सपना वर्मा (वार्ता | योगदान) (''''आँखों के सामने उभर आना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्त...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
'''अर्थ'''- मानसिक चक्षुओं को स्पष्ट दिकाई पड़ना। | '''अर्थ'''- मानसिक चक्षुओं को स्पष्ट दिकाई पड़ना। | ||
'''प्रयोग'''- और तो और इलियट लेन का वह छोटा सा मकान जहाँ | '''प्रयोग'''- और तो और इलियट लेन का वह छोटा सा मकान जहाँ बरसों सोया और जागा, रोया और हँसा उभर आया इन [[आँख|आँखों]] के सामने। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह) | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}} | ||
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | [[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]] | ||
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | [[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]] | ||
[[Category:साहित्य कोश]] | [[Category:साहित्य कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:15, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
आँखों के सामने उभर आना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- मानसिक चक्षुओं को स्पष्ट दिकाई पड़ना।
प्रयोग- और तो और इलियट लेन का वह छोटा सा मकान जहाँ बरसों सोया और जागा, रोया और हँसा उभर आया इन आँखों के सामने। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)