"आँखों में बैठाना": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''आँखों में बैठाना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}")
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
'''अर्थ'''- आदरपूर्वक स्थान देना।
'''अर्थ'''- आदरपूर्वक स्थान देना।


'''प्रयोग'''- [[स्त्रीपुत्रकामावाप्ति व्रत|नारी]] तो एक बार जिसे [[आँख|आँखों]] के कोए में बिठा लेती है उसे उतार नही पातीं। - ([[राधिका|राजा राधिका  प्रसाद सिंह]])   
'''प्रयोग'''- नारी तो एक बार जिसे [[आँख|आँखों]] के कोए में बिठा लेती है उसे उतार नही पातीं। - (राजा राधिका  प्रसाद सिंह)   




पंक्ति 9: पंक्ति 9:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

12:16, 20 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

आँखों में बैठाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- आदरपूर्वक स्थान देना।

प्रयोग- नारी तो एक बार जिसे आँखों के कोए में बिठा लेती है उसे उतार नही पातीं। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र