24- गुड़ दिए मरे तो | |24- गुड़ दिए मरे तो ज़हर क्यों दें। | ||
| | | अर्थ - प्रेम से काम निकल सके तो सख्ती क्यों करें। | ||
अर्थ - प्रेम से काम निकल सके तो सख्ती क्यों करें। | |||
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|25- गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें। | |25- गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें। | ||
| | | अर्थ - कुछ न दें पर मीठा बोल तो बोलें। | ||
अर्थ - कुछ न दें पर मीठा बोल तो बोलें। | |||
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|26- गुड़ | |26- [[गुरु गुड़ रहा|गुरु गुड़ रहा, चेला शक्कर हो गया।]] | ||
| | | अर्थ - छोटे–बड़ों से आगे बढ़ जाते हैं। | ||
अर्थ - छोटे–बड़ों से आगे बढ़ जाते हैं। | |||
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|27- गुरु जी, चेले बहुत हो गए। | |27- गुरु जी, चेले बहुत हो गए। भूखों मरेंगे तो आप ही चले जाएंगे। | ||
भूखों मरेंगे तो आप ही चले जाएंगे। | | अर्थ - लोग अधिक हो तो, उपेक्षा होती है। | ||
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अर्थ - लोग अधिक हो तो, उपेक्षा होती है। | |||
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|28- गूदड़ में लाल नहीं छिपता। | |28- गूदड़ में लाल नहीं छिपता। | ||
| | | अर्थ - बढ़िया चीज़ अपने आप पहचानी जाती है। | ||
अर्थ - बढ़िया चीज़ अपने आप पहचानी जाती है। | |||
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|29- गोद में बैठकर आँख में उँगली। | |29- गोद में बैठकर आँख में उँगली। | ||
| | | अर्थ - भला करने पर दुष्टता करना। | ||
अर्थ - भला करने पर दुष्टता करना। | |||
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|30- गोद में लड़का, शहर में ढिंढोरा। | |30- गोद में लड़का, शहर में ढिंढोरा। | ||
| | | अर्थ - वस्तु पास में और खोज दूर तक। | ||
अर्थ - वस्तु पास में और खोज दूर तक। | |||
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|31- गंगा नहाना। | |31- गंगा नहाना। | ||
| | | अर्थ - कठिन कार्य पूरा होना। | ||
अर्थ - कठिन कार्य पूरा होना। | |||
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|32- गठरी मारना। | |32- गठरी मारना। | ||
| | | अर्थ - सामान चुरा लेना। | ||
अर्थ - सामान चुरा लेना। | |||
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|33- गड़े मुरदे उखाड़ना। | |33- गड़े मुरदे उखाड़ना। | ||
| | |अर्थ - पुरानी बात फिर से उजागर करना। | ||
अर्थ - पुरानी बात फिर से उजागर करना। | |||
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|34- गढ़ जीतना। | |34- गढ़ जीतना। | ||
| | | अर्थ - बहुत कठिन काम करना। | ||
अर्थ - बहुत कठिन काम करना। | |||
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|35- गले का हार होना। | |35- गले का हार होना। | ||
| | | अर्थ - बहुत प्यारा होना। | ||
अर्थ - बहुत प्यारा होना। | |||
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|36- गले पड़ा ढोल बजाना। | |36- गले पड़ा ढोल बजाना। | ||
| | | अर्थ - सिर पर पड़ी ज़िम्मेदारी को मजबूरी में पूरा करना। | ||
अर्थ - सिर पर पड़ी | |||
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|37- गले मढ़ना। | |37- गले मढ़ना। | ||
| | | अर्थ - जबरदस्ती सौंपना। | ||
अर्थ - जबरदस्ती सौंपना। | |||
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|38- गहरा हाथ। | |38- गहरा हाथ। | ||
| | | अर्थ - बहुत कुछ हथिया लेना। | ||
अर्थ - बहुत कुछ हथिया लेना। | |||
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|39- गाँठ का पूरा। | |39- गाँठ का पूरा। | ||
| | | अर्थ - मालदार होना। | ||
अर्थ - मालदार होना। | |||
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|40- गाँठ में बाँधना। | |40- गाँठ में बाँधना। | ||
| | | अर्थ - याद रखना। | ||
अर्थ - याद रखना। | |||
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|41- गागर में सागर भरना। | |41- गागर में सागर भरना। | ||
| | | अर्थ - थोड़े में बहुत कुछ कहना। | ||
अर्थ - थोड़े में बहुत कुछ कहना। | |||
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|42- गाजर मूली समझना। | |42- गाजर मूली समझना। | ||
| | | अर्थ - तुच्छ समझना। | ||
अर्थ - तुच्छ समझना। | |||
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|43- गाढ़े का साथी। | |43- गाढ़े का साथी। | ||
| | | अर्थ - संकट का साथी। | ||
अर्थ - संकट का साथी। | |||
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|44- गाल फुलाना। | |44- गाल फुलाना। | ||
| | | अर्थ - रूठना जाना। | ||
अर्थ - रूठना जाना। | |||
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|45- गाल बजाना। | |45- गाल बजाना। | ||
| | | अर्थ - डींग हाँकना। | ||
अर्थ - डींग हाँकना। | |||
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|46- गिन-गिन कर | |46- गिन-गिन कर क़दम रखना। | ||
| | | अर्थ - बहुत सावधानी से आगे बढ़ना। | ||
अर्थ - बहुत सावधानी से आगे बढ़ना। | |||
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|47- गिरगिट की तरह रंग बदलना। | |47- गिरगिट की तरह रंग बदलना। | ||
| | | अर्थ - एक रंग-ढंग न रखना, रोज़ बातें बदलना। | ||
अर्थ - एक रंग-ढंग न रखना, रोज़ बातें बदलना। | |||
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|48- गीदड़ भभकी। | |48- गीदड़ भभकी। | ||
| | | अर्थ - दिखावटी धमकी देना। | ||
अर्थ - दिखावटी धमकी देना। | |||
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|49- गुड़ गोबर कर देना। | |49- गुड़ गोबर कर देना। | ||
| | | अर्थ - बना-बनाया काम बिगाड़ देना। | ||
अर्थ - बना-बनाया काम बिगाड़ देना। | |||
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|50- गुदड़ी का लाल होना। | |50- गुदड़ी का लाल होना। | ||
| | | अर्थ - ग़रीबी में भी गुणवान होना। | ||
अर्थ - ग़रीबी में भी गुणवान होना। | |||
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|51- ग़ुल खिलाना। | |51- ग़ुल खिलाना। | ||
| | | अर्थ - कोई बखेड़ा खड़ा करना। | ||
अर्थ - कोई बखेड़ा खड़ा करना। | |||
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|52- | |52- ग़ुस्सा पी जाना। | ||
| | | अर्थ - क्रोध रोकना। | ||
अर्थ - क्रोध रोकना। | |||
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|53- गूँगे का गुड़ होना। | |53- गूँगे का गुड़ होना। | ||
| | | अर्थ - अनुभव को प्रकट न कर पाना। | ||
अर्थ - अनुभव को प्रकट न कर पाना। | |||
|- | |- | ||
|54- गूलर का फूल। | |54- गूलर का फूल। | ||
| | | अर्थ - दुर्लभ वस्तु होना। | ||
अर्थ - दुर्लभ वस्तु होना। | |||
|- | |- | ||
|55- गेहूँ के साथ घुन पिस जाना। | |55- गेहूँ के साथ घुन पिस जाना। | ||
| | | अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष का भी अहित हो जाना। | ||
अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष का भी अहित हो जाना। | |||
|- | |- | ||
|56- गोटी बैठाना। | |56- गोटी बैठाना। | ||
| | | अर्थ - युक्ति सफल होना। | ||
अर्थ - युक्ति सफल होना। | |||
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|57- गोबर गणेश। | |57- गोबर गणेश। | ||
| | | अर्थ - बिलकुल बुद्धू होना। | ||
अर्थ - बिलकुल | |||
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|58- गोल कर जाना। | |58- गोल कर जाना। | ||
| | | अर्थ - गायब कर देना। | ||
अर्थ - गायब कर देना। | |- | ||
|59. [[गरदन उतारना]] | |||
| अर्थ - सिर काटना। | |||
|- | |||
|60. [[गरदन छुड़ाना]] | |||
| अर्थ - मुसीबत से बच निकलना। | |||
|- | |||
|61. [[गरदन झुकना]] | |||
| अर्थ - नतमस्तक होना, अधीन होना। लज्जित होना। | |||
|- | |||
|62. [[गरदन झुकाना]] | |||
| अर्थ - अधीनता स्वीकार करना, समर्पण करना। लज्जित होकर सर नीचा करना। | |||
|- | |||
|63. [[गरदन ढलकना]] | |||
| अर्थ - मरने के बहुत समीप होना, मर जाना। | |||
|- | |||
|64. [[गरदन दबाना]] | |||
| अर्थ - कुछ देने या हानि सहने के लिए विवश या मजबूर करना। | |||
|- | |- | ||
|65. [[गरदन न उठाना]] | |||
| अर्थ - बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना। (शर्म से) सिर न उठाना। | |||
|- | |||
|66. [[गरदन नापना]] | |||
| अर्थ - किसी को गरदन पकड़ कर धक्का देते हुए बाहर करना। | |||
|- | |||
|67. [[गरदन पर छुरी चलाना]] | |||
| अर्थ - अपने स्वार्थ के लिए दूसरे का बहुत बड़ा अहित करना, जीविका छीन लेना। | |||
|- | |||
|68. [[गरदन पर जुआ रखना]] | |||
| अर्थ - जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना। | |||
|- | |||
|69. [[गरदन पर सवार होना]] | |||
| अर्थ - सिर पर सवार होना। | |||
|- | |||
|70. [[गरदन फँसना]] | |||
| अर्थ - संकट में पड़ना। | |||
|- | |||
|71. [[गरदन मरोड़ना]] | |||
| अर्थ - गला दबाकर किसी को मार डालना। | |||
|- | |||
|72. [[गरदन मारना]] | |||
|अर्थ - सिर काटना। | |||
|- | |||
|73. [[गरदन में हाथ देना]] | |||
|अर्थ - कहीं से निकाल बाहर करने के लिए गरदन पकड़ना। | |||
|- | |||
|74. [[गरदन में हाथ पाना]] | |||
|अर्थ - गरदनिया देकर निकाला जाना। | |||
|- | |||
|75. [[गरदनिया देना]] | |||
|अर्थ - गरदन से पकड़कर धकेलना। | |||
|- | |||
|76. [[गरम रहना]] | |||
|अर्थ - चूल्हे आदि में आग बराबर जलती रहना। | |||
|- | |||
|77. [[गरम होना]] | |||
|अर्थ - गुस्से में आना। | |||
|- | |||
|78. [[गरमागरमी होना]] | |||
|अर्थ - गुस्से में आकर एक दूसरे से बातें करना। | |||
|- | |||
|79. [[गर्मी खाना]] | |||
|अर्थ - गुस्से या तैश में आना। | |||
|- | |||
|80. [[गरमी निकालना]] | |||
|अर्थ - (किसी का) दर्प चूर्ण करना, प्रतिकार के द्वार शांत करना। | |||
|- | |||
|81. [[गरमी होना]] | |||
|अर्थ - अभिमान या घमंड होना। | |||
|- | |||
|82. [[ग़र्क होना]] | |||
|अर्थ - डूब जाना, नष्ट हो जाना। | |||
|- | |||
|83. [[गर्दिश में होना]] | |||
|अर्थ - मुसीबत में होना। | |||
|- | |||
|84. [[गर्भ गिरना]] | |||
|अर्थ - गर्भपात होना। | |||
|- | |||
|85. [[गर्भ रहना]] | |||
|अर्थ - पेट में बच्चा आना। | |||
|- | |||
|86. [[गला आना]] | |||
|अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना। | |||
|- | |||
|87. [[गला उठाना]] | |||
|अर्थ - गले में घंटी के बढ़ या लटक जाने पर उसे ऊँचा कर देना। | |||
|- | |||
|88. [[गला काटना]] | |||
|अर्थ - चटपटी या तीखी चीज़ खाने पर उसका गले के भीतरी भाग में हलकी खुजली, चुनचुनाहट या जलन पैदा करना। चालाकी या छल से किसी को ठग लेना। | |||
|- | |||
|89. [[गला खुलना]] | |||
|अर्थ - गले से स्वर ठीक से निकलना। | |||
|- | |||
|90. [[गला गरमाना]] | |||
|अर्थ - इस प्रकार धीरे-धीरे कुछ बोलना या गुनगुनाना कि गले से उच्च या पूरा स्वर निकल सके। | |||
|- | |||
|91. [[गला घुटना]] | |||
|अर्थ - धुंए, घुटन आदि के कारण सांस लेना कठिन होना, दम घुटना। | |||
|- | |||
|92. [[गला घोंटना]] | |||
|अर्थ - गला दबाकर मार डालना। बहुत बड़ी हानि करना। | |||
|- | |||
|93. [[गला छुड़ाना]] | |||
|अर्थ - पीछा छुड़ाना। | |||
|- | |||
|94. [[गला छूटना]] | |||
|अर्थ - त्राण या छुटकारा मिलना। | |||
|- | |||
|95. [[गला जकड़ना]] | |||
|अर्थ - गले में पीड़ा, सूजन या और कोई विकार होना जिसके फलस्वरूप कुछ खाया-पिया न जा सके। | |||
|- | |||
|96. [[गला जोड़ना]] | |||
|अर्थ - (किसी से) मेल-जोल या घनिष्ठता स्थापित करना। | |||
|- | |||
|97. [[गला दबाना]] | |||
|अर्थ - गला दबाकर जान से मारना। बलात् किसी से कुछ ऐंठ लेना | |||
|- | |||
|98. [[गला न छूटना]] | |||
|अर्थ - गला न छूटना | |||
|- | |||
|99. [[गला पकड़ना]] | |||
|अर्थ - किसी को किसी बात के लिए उत्तरदायी ठहराना। खट्टी चीज़ खाने से गले में कष्ट होना। | |||
|- | |||
|100. [[गला पड़ना]] | |||
|अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना। | |||
|- | |||
|101. [[गला फँसना]] | |||
|अर्थ - बंधन या संकट में पड़ना। | |||
|- | |||
|102. [[गला फटना]] | |||
|अर्थ - गले में ऐसा विकार होना जिससे मधुर स्वर न निकल पाए। | |||
|- | |||
|103. [[गला फाड़ना]] | |||
|अर्थ - ज़ोर से चिल्ला कर कुछ बोलना या गाना। | |||
|- | |||
|104. [[गला फिरना]] | |||
|अर्थ - गला फिरना | |||
|- | |||
|105. [[गला बैठना]] | |||
|अर्थ - अधिक बोलने, गाने या किसी रोग के कारण गले से आवाज़ न निकलना या बहुत मंद या बेसुरी आवाज़ निकलना। | |||
|- | |||
|106. [[गला भर आना]] | |||
|अर्थ - भावातिरेक के कारण गले आवाज़ न निकलना। | |||
|- | |||
|107. [[गला भर्राना]] | |||
|अर्थ - गला भर आना, किसी कारण आवाज़ न निकलना। | |||
|- | |||
|108. [[गला मरोड़ना]] | |||
|अर्थ - धन ऐंठना या बलात् ले लेना। | |||
|- | |||
|109. [[गले उतारना]] | |||
|अर्थ - अनिच्छापूर्वक ग्रहण या स्वीकार करना। | |||
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|110. [[गले का हार]] | |||
|अर्थ - अत्यंत प्रिय या मूल्यवान वस्तु। | |||
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|111. [[गले की फाँसी]] | |||
|अर्थ - अत्यंत कष्टदायक बात या काम। | |||
|- | |||
|112. [[गले न उतरना]] | |||
|अर्थ - किसी बात का न जँचना, फलतः स्वीकार्य न होना। | |||
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|113. [[गले पड़ना]] | |||
|अर्थ - (व्यक्ति का) पीछे पड़ जाना। भारस्वरूप होना। | |||
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|114. [[गले पड़ा ढोल बजाना]] | |||
|अर्थ - विवश होकर कोई काम करना या दायित्व निभाना। | |||
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|115. [[गले पर छुरी चलना]] | |||
|अर्थ - बहुत बड़ा अहित करना। | |||
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|116. [[गले बाँधना]] | |||
|अर्थ - गले मढ़ना। | |||
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|117. [[गले में उतारना]] | |||
|अर्थ - पीना। | |||
अच्छी तरह समझा देना। | |||
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|118. [[गले मढ़ना]] | |||
| अर्थ - बलात् साँपना। | |||
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|119. [[गले में चक्की का पात बाँधना]] | |||
|अर्थ - इतना बड़ा दायित्व सौंपना, जिसका निर्वाह संभव न हो। | |||
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|120. [[गले लगना]] | |||
|अर्थ - प्यार से किसी से लिपट जाना। | |||
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|121. [[गले लगाना]] | |||
|अर्थ - आलिंगन करना, अपनाना। | |||
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|122. [[गले से उतारना]] | |||
|अर्थ - खाना, पेट में डालना। | |||
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|123. [[गवाह गुज़रना]] | |||
|अर्थ - अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना। | |||
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|124. [[गवाही देना]] | |||
|अर्थ - किसी साक्षी का किसी पक्ष की ओर से समर्थन करना या उसे ठीक बतलाना। | |||
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|125. [[गस्सा मारना]] | |||
|अर्थ - जल्दी-जल्दी और बड़े-बड़े कौर मुँह में डालना। | |||
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|126. [[गहरा हाथ मारना]] | |||
|अर्थ - बहुत अधिक धन हाथ में कर लेना। | |||
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|127. [[गहरी छनना]] | |||
|अर्थ - घनिष्ठता होना। ऐसी भाँग छानना, जिससे तेज़ नशा हो। | |||
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|128. [[गहरे में चलना]] | |||
|अर्थ - इस प्रकार आचरण या व्यवहार करना की लोगों को वास्तविक उद्देश्य का आभास न लगे। | |||
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|129. [[गाँठ कतरना]] | |||
|अर्थ - चोरी या चालाकी से किसी के पास का धन ले लेना। | |||
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|130. [[गाँठ का पूरा]] | |||
|अर्थ - धनी, मालदार। | |||
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|131. [[गाँठ खुलना]] | |||
|अर्थ - कठिनाई या उलझाव दूर होना, समस्या का समाधान मिलना या निराकरण होना। | |||
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|132. [[गाँठ खोलना]] | |||
|अर्थ - मन में छिपा हुआ द्वेष-भाव स्पष्ट रूप से व्यक्त करना कि भविष्य में पुनः परस्पर दुर्भावना न उत्पन्न हो। | |||
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|133. [[गाँठ जोड़ना]] | |||
|अर्थ - [[विवाह]] के समय वर वधू या किसी धार्मिक कृत्य के समय पति-पत्नी के दुपट्टे में गाँठ बाँधना। परस्पर बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करना। | |||
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|134. [[गाँठ निकालना]] | |||
|अर्थ - जिसने अपकार किया हो उसका जी भर अपकार करना। | |||
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|135. [[गाँठ पड़ना]] | |||
|अर्थ - (दो व्यक्तियों या पक्षों में) द्वेष या वैमनस्य हो जाना। | |||
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|136. [[गाँठ बाँधना]] | |||
|अर्थ - (कोई बात) सदा स्मरण रखना। | |||
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|137. [[गाँठ में कुछ होना]] | |||
|अर्थ - पल्ले धन होना। | |||
|- | |||
|138. [[गाँठ में बाँध लेना]] | |||
|अर्थ - सदा स्मरण रखना। | |||
|- | |||
|139. [[गाँठ में होना]] | |||
|अर्थ - गाँठ में अर्थात् पल्ले धन होना। | |||
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|140. [[गाँठ रखना]] | |||
|अर्थ - (व्यक्ति को) पहले से मिला या पटा लेना। | |||
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|141. [[गाँठ से]] | |||
|अर्थ - पल्ले से, पास से। | |||
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|142. [[गाँठ लगाना]] | |||
| अर्थ - याद रखना, गाँठ में बाँध रखना। | |||
|- | |||
|143. [[गागर में सागर भरना]] | |||
|अर्थ - गिनती के या थोड़े से शब्दों में बहुत अधिक भाव या विचार सँजोना या व्यक्त करना। | |||
|- | |||
|144. [[गाज पड़ना]] | |||
|अर्थ - बहुत बड़ी हानि या अनिष्ट होना, फलत: नष्ट या बरबाद होना। | |||
|- | |||
|145. [[गाजर-मूली समझना]] | |||
|अर्थ - (किसी व्यक्ति को) कमज़ोर, बेदम, अपेक्ष्य या हेय समझना। | |||
|- | |||
|146. [[गाड़ी अटकना]] | |||
|अर्थ - काम कुछ समय के लिए रुक जाना। | |||
|- | |||
|147. [[गाड़ी खिंचना]] | |||
|अर्थ - निर्वाह होना। | |||
|- | |||
|148. [[गाड़ी ठीक से चलना]] | |||
|अर्थ - क्रम, गति या निर्वाह उचित रीति से होना। | |||
|- | |||
|149. [[गाड़ी बीच में अटकना]] | |||
|अर्थ - काम का बीच में ही विघ्न-बाधा के आ जाने से रुक जाना। | |||
|- | |||
|150. [[गाढ़ा समय]] | |||
|अर्थ - कष्ट या मुसीबत के दिन। | |||
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|151. [[गाढ़ी कमाई]] | |||
| अर्थ - खून-पसीने की कमाई। | |||
|- | |||
|152. [[गाढ़ी छनना]] | |||
| अर्थ - अत्यंत घनिष्ठता होना। | |||
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|153. [[गात से होना]] | |||
|अर्थ - गर्भवती होना। | |||
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|154. [[ग़ायब करना]] | |||
|अर्थ - (कोई चीज़) चुरा लेना या हटा-बढ़ा देना। | |||
|- | |||
|155. [[गारद में रखना]] | |||
| अर्थ - (अपराधियों आदि को) पहरे में रखना। | |||
|- | |||
|156. [[गाल करना]] | |||
| अर्थ - बढ़-बढ़कर और उदण्डतापूर्वक बातें करना। | |||
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|157. [[गाल फुलाना]] | |||
| अर्थ - चेहरे से रोष और क्रोध झलकना। | |||
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|158. [[गाल बजाना]] | |||
|अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना। | |||
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|159. [[गाल मारना]] | |||
|अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना। | |||
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|160. [[गाल में चावल भरे होना]] | |||
|अर्थ - मुँह से ठीक तरह बात न निकलना। | |||
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|161. [[गाल में जाना]] | |||
|अर्थ - काल के गाल में जाना। | |||
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|162. [[गाल में भरना]] | |||
|अर्थ - (कोई चीज़) मुँह में डालना या रखना। | |||
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|163. [[गाली खाना]] | |||
|अर्थ - चुपचाप अपने संबंध में किसी के द्वारा कहे हुए अपशब्द सुनना। | |||
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|164. [[गाली देना]] | |||
|अर्थ - अपशब्द कहना। | |||
|- | |||
|165. [[गिटपिट करना]] | |||
|अर्थ - ऐसी [[भाषा]] में बोलना, जिसे सुनने वाला न समझता हो। अस्पष्ट बोलना। | |||
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|166. [[गिनती के ही]] | |||
|अर्थ - बहुत कम। | |||
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|167. [[गिनती में लाना]] | |||
|अर्थ - प्रतिष्ठा या आदर के योग्य समझना। | |||
|- | |||
|168. [[गिनती ही न होना]] | |||
|अर्थ - संख्या में इतना अधिक होना कि सहसा गिनती न हो सके। | |||
|- | |||
|169. [[गिरगिट की तरह रंग बदलना]] | |||
|अर्थ - कभी कुछ और कभी कुछ करना, एक बात पर स्थिर न रहना। | |||
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|170. [[गिरते-पड़ते]] | |||
|अर्थ - किसी न किसी तरह, बड़ी-बड़ी मुसीबतें उठाते हुए। | |||
|} | |} | ||
[[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]] | [[Category:कहावत_लोकोक्ति_मुहावरे]] | ||
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12:10, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- गोबर राखी पाती सड़ै, फिर खेती में दाना पड़ै। | अर्थ - धैर्य और मेहनत के साथ ही सफलता मिलती है। |
2- गोबर, मैला, नीम की खली, या से खेती दुनी फली।। | अर्थ - अनुरूप कार्य करने से दुगना लाभ मिलता है। |
3- गहिर न जोतै बोवै धान। सो घर कोठिला भरै किसान।। | अर्थ - अगर किसान गहरी जुतायी न करके धान बोयें तो उसकी पैदावार ख़ूब होती है। |
4- गेहूं भवा काहें। असाढ़ के दुइ बाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह बाहें नौ गाहें।। गेहूं भवा काहें। सोलह दायं बाहें।। गेहूं भवा काहें। कातिक के चौबाहें।।। | अर्थ - अगर किसान आषाढ़ के महीने में दो बांह जोतने से; कुल सोलह बांह करने से और नौ बार हेंगाने से; कातिक में बोवाई करने से पहले चार बार जोतने से गेहूं की फ़सल अच्छी होती है। |
5- गेहूं बाहें। धान बिदाहें।। | अर्थ - गेहूं की पैदावार अधिक बार जोतने से और धान की पैदावार विदाहने (धान होने के चार दिन बाद जुतवा देने) से अच्छी होती है। |
6- गेहूं मटर सरसी। औ जौ कुरसी।। | अर्थ - गेहूँ और मटर की बोआई सरस खेत में तथा जौ की बोआई कुरसौ में करने से पैदावार अच्छी होती है। |
7- गेहूं बाहा, धान गाहा। ऊख गोड़ाई से है आहा।। | अर्थ - जौ-गेहूं कई बांह करने से धान बिदाहने से और ऊख कई बार गोड़ने से इनकी पैदावार अच्छी होती है। |
8- गेहूं बाहें, चना दलाये। धान गाहें, मक्का निराये, ऊख कसाये। | अर्थ - ख़ूब बांह करने से गेहूं, दलने से चना, बार-बार पानी मिलने से धान, निराने से मक्का और ईख में पानी में छोड़कर बोने से उसकी फ़सल अच्छी होती है। |
9- गंगा गए तो गंगादास, यमुना गए तो यमुनादास। | अर्थ - परिस्थिति अनुसार अपना सिद्धांत बदलने वाला। |
10- गंजेडी यार किसके दम लगाया खिसके। | अर्थ - स्वार्थी आदमी स्वार्थ सिद्ध होते ही मुँह फेर लेता है। |
11- गँवार गन्ना न दे, भेली दे। | अर्थ - मूर्ख सरलता से मामूली चीज़ नहीं देता, धमकाने से अधिक मूल्य की वस्तु भी दे देता है। |
12- गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता। | अर्थ - किसी उपाय से भी स्वभाव नहीं बदलता। |
13- गई माँगने पूत, खो आई भरतार। | अर्थ - थोड़े लाभ के चक्कर में भारी नुक़सान का हो जाना। |
14- गर्व का सिर नीचा। | अर्थ - घमंडी आदमी का घमंड चूर हो जाता है। |
15- ग़रीब की ज़ोरू, सबकी भाभी। | अर्थ - ग़रीब आदमी से सब लाभ उठाना चाहते हैं। |
16- ग़रीबी तेरे तीन नाम- झूठा, पाजी, बेईमान। | अर्थ - ग़रीब का सर्वत्र अपमान होता रहता है। |
17- गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त। | अर्थ - जिसका काम है वह तो आलस करे और दूसरे फुर्ती दिखाएं। |
18- ग़रीबों ने रोज़े रखे तो दिन ही बड़े हो गए। | अर्थ - ग़रीब की क़िस्मत ही बुरी होती है। |
19- गाँठ का पूरा, आँख का अंधा। | अर्थ - पैसे वाला तो है, पर मूर्ख है। |
20- गाडर पाली ऊन को लागी, चरन कपास। | अर्थ - रखा तो गया है काम करने को, पर करता है नुक़सान। |
21- गिरहकट का भाई गठकट। | अर्थ - सब बदमाश एक से होते हैं। |
22- गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे। | अर्थ - विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती। |
23- गुड़ खाए, गुलगुलों से परहेज। | अर्थ - झूठ और ढोंग रचना। |
24- गुड़ दिए मरे तो ज़हर क्यों दें। | अर्थ - प्रेम से काम निकल सके तो सख्ती क्यों करें। |
25- गुड़ न दें, पर गुड़ सी बात तो करें। | अर्थ - कुछ न दें पर मीठा बोल तो बोलें। |
26- गुरु गुड़ रहा, चेला शक्कर हो गया। | अर्थ - छोटे–बड़ों से आगे बढ़ जाते हैं। |
27- गुरु जी, चेले बहुत हो गए। भूखों मरेंगे तो आप ही चले जाएंगे। | अर्थ - लोग अधिक हो तो, उपेक्षा होती है। |
28- गूदड़ में लाल नहीं छिपता। | अर्थ - बढ़िया चीज़ अपने आप पहचानी जाती है। |
29- गोद में बैठकर आँख में उँगली। | अर्थ - भला करने पर दुष्टता करना। |
30- गोद में लड़का, शहर में ढिंढोरा। | अर्थ - वस्तु पास में और खोज दूर तक। |
31- गंगा नहाना। | अर्थ - कठिन कार्य पूरा होना। |
32- गठरी मारना। | अर्थ - सामान चुरा लेना। |
33- गड़े मुरदे उखाड़ना। | अर्थ - पुरानी बात फिर से उजागर करना। |
34- गढ़ जीतना। | अर्थ - बहुत कठिन काम करना। |
35- गले का हार होना। | अर्थ - बहुत प्यारा होना। |
36- गले पड़ा ढोल बजाना। | अर्थ - सिर पर पड़ी ज़िम्मेदारी को मजबूरी में पूरा करना। |
37- गले मढ़ना। | अर्थ - जबरदस्ती सौंपना। |
38- गहरा हाथ। | अर्थ - बहुत कुछ हथिया लेना। |
39- गाँठ का पूरा। | अर्थ - मालदार होना। |
40- गाँठ में बाँधना। | अर्थ - याद रखना। |
41- गागर में सागर भरना। | अर्थ - थोड़े में बहुत कुछ कहना। |
42- गाजर मूली समझना। | अर्थ - तुच्छ समझना। |
43- गाढ़े का साथी। | अर्थ - संकट का साथी। |
44- गाल फुलाना। | अर्थ - रूठना जाना। |
45- गाल बजाना। | अर्थ - डींग हाँकना। |
46- गिन-गिन कर क़दम रखना। | अर्थ - बहुत सावधानी से आगे बढ़ना। |
47- गिरगिट की तरह रंग बदलना। | अर्थ - एक रंग-ढंग न रखना, रोज़ बातें बदलना। |
48- गीदड़ भभकी। | अर्थ - दिखावटी धमकी देना। |
49- गुड़ गोबर कर देना। | अर्थ - बना-बनाया काम बिगाड़ देना। |
50- गुदड़ी का लाल होना। | अर्थ - ग़रीबी में भी गुणवान होना। |
51- ग़ुल खिलाना। | अर्थ - कोई बखेड़ा खड़ा करना। |
52- ग़ुस्सा पी जाना। | अर्थ - क्रोध रोकना। |
53- गूँगे का गुड़ होना। | अर्थ - अनुभव को प्रकट न कर पाना। |
54- गूलर का फूल। | अर्थ - दुर्लभ वस्तु होना। |
55- गेहूँ के साथ घुन पिस जाना। | अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष का भी अहित हो जाना। |
56- गोटी बैठाना। | अर्थ - युक्ति सफल होना। |
57- गोबर गणेश। | अर्थ - बिलकुल बुद्धू होना। |
58- गोल कर जाना। | अर्थ - गायब कर देना। |
59. गरदन उतारना | अर्थ - सिर काटना। |
60. गरदन छुड़ाना | अर्थ - मुसीबत से बच निकलना। |
61. गरदन झुकना | अर्थ - नतमस्तक होना, अधीन होना। लज्जित होना। |
62. गरदन झुकाना | अर्थ - अधीनता स्वीकार करना, समर्पण करना। लज्जित होकर सर नीचा करना। |
63. गरदन ढलकना | अर्थ - मरने के बहुत समीप होना, मर जाना। |
64. गरदन दबाना | अर्थ - कुछ देने या हानि सहने के लिए विवश या मजबूर करना। |
65. गरदन न उठाना | अर्थ - बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना। (शर्म से) सिर न उठाना। |
66. गरदन नापना | अर्थ - किसी को गरदन पकड़ कर धक्का देते हुए बाहर करना। |
67. गरदन पर छुरी चलाना | अर्थ - अपने स्वार्थ के लिए दूसरे का बहुत बड़ा अहित करना, जीविका छीन लेना। |
68. गरदन पर जुआ रखना | अर्थ - जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना। |
69. गरदन पर सवार होना | अर्थ - सिर पर सवार होना। |
70. गरदन फँसना | अर्थ - संकट में पड़ना। |
71. गरदन मरोड़ना | अर्थ - गला दबाकर किसी को मार डालना। |
72. गरदन मारना | अर्थ - सिर काटना। |
73. गरदन में हाथ देना | अर्थ - कहीं से निकाल बाहर करने के लिए गरदन पकड़ना। |
74. गरदन में हाथ पाना | अर्थ - गरदनिया देकर निकाला जाना। |
75. गरदनिया देना | अर्थ - गरदन से पकड़कर धकेलना। |
76. गरम रहना | अर्थ - चूल्हे आदि में आग बराबर जलती रहना। |
77. गरम होना | अर्थ - गुस्से में आना। |
78. गरमागरमी होना | अर्थ - गुस्से में आकर एक दूसरे से बातें करना। |
79. गर्मी खाना | अर्थ - गुस्से या तैश में आना। |
80. गरमी निकालना | अर्थ - (किसी का) दर्प चूर्ण करना, प्रतिकार के द्वार शांत करना। |
81. गरमी होना | अर्थ - अभिमान या घमंड होना। |
82. ग़र्क होना | अर्थ - डूब जाना, नष्ट हो जाना। |
83. गर्दिश में होना | अर्थ - मुसीबत में होना। |
84. गर्भ गिरना | अर्थ - गर्भपात होना। |
85. गर्भ रहना | अर्थ - पेट में बच्चा आना। |
86. गला आना | अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना। |
87. गला उठाना | अर्थ - गले में घंटी के बढ़ या लटक जाने पर उसे ऊँचा कर देना। |
88. गला काटना | अर्थ - चटपटी या तीखी चीज़ खाने पर उसका गले के भीतरी भाग में हलकी खुजली, चुनचुनाहट या जलन पैदा करना। चालाकी या छल से किसी को ठग लेना। |
89. गला खुलना | अर्थ - गले से स्वर ठीक से निकलना। |
90. गला गरमाना | अर्थ - इस प्रकार धीरे-धीरे कुछ बोलना या गुनगुनाना कि गले से उच्च या पूरा स्वर निकल सके। |
91. गला घुटना | अर्थ - धुंए, घुटन आदि के कारण सांस लेना कठिन होना, दम घुटना। |
92. गला घोंटना | अर्थ - गला दबाकर मार डालना। बहुत बड़ी हानि करना। |
93. गला छुड़ाना | अर्थ - पीछा छुड़ाना। |
94. गला छूटना | अर्थ - त्राण या छुटकारा मिलना। |
95. गला जकड़ना | अर्थ - गले में पीड़ा, सूजन या और कोई विकार होना जिसके फलस्वरूप कुछ खाया-पिया न जा सके। |
96. गला जोड़ना | अर्थ - (किसी से) मेल-जोल या घनिष्ठता स्थापित करना। |
97. गला दबाना | अर्थ - गला दबाकर जान से मारना। बलात् किसी से कुछ ऐंठ लेना |
98. गला न छूटना | अर्थ - गला न छूटना |
99. गला पकड़ना | अर्थ - किसी को किसी बात के लिए उत्तरदायी ठहराना। खट्टी चीज़ खाने से गले में कष्ट होना। |
100. गला पड़ना | अर्थ - गले में सूजन तथा पीड़ा होना। |
101. गला फँसना | अर्थ - बंधन या संकट में पड़ना। |
102. गला फटना | अर्थ - गले में ऐसा विकार होना जिससे मधुर स्वर न निकल पाए। |
103. गला फाड़ना | अर्थ - ज़ोर से चिल्ला कर कुछ बोलना या गाना। |
104. गला फिरना | अर्थ - गला फिरना |
105. गला बैठना | अर्थ - अधिक बोलने, गाने या किसी रोग के कारण गले से आवाज़ न निकलना या बहुत मंद या बेसुरी आवाज़ निकलना। |
106. गला भर आना | अर्थ - भावातिरेक के कारण गले आवाज़ न निकलना। |
107. गला भर्राना | अर्थ - गला भर आना, किसी कारण आवाज़ न निकलना। |
108. गला मरोड़ना | अर्थ - धन ऐंठना या बलात् ले लेना। |
109. गले उतारना | अर्थ - अनिच्छापूर्वक ग्रहण या स्वीकार करना। |
110. गले का हार | अर्थ - अत्यंत प्रिय या मूल्यवान वस्तु। |
111. गले की फाँसी | अर्थ - अत्यंत कष्टदायक बात या काम। |
112. गले न उतरना | अर्थ - किसी बात का न जँचना, फलतः स्वीकार्य न होना। |
113. गले पड़ना | अर्थ - (व्यक्ति का) पीछे पड़ जाना। भारस्वरूप होना। |
114. गले पड़ा ढोल बजाना | अर्थ - विवश होकर कोई काम करना या दायित्व निभाना। |
115. गले पर छुरी चलना | अर्थ - बहुत बड़ा अहित करना। |
116. गले बाँधना | अर्थ - गले मढ़ना। |
117. गले में उतारना | अर्थ - पीना।
अच्छी तरह समझा देना। |
118. गले मढ़ना | अर्थ - बलात् साँपना। |
119. गले में चक्की का पात बाँधना | अर्थ - इतना बड़ा दायित्व सौंपना, जिसका निर्वाह संभव न हो। |
120. गले लगना | अर्थ - प्यार से किसी से लिपट जाना। |
121. गले लगाना | अर्थ - आलिंगन करना, अपनाना। |
122. गले से उतारना | अर्थ - खाना, पेट में डालना। |
123. गवाह गुज़रना | अर्थ - अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना। |
124. गवाही देना | अर्थ - किसी साक्षी का किसी पक्ष की ओर से समर्थन करना या उसे ठीक बतलाना। |
125. गस्सा मारना | अर्थ - जल्दी-जल्दी और बड़े-बड़े कौर मुँह में डालना। |
126. गहरा हाथ मारना | अर्थ - बहुत अधिक धन हाथ में कर लेना। |
127. गहरी छनना | अर्थ - घनिष्ठता होना। ऐसी भाँग छानना, जिससे तेज़ नशा हो। |
128. गहरे में चलना | अर्थ - इस प्रकार आचरण या व्यवहार करना की लोगों को वास्तविक उद्देश्य का आभास न लगे। |
129. गाँठ कतरना | अर्थ - चोरी या चालाकी से किसी के पास का धन ले लेना। |
130. गाँठ का पूरा | अर्थ - धनी, मालदार। |
131. गाँठ खुलना | अर्थ - कठिनाई या उलझाव दूर होना, समस्या का समाधान मिलना या निराकरण होना। |
132. गाँठ खोलना | अर्थ - मन में छिपा हुआ द्वेष-भाव स्पष्ट रूप से व्यक्त करना कि भविष्य में पुनः परस्पर दुर्भावना न उत्पन्न हो। |
133. गाँठ जोड़ना | अर्थ - विवाह के समय वर वधू या किसी धार्मिक कृत्य के समय पति-पत्नी के दुपट्टे में गाँठ बाँधना। परस्पर बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित करना। |
134. गाँठ निकालना | अर्थ - जिसने अपकार किया हो उसका जी भर अपकार करना। |
135. गाँठ पड़ना | अर्थ - (दो व्यक्तियों या पक्षों में) द्वेष या वैमनस्य हो जाना। |
136. गाँठ बाँधना | अर्थ - (कोई बात) सदा स्मरण रखना। |
137. गाँठ में कुछ होना | अर्थ - पल्ले धन होना। |
138. गाँठ में बाँध लेना | अर्थ - सदा स्मरण रखना। |
139. गाँठ में होना | अर्थ - गाँठ में अर्थात् पल्ले धन होना। |
140. गाँठ रखना | अर्थ - (व्यक्ति को) पहले से मिला या पटा लेना। |
141. गाँठ से | अर्थ - पल्ले से, पास से। |
142. गाँठ लगाना | अर्थ - याद रखना, गाँठ में बाँध रखना। |
143. गागर में सागर भरना | अर्थ - गिनती के या थोड़े से शब्दों में बहुत अधिक भाव या विचार सँजोना या व्यक्त करना। |
144. गाज पड़ना | अर्थ - बहुत बड़ी हानि या अनिष्ट होना, फलत: नष्ट या बरबाद होना। |
145. गाजर-मूली समझना | अर्थ - (किसी व्यक्ति को) कमज़ोर, बेदम, अपेक्ष्य या हेय समझना। |
146. गाड़ी अटकना | अर्थ - काम कुछ समय के लिए रुक जाना। |
147. गाड़ी खिंचना | अर्थ - निर्वाह होना। |
148. गाड़ी ठीक से चलना | अर्थ - क्रम, गति या निर्वाह उचित रीति से होना। |
149. गाड़ी बीच में अटकना | अर्थ - काम का बीच में ही विघ्न-बाधा के आ जाने से रुक जाना। |
150. गाढ़ा समय | अर्थ - कष्ट या मुसीबत के दिन। |
151. गाढ़ी कमाई | अर्थ - खून-पसीने की कमाई। |
152. गाढ़ी छनना | अर्थ - अत्यंत घनिष्ठता होना। |
153. गात से होना | अर्थ - गर्भवती होना। |
154. ग़ायब करना | अर्थ - (कोई चीज़) चुरा लेना या हटा-बढ़ा देना। |
155. गारद में रखना | अर्थ - (अपराधियों आदि को) पहरे में रखना। |
156. गाल करना | अर्थ - बढ़-बढ़कर और उदण्डतापूर्वक बातें करना। |
157. गाल फुलाना | अर्थ - चेहरे से रोष और क्रोध झलकना। |
158. गाल बजाना | अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना। |
159. गाल मारना | अर्थ - बहुत बढ़-चढ़कर बातें करना या डींग मारना। |
160. गाल में चावल भरे होना | अर्थ - मुँह से ठीक तरह बात न निकलना। |
161. गाल में जाना | अर्थ - काल के गाल में जाना। |
162. गाल में भरना | अर्थ - (कोई चीज़) मुँह में डालना या रखना। |
163. गाली खाना | अर्थ - चुपचाप अपने संबंध में किसी के द्वारा कहे हुए अपशब्द सुनना। |
164. गाली देना | अर्थ - अपशब्द कहना। |
165. गिटपिट करना | अर्थ - ऐसी भाषा में बोलना, जिसे सुनने वाला न समझता हो। अस्पष्ट बोलना। |
166. गिनती के ही | अर्थ - बहुत कम। |
167. गिनती में लाना | अर्थ - प्रतिष्ठा या आदर के योग्य समझना। |
168. गिनती ही न होना | अर्थ - संख्या में इतना अधिक होना कि सहसा गिनती न हो सके। |
169. गिरगिट की तरह रंग बदलना | अर्थ - कभी कुछ और कभी कुछ करना, एक बात पर स्थिर न रहना। |
170. गिरते-पड़ते | अर्थ - किसी न किसी तरह, बड़ी-बड़ी मुसीबतें उठाते हुए। |