"गरदन न उठाना": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''गरदन न उठाना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे|...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "==संबंधित लेख== {{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लो�)
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 2: पंक्ति 2:


'''अर्थ'''-  
'''अर्थ'''-  
#बीमारी की हालत में बेसुध पड़े, रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना।
#बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना।
#(शर्म से) सिर न उठाना।
#(शर्म से) सिर न उठाना।


'''प्रयोग'''- उनसे अपनी गरदन छुड़ाने में बड़े पापड़ बेलने पड़े।


'''प्रयोग'''-
#बुखार के कारण इतनी कमज़ोरी आ गई है कि अपनी गरदन नहीं उठा पा रहा हूँ।
#अपनी पुत्री की हरकतों से वह इतना लज्जित है कि किसी के सामने गरदन नहीं उठा सकता।


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

12:42, 21 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

गरदन न उठाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ-

  1. बीमारी की हालत में बेसुध पड़े रहना, गरदन तक हिलाने की हिम्मत न होना।
  2. (शर्म से) सिर न उठाना।


प्रयोग-

  1. बुखार के कारण इतनी कमज़ोरी आ गई है कि अपनी गरदन नहीं उठा पा रहा हूँ।
  2. अपनी पुत्री की हरकतों से वह इतना लज्जित है कि किसी के सामने गरदन नहीं उठा सकता।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र